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लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी सभी अखिलेश के साथ

भाजपा को झटका देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के बड़े सितारे समाजवादी विचारधारा से प्रभावित होकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी सभी अखिलेश के हाथों में हाथ लिए दिखाई दिए।

लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी सभी अखिलेश के साथ
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लखनऊ। यूपी में चुनावी संग्राम शुरू हो चुका है। ऐसे में भाजपा को झटका देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के बड़े सितारे समाजवादी विचारधारा से प्रभावित होकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। कई दिनों के हलचल के बाद आज लखनऊ में सपा कार्यालय पर बड़ा सियासी मेला लगा और लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी सभी अखिलेश के हाथों में हाथ लेकर भाजपा को सत्ता से विमुक्त करने का संकल्प लेते नजर आये।

भाजपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सहित 8 विधायकों ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर लगे सियासी मेले के दौरान सपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का हाथ थाम लिया। अखिलेश यादव ने मंच पर पहुंचकर सबको पार्टी की सदस्यता दिलाई। तब तक दारा सिंह चौहान वहां पर नहीं पहुंच पाये थे। अखिलेश ने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य को धन्यवाद दूंगा। वह जिस तरफ चल देते हैं, सरकार उनकी ही बन जाती है। इस बार कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले हैं। इस बार साइकिल का हैंडल भी ठीक है और पहिए भी। पैडल चलाने वाले आ गए हैं। अब सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।

सपा के मंच पर साइकिल पर सवार होते ही पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि अब भाजपा की सरकार का खात्मा करके यूपी को भाजपा के शोषण से मुक्त कराना है। मैं अखिलेश के साथ भाजपा को नेस्तनाबूत कर दूंगा। अखिलेश नौजवान हैं। पढ़े-लिखे हैं। नई ऊर्जा है। एक और बात कहूंगा कि जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका अता-पता नहीं रहता। इसका उदाहरण हैं बहनजी। उनको घमंड हो गया था। बाबा भीमराव को भूल गईं। काशीराम को भूल गईं। परिवर्तन आंदोलन के नारे को बदल दिया। थैली वालों के पीछे खड़ी हो गईं। मैंने साथ छोड़ा तो क्या हश्र हुआ उनका।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता जो कुंभकरण की तरह सो रहे थे, जिनको कभी विधायक और मंत्रियों से बात करने का वक्त नहीं मिलता था। हम लोगों के इस्तीफा देने के बाद उनकी नींद हराम हो गई है। आज सत्ता में 5 फीसदी लोग मलाई खा रहे हैं। अब 80 और 20 की लड़ाई नहीं, बल्कि 15 और 85 की लड़ाई होगी। 85 तो हमारा है और 15 में भी बंटवारा है। योगी सरकार में दलित और पिछड़ों का हक सामान्य वर्ग को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि योगी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर पाप कर रहे हैं और दुहाई हिंदू की देते हैं। क्या आपकी नजर में दलित, पिछड़ा वर्ग हिंदू नहीं है क्या। अगर आपकी नजर में सिर्फ 5 फीसदी लोग हिंदू हैं तो आपकी खटिया खड़ी होनी तय है। समाजवादी पार्टी जाइन करने वाले योगी के एक अन्य मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि अखिलेश भावी नहीं, अब ब्ड हैं। उन्होंने कहा कि कोविड और आचार संहिता न होती तो 10 लाख की रैली कर आपको सम्मानित किया जाता। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दलितों और पिछड़ा वर्ग ने आपको ब्ड बनाने के लिए संकल्प लिया है। भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि जहां से आ रहे हैं, उनसे कई गुना ज्यादा सम्मान मिल रहा है।

अखिलेश ने कहा कि वो 80 की बात करते हैं। मुझे लगता है कि समाजवादी गठबंधन के साथ 80 फ़ीसदी लोग तो पहले से थे। उन्होंने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। कोई भी फसल और पैदावार सरकार ने खरीदी नहीं। अगर किसी को खाद मिल भी गई तो बोरी देखने के बाद उसमें 5 किलो की चोरी गई है। जिस कंपनी के पास पेट्रोल और डीजल की सप्लाई का काम है, वहीं की गलत नीतियों की वजह से 600 फीसदी तक मुनाफा कमा रहे हैं। समाजवादी और अंबेडकरवादी लोग मिलकर अगर साथ लड़ेंगे तो इस बार हम लोग 400 सीटें भी जीत सकते हैं। जनता बदलाव और परिवर्तन चाहती है। लोहियावादी, समाजवादी और आंबेडकरवादी अब साथ आ गए हैं। सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। कितने भी दिल्ली वाले आ जाएं, बाबा पास नहीं होने वाले हैं।

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