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मुजफ्फरनगर पालिका...अब 5.20 लाख हो गई शहर की आबादी

नगरपालिका परिषद् के सीमा विस्तार के बाद रैपिड सर्वे की रिपोर्ट में जिला प्रशासन ने जारी किया नया आंकडा, शहर में 31 प्रतिशत से ज्यादा पिछड़ी जातियों के लोगों की संख्या,

मुजफ्फरनगर पालिका...अब 5.20 लाख हो गई शहर की आबादी
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के सीमा विस्तार के बाद शहरी क्षेत्र के नये आंकडे सामने आ गये हैं। अब शहर की कुल जनसंख्या 5.20 लाख से भी ज्यादा हो गयी है। इतनी बड़ी जनसंख्या को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के साथ ही प्रस्तावित ग्रामीण क्षेत्र के शहरीकरण की ओर बढ़ने पर वहां पर पानी, सड़क और निकासी की व्यवस्था का दबाव भी पालिका पर पड़ने जा रहा है। इसके साथ ही शहर में वार्डों का संख्या बल अब 60 हो गया है। ऐसे में एक सभासद का एरिया भी बड़ा हुआ है। जनपद में 60 वार्डों के नये परिसीमन में सिमटे शहर की जनसंख्या में 31 प्रतिशत से ज्यादा पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी सामने आई है। इनमें शहर के नये वार्डों में दो वार्ड ऐसे हैं, जहां पर पिछड़ा वर्ग के परिवारों की संख्या एक हजार से भी ज्यादा है। सबसे बड़ी पिछड़ी जाति की संख्या बल रखने वाले वार्डों में अलमासपुर, लद्दावाला और सरवट के वार्ड हैं। शहर के इन 60 वार्डों में पिछड़ी जातियों के परिवारों की संख्या 25 हजार से भी ज्यादा है। कुल जनसंख्या में इनका संख्या बल 1.63 लाख से ऊपर हो गया है।

नगरपालिका परिषद् के सीमा विस्तार के बाद निकाय की पिछड़ी जातियों के परिवारों की जनसंख्या का विवरण जिला प्रशासन द्वारा जारी कर दिया गया है। इस साल निकाय चुनाव के लिए प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश नगर विकास द्वारा 15 अक्टूबर को सीमा विस्तारित नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में पिछड़ी जातियों के लोगों की संख्या का अवधारण कराने के लिए रैपिड सर्वे के निर्देश दिये थे। इसमें वार्डवार निवास कर रहे पिछड़ी जातियों के लोगों की जनसंख्या का परिणाम तैयार करते हुए रिपोर्ट मांगी गयी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसके लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इसमें जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के के साथ ही एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार, ईओ हेमराज सिंह, तहसील दार सदर अभिषेक शाही शामिल रहे। रैपिड सर्वे का कार्य पूर्ण कराकर कमेटी द्वारा प्रपत्र-5 और प्रपत्र-6 पर आंकड़े जारी कर दिये गये हैं।

इसमें नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में सीमा विस्तार के बाद कुल जनसंख्या की गणना के अनुसार 5 लाख 20 हजार 206 लोगों की आबादी का आंकड़े सामने आया है। इसके साथ ही रैपिड सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार पालिका के नये निर्धारित 60 वार्डों में पिछड़ी जातियों के परिवारों की संख्या 25 हजार 701 है। इन परिवारों में पिछड़ी जातियों के व्यक्तियों की संख्या 01 लाख 63 हजार 284 है। प्रपत्र-6 के आंकड़े के अनुसार शहरी क्षेत्र में कुल जनसंख्या का 31.39 प्रतिशत हिस्सा पिछड़ी जातियों के लोगों का है। प्रपत्र-5 के अनुसार कमेटी ने जो आंकड़े अनन्तिम सूचना के रूप में जारी किये हैं, उनमें 08 वार्डों में पिछड़ी जाति की संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि 15 वार्ड ऐसे हैं, जिनमें 3 से 4 हजार के बीच पिछड़ी जाति के लोग निवास कर रहे हैं। दो वार्डों में पिछड़ी जाति के परिवारों की संख्या एक हजार से ज्यादा है, इनमें नम्बर 4 सरवट-चतुर्थ में 1033 और नम्बर 15 अलमासपुर-द्वितीय में 1309 परिवार हैं।

ये हैं मुजफ्फरनगर पालिका के टॉप टेन पिछड़ी जाति संख्या वाले वार्ड

मुजफ्फरनगर। रैपिड सर्वे की अनन्तिम सूचना के अनुसार प्रपत्र-5 के आंकड़ों में सर्वाधिक पिछड़ी जाति की जनसंख्या वाले शहर के टॉप टेन वार्डों में 04 वार्ड ही ग्रामीण क्षेत्र से आये हैं। इन टॉप थ्री में दो वार्ड ग्रामीण इलाके से हैं।


प्रपत्र-5 के आंकडों के अनुसार शहर के टॉप टेन पिछड़ी जाति संख्या वाले वार्डों में वार्ड संख्या 15 अलमासपुर द्वितीय नम्बर वन पॉजीशन पर है। इस वार्ड में 83.24 प्रतिशत जनसंख्या पिछड़ी जाति के लोगों की है। इसके बाद वार्ड संख्या 57 लद्दावाला प्रथम में 62.92 प्रतिशत, वार्ड संख्या 04 सरवट चतुर्थ में 61.58 प्रतिशत, वार्ड संख्या 52 महमूदनगर प्रथम में 61.03 प्रतिशत, वार्ड संख्या 32 किदवईनगर में 57.53 प्रतिशत, वार्ड संख्या 22 सूजडू द्वितीय में 57.24 प्रतिशत, वार्ड संख्या 60 लद्दावाला तृतीय में 56.26 प्रतिशत, वार्ड संख्या 39 शाहबुद्दीनपुर प्रथम में 51.11 प्रतिशत, वार्ड संख्या 45 मल्हुपुरा प्रथम में 46.76 और वार्ड संख्या 34 प्रेमपुरी प्रथम में 45.95 प्रतिशत पिछड़ी जातियों के लोग निवास कर रहे हैं। अब इस अनन्तिम सूचना को 30 अक्टूबर के बाद अंतिम रूप प्रदान किया जायेगा। इसमें बदलाव की संभावना तो है, लेकिन यह भी दावा किया जा रहा है कि यही अनन्तिम सूचना फाइनल हो जायेगी।

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