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LOKSABHA CHUNAV-सात साल बाद मुजफ्फरनगर आ रही मायावती

सहारपुर और मुजफ्फरनगर में बसपा प्रत्याशियों के समर्थन में 14 अपै्रल को रैलियों को करेंगी सम्बोधित, संगठन तैयारियों में जुटा, 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की थी जिले में चुनावी जनसभा, 2019 और 2022 के चुनावों में रही खामोश

LOKSABHA CHUNAV-सात साल बाद मुजफ्फरनगर आ रही मायावती
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मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। इससे चार दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए माहौल बनाने के लिए पूरी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है, वो अपने परम्परागत अंदाज में 14 अप्रैल को भार रत्न डाॅ. भीम राव आंबेडकर की जयंती के दिन चुनाव के नजदीक ही अपने सियासी प्रचार अभियान का शुभारंभ करेंगी। है। 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर बसपा सुप्रीमो मायावती सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में रैली को संबोधित करेंगी। जिले में सात साल के लंबे अंतराल के बाद मायावती किसी सार्वजनिक चुनावी सभा को संबोधित करेंगी। मायावती से पहले इस क्षेत्र में पीएम मोदी, सीएम योगी के साथ ही अमित शाह और जयंत चौधरी की रैली हो चुकी हैं। सहारनपुर में छह अपै्रल को पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली प्रस्तावित है।

साल 2009 के चुनाव में सहारनपुर मंडल की तीनों लोकसभा सीटों पर बसपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। सहारनपुर से जगदीश सिंह राणा, कैराना सीट से तबस्सुम बेगम चुनाव जीतकर सांसद बने थे, तो वहीं मुजफ्फरनगर सीट कादिर राणा ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। 2014 में इन तीनों सीटों पर बसपा अपना वजूद कायम नहीं रख पाई थी और मोदी लहर और मुजफ्फरनगर दंगों की गरमाहट में हुए चुनाव में ये तीनों सीट भाजपा ने जीत ली थी। कैराना से हुकुम सिंह, सहारनपुर से राघव लखन पाल और मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान ने चुनाव जीता था। सहारनपुर के साथ ही मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट को सियासी समीकरण और प्रभाव के कारण उत्तर प्रदेश की नम्बर वन सीट माना जाता है। ऐसे में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने फिर से जोर दिखाया और सहारनपुर संसदीय सीट पर बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में जीत हासिल कर भाजपा से यह सीट जीत ली। इस बार पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है।

सहारनपुर में अपनी सीट बचाने और मुजफ्फरनगर में खोया वजूद वापस पाने को बसपा काई कसर नहीं छोड़ना चाहती, इसी के तहत दलित मुस्लिम समीकरण के आधार पर पार्टी ने सहारनपुर से ओबीसी मुस्लिम प्रत्याशी माजिद अली तो वहीं मुजफ्फरनगर सीट से भी ओबीसी को तवज्जो देते हुए दलित पिछड़ा गठजोड़ समीकरण के तहत दारा सिंह प्रजापति पर दांव खेला है। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा सात साल के बाद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर में आंबेडकर जयंती पर बसपा सुप्रीमो की रैली, उनके लिए इन दोनों सीटों का महत्व बताने को काफी है। इसके साथ ही बसपा चीफ मायावती के भतीजे और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद भी 7 या 8 अप्रैल को सहारनपुर में रहेंगे। आकाश आनंद छह अप्रैल को नगीना सीट से प्रचार अभियान शुरू कर रहे हैं। बसपा जिलाध्यक्ष सतीश कुमार रवि ने बताया कि पार्टी की मुखिया मायावती का सात साल के बाद यहां दौरान तय हो चुका है। जिला मुख्यालय पर नुमाइश मैदान पर 14 अपै्रल को मायावती बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति के साथ रैली करेंगी। इसमें पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए गांव गांव तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में गागलहेडी में उनकी रैली तय की गयी है। पहले वो सहारनपुर में रैली करेंगी और फिर मुजफ्फरनगर आयेंगी।

बता दें कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने साल 2013 में कवाल कांड की तपिश में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के बाद साल 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए इस जिले से अपने प्रत्याशी कादिर राणा के लिए रैली की थी। इसके बाद मायावती साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए मुजफ्फरनगर में प्रचार के लिए रैली करने आई थी, लेकिन साल 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने यहां प्रचार नहीं किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में तो मायावती ने पूरे प्रदेश में ही चुनाव प्रचार से परहेज किया, नतीजा यह हुआ कि मायावती देश के सबसे बड़े संसदीय संख्याबल रखने वाले उत्तर प्रदेश में शून्य के करीब पहुंच गयी।

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