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MUZAFFARNAGAR--पालिका के लाखों रुपये के वाहन कर दिये कबाड़

शहर के मौहल्ला रामपुरी में कब्रिस्तान के पास कई माह से लावारिस खड़े कूड़ा वाहनों की पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने ली सुध, मांगी रिपोर्ट। सभासद हकीम इरशाद ने की पालिकाध्यक्ष से शिकायत, जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लगी गाड़ियों के पहिये, साइलेंसर, बैट्री सहित अन्य कीमती सामान भी हुआ गायब।

MUZAFFARNAGAR--पालिका के लाखों रुपये के वाहन कर दिये कबाड़
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में भ्रष्टाचार और लापरवाही की सीमा का कोई अंदाजा नहीं है। हाल ही में पालिका के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ ही कर्मचारियों ने मोर्चा खोलकर विरोध किया तो कर्मचारियों के सहारे पालिका में चल रही भ्रष्ट व्यवस्था की कई शिकायत सामने आई, ऐसे में अब एक मामला और उजागर हुआ है। पालिका के तीन कूड़ा वाहन लावारिस अवस्था में सड़क पर खड़े मिले हैं। इन वाहनों में कूड़ा भरा पड़ा और इनके पहिये से लेकर साइलेंसर, बैट्री तथा कई अन्य कीमती सामान भी गायब हैं। वाहन बुरी तरह से जर्जर अवस्था में है। पालिका के सभासद ने वाहनों की दुर्दशा देखी तो उन्होंने पालिकाध्यक्ष से शिकायत करते हुए जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है। इसके बाद पालिकाध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ईओ से रिपोर्ट देने के लिए कहा है।


शहर के वार्ड 44 के सभासद हकीम इरशाद ने रविवार को नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप से मिलकर उनको शिकायत पत्र सौंपा। सभासद ने इसमें कहा कि पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के नेतृत्वा वाला निर्वाचित समस्त बोर्ड पालिका को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने के लिए कृकृत संकल्प होकर कार्य कर रहा है, लेकिन मेरे संज्ञान में एक ऐसा विषय आया है, जो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की चरम सीमा की ओर इशारा कर रहा है। शहर के मौहल्ला रामपुरी में कब्रिस्तान स्थित है। इसमें लद्दावाला, रामपुरी के साथ ही अन्य इलाकों के लोगों को सुपुर्दे खाक करने के लिए लोगों का आना जाना बना रहता है। जब वो विगत दिवस वहां पर गये तो कब्रिस्तान की दीवार के साथ नगरपालिका परिषद् के तीन कूड़ा वाहन जर्जर अवस्था में खड़े हुए मिले हैं। देखने में ये पूरी तरह से नये प्रतीत होते हैं, क्योंकि इन वाहनों की सीटों पर आज भी पाॅलिथिन कवर चढ़ा हुआ हैं। इन तीन वाहनों में से काफी सामान गायब है, जो शायद चोरी कर लिया गया है। एक वाहन के चारों पहिये उताकर उसको ईंटों पर खड़ा किया गया है। इसके अलावा वाहनों से साइलेंसर, बैट्री और अन्य कीमती सामान चुराया गया है।


सभासद हकीम इरशाद का कहना है कि मेरे संज्ञान में जो आया है, उसके अनुसार इन तीन वाहनों की खरीद पूर्व पालिका बोर्ड के कार्यकाल में की गयी और करीब 20-25 लाख रुपये पालिका द्वारा इस खरीद पर खर्च किये गये, लेकिन इन वाहनों के कब्रिस्तान पर खड़ा रहने से यह साफ तौर पर प्रतीत होता है कि खरीद के बाद इन वाहनों का जनहित की सेवा में कोई भी प्रयोग नहीं किया गया है। यदि यह खरीद वास्तव में पालिका द्वारा की गयी है तो इन वाहनों का ऐसे जर्जर होना एक गंभीर वित्तीय अनियमितता और घोर लापरवाही का मामला है। यदि ये वाहन पालिका ने खरीदे नहीं है तो यह वहां पर किसने पार्क कराये हैं, उसके खिलाफ भी जांच कर कार्यवाही होनी चाहिए। क्योंकि पूर्व बोर्ड में पहले ही 35 गारबेज टिपर वाहन खरीद के मामले में गंभीर घोटाला होने की चर्चाएं लोगों के बीच बनी हुई हैं। उन्होंने इसमें लिप्त पालिका अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्यवाही कराने की मांग की है। सभासद का कहना है कि वार्ड में कूड़ा निस्तारण के लिए पालिका के पास गाड़ियों की कमी है, ऐसे में तीन गाड़ी लावारिस खड़ी जर्जर हो गई, इसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।


सभासद की शिकायत पर पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि उनके संज्ञान में तीन कूड़ा वाहनों के लावारिस खड़े रहने का मामला आया है। यह गंभीर विषय है। पालिका की सम्पत्ति को इस तरह से जर्जर हो जाना वित्तीय अनियमिता और लापरवाही को प्रदर्शित करता है। सभासद की शिकायत पर उन्होंने ईओ को पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट आने के बाद मामले में दोषी पाये जाने वाले लोगों पर निश्चित ही कार्यवाही कराई जायेगी। पालिका की सम्पत्ति जनता के लिए है, इसको क्षति पहुंचाना या खुर्दबर्द करना गंभीर विषय है। हम पहले ही दिन से भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने के लिए काम कर रहे हैं।

तीन कूड़ा वाहनों के जर्जर होने का ये है सारा मामला

मुजफ्फरनगर पालिका के तीन कूड़ा वाहनों का कब्रिस्तान के बाद कूड़ा बन जाना पूरी तरह से लापरवाही को उजागर करता है। दरअसल, अंजू अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान शहर में 50 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए ठेका छोड़ा गया था, लेकिन कई बार के प्रयास में भी केवल 10 वार्डों का ही ठेका छूट सका। जोकि राजेश कुमार ठेकेदार को मिला था। इसमें पालिका की ओर से प्रत्येक वार्ड के लिए एक कूड़ा वाहन ठेकेदार को दिया गया था, जिसमें गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग एकत्र किया जा सके। राजेश ने शहर के वार्ड संख्या 3, 7, 9, 11, 19, 25, 32 और 34 सहित दस वार्डों में काम शुरू कर दिया था। राजेश करीब तीन साल से यह कार्य कर रहा है। मार्च-2023 में ठेका पूरा हो जाने के बाद भी राजेश अभी तक कुछ वार्डों में काम कर रहा है। इन वार्डों में दिये गये दस वाहनों में से ही तीन वाहन कब्रिस्तान के पास खड़े कर दिये गये।

पालिका ने ठेकेदार को दिये थे दस वाहन, अब वापस लेने की तैयारी

मुजफ्फरनगर रामपुरी में कब्रिस्तान के पास खड़े पालिका कूड़ा वाहनों से पालिका के अधिकारी अंजान नहीं है, लेकिन उनको बारिश और धूप में गलने के लिए छोड़ दिया गया है। पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल कुमार ने बताया कि पूर्व बोर्ड ने पालिका के कुछ वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए ठेका दिया था। वार्डों से कूड़ा कलेक्शन करने के लिए ठेकेदार को पालिका के द्वारा दस वाहन भी उपलब्ध कराये थे, जो नये थे। इन्हीं में तीन कूड़ा वाहन रामपुरी में खड़े हुए हैं। ये ठेकेदार ने ही खड़े कर रखे हैं। ठेकेदार का ठेका समाप्त हो गया है, अब नया टैण्डर कराने की तैयारी है। ऐसे में ठेकेदार से दिये गये दस कूड़ा वाहन सही अवस्था में वापस लेने की तैयारी विभाग कर रहा है। कूड़ा वाहन जर्जर अवस्था में कैसे पहुंचे, इसके लिए ठेकेदार का ही दायित्व बनता है, उससे जवाब लिया जायेगा।

वार्डों में काम बंद, पालिका को हैंडओवर नहीं किये वाहन

मुजफ्फरनगर पालिका के ठेकेदार राजेश कुमार ने कई वार्डों में कूड़ा कलेक्शन का काम तो बंद कर दिया, लेकिन उन वार्डों के लिए मिले वाहनों को पालिका को हैंडओवर नहीं किया। राजेश कुमार ने बताया कि दस वार्डों में कमीशन बेस पर उन्होंने काम शुरू किया था। ये उनको तीसरा साल है। मार्च में टैण्डर पूरा हो जाने पर उन्होंने पालिका प्रशासन को लिखित में दे दिया था, लेकिन पालिका अफसरों ने काम करते रहने के लिए मौखिक निर्देश दिये। वार्ड सात के अन्तर्गत आनंद भवन, रेलवे रोड कचहरी आदि क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन नहीं हो पा तो रहा था, तो वहां पर उन्होंने काम बंद करा दिया। कब्रिस्तान के पास जो गाड़ियां खड़ी हैं, उनके पहिये उन्होंने ही उतारे हैं, ताकि कोई चोरी न कर ले। सामान उनके पास सुरक्षित रखा है। ये वाहन करीब 5-6 माह से वहां पर खड़े हुए हैं। पालिका को हैंडओवर नहीं करने पर उन्होंने कहा कि वो एक साथ सभी दस वाहनों को हैंडओवर करेंगे। इसलिए तीन वाहन खड़े करा दिये।

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