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MUZAFFARNAGAR-पति का सम्मान बचाने को हमलावर से भिड़ गई शहीद बचन सिंह की पत्नी, टूट गई अंगुली

पुलिस के सामने ही शहीद स्मारक पर पत्थर बरसाता रहा आरोपी, चीखने-पुकार के बाद भी मूकदर्शक बने रहे पुलिसकर्मी, प्रतिमा खंडित करने से पूर्व सैनिकों में रोष, शहीद बचन स्मारक पर पहुंचकर किया प्रदर्शन, सख्त कार्यवाही की मांग

MUZAFFARNAGAR-पति का सम्मान बचाने को हमलावर से भिड़ गई शहीद बचन सिंह की पत्नी, टूट गई अंगुली
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मुजफ्फरनगर। शहर के रेलवे रोड पर स्थित कारगिल जंग के शहीद लांस नायक बचन सिंह का शहीद स्मारक एक बार फिर से अपमान के घूंट पीता नजर आया। यहां पर शहीद बचन सिंह के परिजनों द्वारा बनाये गये भव्य स्मारक में पुलिसकर्मियों के सामने ही घुसकर एक व्यक्ति ने शहीद की प्रतिमा पर पत्थर बरसा दिये। इससे प्रतिमा खंडित हो गई और लाइटें भी टूट गईं। संयोग से वहां से गुजर रही शहीद बचन सिंह की पत्नी का निगाह जब इस हमलावर पर गई तो वो रिक्शा से उतरकर सीधे उससे भिड़ गई। हमलावर ने उन पर भी हमला कर घायल कर दिया, शोर-शराबा भी खूब हुआ, लेकिन वहां तैनात पुलिसकर्मियों को सुध नहीं आई। बाद में अकेली महिला ने ही आरोपी को दबोचकर वहां खड़े पुलिस यातायात सिपाही की मदद से थाने तक पहुंचाया। आज सवेरे इस मामले को लेकर पूर्व सैनिकों में रोष उत्पन्न हो गया। उन्होंने शहीद स्मारक पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और एसएचओ से मिलकर मामले में गंभीर कार्यवाही करने के साथ ही घटना के पीछे का मकसद उजागर करने की मांग की है। इसके लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। वहीं पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी व्यक्ति को मानसिक रोगी बताया जा रहा है, जिसका पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद चालान कर दिया।


पाकिस्तान के साथ हुई कारगिल की जंग में देश के अनेक वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान मातृभूमि के लिए किया। ऐसे ही वीर बलिदानियों में गांव पचैंडा कलां के निवासी किसान महावीर सिंह के पुत्र बचन सिंह की कहानी भी शामिल है। साल 1999 में जब पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के कारगिल में एक साजिश के तहत घुसकर भारत पर हमला किया तो लंबी जंग छिड़ी थी। इसी में बचन सिंह शहीद हो गए। उनके परिवार ने रेलवे रोड पर सिविल लाइन थाने और सोल्जर्स बोर्ड के बीच उनका स्मारक बनवाया और प्रतिमा स्थापित की। यहां शहीद बचन सिंह की याद में एक चौराहे का नामकरण शहीद बचन सिंह चौक किया गया। इसी नामकरण को लेकर विवाद के कारण देशभर में चर्चाओं में रहा शहीद बचन सिंह का यह स्मारक एक बार फिर से सुर्खियों में आया है।

यहां पर शहीद की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। इस मामले में शहीद की पत्नी कामेश बाला निवासी आदर्श कालोनी ने सिविल लाइन में तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। तहरीर में कामेश बाला ने बताया कि वो 25 अपै्रल की शाम करीब साढ़े सात बजे शहर की मार्किट से ई रिक्शा में बैठकर वापस घर लौट रही थी, कि उसने देखा कि उसके पति स्वर्गीय बचन सिंह की मूर्ति पर एक व्यक्ति पत्थर से हमला करते हुए उसको क्षतिग्रस्त करने का प्रयास कर रहा है। यह देखकर कामेश बाला ने रिक्शा रुकवाई और शोर मचाते हुए स्मारक पर पहंुच गई। कामेश ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया तो उसने उन पर भी हमला कर दिया और हाथापाई करते हुए हाथ मरोड़ दिया। इससे कामेश की दाहिने हाथ की एक अंगुली टूट गई, लेकिन अपने पति के सम्मान में चोट की परवाह न करते हुए कामेश बाला ने भागते हुए हमलावर को फिर से दबोच लिया। कामेश का आरोप है कि उस दौरान कई पुलिस कर्मी भी वहां थे, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। जब उसने चीखना चिल्लाना शुरू किया तो वहां खड़े यातायात पुलिस के सिपाही ने उसकी मदद की और वो उसके सहोर आरोपी को सिविल लाइन थाने ले गई। कामेश ने अपनी तहरीर में आरोपी हमलावर व्यक्ति के साथ ही वहां पर तैनात पुलिसकर्मी की भी जांच कराने और लापरवाही बरतने पर कार्यवाही करने की मांग की। एसएचओ ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि इस मामले में आरोपी की पहचान शमशाद पुत्र मौहम्मद रफीक निवासी हाजीपुरा के रूप में हुई। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 427 के अलावा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम 1984 की धारा 3/5 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसएचओ का कहना है कि आरोपी मानसिक रोगी है, लेकिन फिर भी आज जिला अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है। इसके बाद उसका चालान कर दिया गया।


वहीं इस घटना को लेकर पूर्व सैनिकों में रोष व्याप्त है। शुक्रवार को सवेरे राष्ट्रीय सैनिक संस्था के प्रदेश संयोजक परमेनद्र राठी, प्रदेश सचिव किरणपाल पंवार, जिलाध्यक्ष सूबेदार अशोक कुमार, रूकमेश चौहान, रविन्द्र कुमार, ईश्वर सिंह और इसम सिंह आदि पूर्व सैनिक शहीद की पत्नी कामेश बाला और उनके छोटे पुत्र हेमंत कुमार के साथ स्मारक पर पहुंचे और प्रदर्शन करते हुए रोष जताया। इसके बाद वो सिविल लाइन थाने पहुंचकर एसएचओ ओमप्रकाश से भी मिले। पूर्व सैनिकों ने उनसे आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही, घटना के पीछे का मकसद पता लगाने, शहीद बचन सिंह सहित अन्य शहीदों और महापुरुषों की प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध करने और खंडित प्रतिमा को ठीक कराने की मांग की। इसके लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। एसएचओ ने आश्वासन दिया कि वो बचन सिंह स्मारक पर सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगवाने के साथ ही वहां पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी लगवायेंगे।

तोलोलिंग की लड़ाई में दिया बचन ने बलिदान, बेटा भी पिता की बटालियन में कर रहा देशसेवा

मुजफ्फरनगर। लांस नायक बचन सिंह 2 राजपूताना राइफल्घ्स से जुड़े थे। 12 जून 1999 को कारगिल स्थित तोलोलिंग की पहाड़ियों को दुश्मन से बचाते हुए, बचन सिंह शहीद हो गए। बेटा हितेश ठीक 20 वर्ष बाद उसी रेजीमेंट की उसी यूनिट में ऑफिसर बनकर पहुंचा और अपने पिता को एक नई पहचान देते हुए देश सेवा कर रहा है। लांस नायक पचैंडा कलां निवासी बचन सिंह सन् 1989 में सेना का हिस्सा बने थे। बचन सिंह के दो जुड़वा बेटे हैं जिनमें एक हितेश इंडियन आर्मी ऑफिसर है तो एक और बेटा हेमंत कुमार अपनी माता के साथ रहता है। लांस नायक बचन सिंह ने सेना में 10 वर्षों तक सेवा दी और आज भी उनकी यूनिट उन्हें एक अनुशासित सैनिक के तौर पर याद करती है। दिल्ली कैंट स्थित रेजीमेंटल सेंटर से बचन सिंह ने शुरुआती ट्रेनिंग ली और फिर उन्हें पोस्टिंग दी गई। बचन सिंह, मेजर विवेक गुप्ता की टीम में थे जिसे तोलोलिंग को दुश्मन से वापस लेने का जिम्मा सौंपा गया था। लांस नायक बचन सिंह और मेजर विवेक गुप्ता को तोलोलिंग के प्वाइंट 4590 को वापस हासिल करना था। इसी दौरान 12 जून को वो पाकिस्तान रेंजर की फायरिंग में घायल हुए और 13 जून 1999 को उपचार के दौरान शहीद हो गये। एक जून 2001 को उनके सम्मान में शहर के रेलवे रोड पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की गई, जिसका शुभारंभ उनके पिता महावीर सिंह के साथ तत्कालीन रालोद अध्यक्ष अजित सिंह और शिक्षा )षि स्वामी कल्याण देव द्वारा किया गया था। इसके बाद शहीद परिवार ने इस स्मारक का सौन्द्रर्यकरण अपने खर्च पर कराया और मंदिर नुमा इस स्मारक का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने फरवरी 2022 में शहीद परिवार के साथ किया था।

30 अप्रैल को आ रहे कर्नल वेटरन के समक्ष उठेगा बचन स्मारक का प्रकरण

मुजफ्फरनगर। कारगिल जंग के शहीद लांस नायक बचन सिंह के स्मारक में घुसकर उनकी प्रतिमा को खंडित करने के प्रकरण में परिजन स्तब्ध हैं और पूर्व सैनिकों में गुस्सा है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में संवेनदनशीलता के साथ कार्य किया और प्रतिमा को ठीक कराने के लिए मुजफ्फरनगर से लेकर जयपुर तक के मूर्तिकारों से सम्पर्क शुरू कर दिया है, ऐसे में बचन सिंह की पत्नी कामेश बाला और पूर्व सैनिक इस प्रकरण को 30 अपै्रल को यहां आ रहे कर्नल वेटरन के समक्ष भी उठाने की तैयारी कर रहे हैं। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल राजीव चौहान ने बताया कि शहीद, भूतपूर्व एवं सेवारत सैनिकों, शहीद सैनिकों की पत्नियों की शिकायत, समस्या और सुझाव सुनने के लिए सब एरिया मेरठ के कर्नल वेटरन 30 अपै्रल को प्रातः दस बजे सोल्जर्स बोर्ड कार्यालय आ रहे हैं। उनके इस अवधि में सम्पर्क किया जा सकता है। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के प्रदेश संयोजक परमेन्द्र राठी ने बताया कि इस दिन पूर्व सैनिक और शहीद बचन सिंह के परिजन भी कर्नल वेटरन से मिलेंगे।

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