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मुजफ्फरनगर....नगरपालिका वार्ड परिसीमन से भाजपा में तकरार

अधिसूचना जारी होते ही भाजपाई सभासदों के चेहरों की रौनक हुई बेनूर, मंत्री कपिल देव के पास पहुंची कई शिकायतें, भाजपा के गढ़ गांधी कालौनी, नई मण्डी में कई सभासदों के वार्ड हुए साफ, टिकट के दावेदार कई सभासदों को नदी पार कुदाया

मुजफ्फरनगर....नगरपालिका वार्ड परिसीमन से भाजपा में तकरार
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मुजफ्फरनगर। प्रदेश के नगर विकास विभाग द्वारा नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के वार्ड परीसीमन की अधिसूचना जारी कर दिये जाने के साथ ही परिसीमन को लेकर भाजपा में ही अंदरूनी तकरार तेज हो गयी है। कई भाजपा सभासदों के वार्ड ही खत्म कर दिये गये हैं, जबकि कुछ दावेदार भाजपा सभासदों का वार्ड इस तरह से परिसीमित कर दिया गया है कि उनका चुनाव लड़ना ही दूभर होता नजर आ रहा है। कुछ भाजपा सभासदों को नदी पार बुढ़ाना मोड तक कुदाया गया है। इसी को लेकर आज भाजपा के कई सभासदों और कुछ दावेदार भाजपा पूर्व सभासदों ने मंत्री कपिल देव से शिकायत करते हुए इस परिसीमन में बदलाव कराने की मांग की है। इसको लेकर कुछ दावेदारों ने तो बगावत करने की भी तैयारी कर ली हैं। इन भाजपा के बागी दावेदार और सभासदों ने इस परिसीमन का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि ऐसा क्या है, कि भाजपा के निर्वाचित केवल 3 सभासदों का वार्ड परिसीमन छेड़ा तक नहीं गया और 17 में से इन तीन का ही वार्ड सुरक्षित रखा गया है। इनका यह भी कहना है कि यह तीनों सभासद मंत्री और अफसरों को भ्रमित कर वार्ड परिसीमन कराने में सफल हुए है, लेकिन इसका विरोध किया जायेगा।

बता दें कि नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर का सीमा विस्तार करते हुए प्रदेश शासन ने सरवट, कूकडा, सूजडू, अलमासपुर, शाहबुद्दीनपुर, मन्धेडा, खान्जापुर, वहलना सहित 11 पूरे और मुजफ्फरनगर ग्रामीण बाहर हदूद के साथ ही पचैण्डा, शेरनगर सहित चार गांवों का आंशिक भाग ;गैर आबादीद्ध वाला क्षेत्र शामिल करते हुए सीमा विस्तार को मंजूरी प्रदान की। इसके बाद पिछड़ा वर्ग की आबादी का आंकलन करते हुए रैपिड सर्वे का काम शुरू हुआ। इसी बीच सीमा विस्तार के बाद शामिल हुए ग्रामीण इलाके को मिलाते हुए वार्डों का निर्धारण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

वार्ड परिसीमन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही भाजपा में ही अंदरूनी तकरार शुरू हो चुकी है। भाजपा के कई सभासद इस बात से नाराज हैं कि राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की सहमति से यह वार्ड निर्धारण हुआ है और इसमें उनके वार्डों का वजूद ही समाप्त कर दिया गया है, या उनके वार्डों का परिसीमन इस प्रकार से कराया गया है, जिससे कि उनकी दावेदारी ही खतरे में पड़ जायेगी। पूर्व सभासद और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार सि(ार्थ का कहना है कि वह इस बार हुए वार्ड परिसीमन से बेहद नाराज हैं। इस बार उनके वार्ड से गंगारामपुरा और ब्रह्मपुरी में दलितों वाली गली को हटाकर बिजेन्द्र पाल सभासद के वार्ड में जोड़ दिया गया है। जाट कालौनी में दो वार्डों को एक कर दिया गया है तो गांधी कालौनी में दो वार्डों को एक किया गया है। दोनों ही स्थानों पर भाजपा से जीते सभासदों को झटका मिला है। वार्ड 20 शिक्षक कालौनी में संजीव बालियान के समर्थक माने जाने वाले पवन कुमार भाजपा से सभासद बने थे और इस बार भी दावेदार थे, वहीं वार्ड 9 गांधी कालौनी प्रथम से भाजपा के टिकट पर साक्षी चुग्घ पत्नी विवेक चुग्ध जीतीं थी, दूसरे वार्ड से प्रेमी छाबड़ा। आरोप है कि साक्षी का वार्ड खत्म करते हुए प्रेमी छाबड़ा को सुरक्षित किया गया है। नई मण्डी क्षेत्र में पांच वार्ड थे, यहां पर विकास गुप्ता भाजपा सभासद का वार्ड खत्म कर चार वार्ड बनाये गये हैं। भाजपा के टिकट पर जीतीं सपना मलिक पत्नी मोहित मलिक और युवा नेता रोहित तायल की माता के वार्ड को भी इस तरह से काटा गया है कि उनका चुनावी मंसूबा भी अधर में लटक गया है।

राजकुमार सि(ार्थ ने कहा कि वह इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन इस बार भी उनके वार्ड में जानबूझकर ऐसा परिसीमन कराया गया है कि उनकी दावेदारी न बन सके। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन चहेते सभासदों बिजेन्द्र पाल, राजीव शर्मा और मनोज वर्मा के वार्ड से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई और यही सवाल उठ रहा है। इसको लेकर ही उन्होंने मंत्री कपिल देव के समक्ष अपनी बात को रखा है। उनका आरोप है कि इन तीनों सभासदों ने मंत्री कपिल देव को भ्रमित किया और उनके नाम के सहारे अधिकारियों पर भी मनमाने तरीके से परिसीमन कराने का दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि हमने मंत्री के सामने अपनी आपत्ति कराई है, इसमें बिजेन्द्र पाल के वार्ड को सामान्य घोषित कराने, परिसीमन दोबारा कराने, राजीव शर्मा और मनोज वर्मा के वार्ड को भी ओबीसी की आबादी के आधार दोबारा परिसीमन कराते हुए ओबीसी में आरक्षित कराने की बात कही गयी है। उनका कहना है कि मंत्री कपिल देव को वार्डों की सही जानकारी नहीं होने का लाभ इन तीनों ने उठाया, क्योंकि उनको अपनी विधानसभा का पूरा ज्ञान है। हमारा यही कहना है कि इसमें किसी भी सूरत में मोनोपॉली और हठधर्मी नहीं चलने देंगे। उनका कहना है कि यही कुछ लोग हैं, जो अपने स्वार्थ के कारण मंत्री कपिल देव अग्रवाल के नाम को बदनाम करा रहे हैं। इनके द्वारा मंत्री को विश्वास में लेकर अफसरों पर दबाव बनाया और अफसरों के साथ बैठकर मनमाना परिसीमन कराया है। उनका कहना है कि मंत्री कपिल देव को परिसीमन पर सलाह के लिए सभी भाजपा सभासदों और दावेदारों को बुलाकर चर्चा करनी चाहिए थी। इसी को लेकर नाराजगी है।

शहर में घट गये 7 वार्ड, 15 गांव से बने 17 नये वार्ड, 30 अक्टूबर तक आपत्तियां मांगी

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के वार्ड परिसीमन में पालिका पर अब 10 नये वार्डों के अन्तर्गत शामिल हुए 4 हजार हेक्टेयर से ज्यादा का क्षेत्रफल में विकास कराने का बोझ होगा। इसी को लेकर आज चर्चा चलती रही। पालिका में हुए परिसीमन के तहत अब पालिका के 50 वार्डों की संख्या 60 हो चुकी है, इसमें गजब यह है कि शहरी क्षेत्र के 07 वार्डों का वजूद ही खत्म कर दिया गया है। जबकि कूकडा, सूजडू, सरवट और वहलना जैसे बड़े गांवों के साथ ही 15 गांवों-रकबा शामिल होने पर भी ग्रामीण क्षेत्र से केवल 17 वार्ड शामिल किये हैं।

सीमा विस्तार के बाद नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर का वार्ड परिसीमन होने के बाद प्रशासक पालिका सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार और ईओ हेमराज सिंह ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह को सौंपी, उनके द्वारा तैयार प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। गत दिवस उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग के अनुभाग-1 से प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने वार्ड परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी है। एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि अब नगरपालिका के 50 वार्डों की संख्या 60 हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पालिका क्षेत्र अब 60 वार्डों में विभाजित किया गया है। इस परिसीमन के लिए शासन के द्वारा 30 अक्टूबर तक आपत्तियां मांगी गयी हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी आपत्तियां जिलाधिकारी कार्यालय के साथ ही प्रमुख सचिव नगर विकास को भी भेज सकता है। सूत्रों के अनुसार नई परिसीमन में शहर के 50 वार्डों की संख्या घटाकर 07 कर दी गयी हैं। कई स्थानों पर दो दो वार्डों को एक किया गया है। इनें नई मण्डी, गांधी कालौनी, जाट कालौनी आदि क्षेत्र शामिल हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र से 17 वार्ड बनाये गये हैं। इनमें सरवट में सर्वाधिक पांच वार्ड बनाये गये हैं। गांव सूजडू और कूकड़ा में तीन-तीन, अलमासपुर में 2, सहावली और वहलना गांव के लिए एक-एक वार्ड तथा गांव शाहबुद्दीनपुर में दो वार्ड बनाये गये हैं।

तीन बार जीतने वाले भी परिसीमन पर नाराज

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में सीमा विस्तार के बाद नये वार्ड निर्धारण के लिए जारी अधिसूचना ने कई लोगों को बैचेन कर दिया है। पूर्व सभासद भाजपा नेता योगेश मित्तल ने भी वार्ड 23 के क्षेत्र से चुनाव लड़ने को अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। पेशे से सर्राफ योगेश मित्तल भी नाराज बताये जा रहे हैं, उनका वार्ड प्रवीण पीटर के वार्ड से पहचान रखता है। अब यह वार्ड परिसीमन में बुढ़ाना मोड तक कर दिया गया है। मोहित मलिक का वार्ड भी खान्जापुर गांव तक कर दिया गया है। इसके साथ ही तीन जीत का रिकार्ड बनाने वाली भाजपा सभासद पिंकी का वार्ड भी परिसीमन के बाद ऐसा किया गया है, जिसको लेकर वह भी नाराज हैं।

वार्ड तीन से पिंकी पत्नी लक्ष्मण सिंह को भाजपा के टिकट मिला, लेकिन वह पहला चुनाव ही लड़ने की इच्छुक नहीं थी, यशपाल पंवार और जिलाध्यक्ष सुरेश राणा ने उनको चुनाव लड़वाया था। वह जीतीं थीं। इसके बाद से वह लगातार तीसरी बार जीतकर सदन में पहुंची। 2017 के चुनाव में पार्टी से उनका टिकट कटवा दिया गया, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन पर विश्वास रखा और टिकट मिला। पिंकी ने बताया कि उनको जनता के ही कुछ लोगों ने परिसीमन की जानकारी दी। परिसीमन जिस प्रकार हुआ, उसको लेकर लोगों में रोष हैं। वह तीन बार जीतीं और जनता के लिए काम किया। पांच साल में भाजपा की नीतियों और कार्यक्रमों को जन जन तक पहुंचाया। जनता आज भी उनको चुनाव लड़वाना चाहती हैं, लेकिन उनकी इच्छा नहीं है।

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