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मुजफ्फरनगर....मंत्री-विधायक सहित कई नेताओं की कोर्ट में पेशी

मंत्री कपिल देव, हरेन्द्र मलिक सहित 7 नेताओं के खिलाफ जारी हुए थे विशेष अदालत से वारंट, 6 नेताओं को करानी पड़ी जमानत। मंत्री सहित 6 नेता रहे दो घंटे की हिरासत में। कवाल कांड के बाद नंगला मंदौड़ महापंचायत के मामले में निषेधाज्ञा का उल्लंघन और भड़काऊ भाषण मामले में हुई नेताओं की पेशी, साध्वी प्राची ने वारंट कराया रिकाल

मुजफ्फरनगर....मंत्री-विधायक सहित कई नेताओं की कोर्ट में पेशी
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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में साल 2013 में सम्प्रदायिक दंगों का कारण बने कवाल कांड के बाद नंगला मंदौड़ में हुई महापंचायत के प्रकरण में आज राज्य सरकार के मंत्री, भाजपा विधायक और पूर्व सांसद सहित सात नेताओं को अदालत में पेशी देनी पड़ी। इनमें मंत्री, विधायक सहित 6 नेताओं को अदालत से अपनी जमानत करानी पड़ी। ये काफी समय से इस प्रकरण में अदालत में पेश नहीं हो रहे थे। जबकि पूर्व में इस मामले में जमानत पा चुकी भाजपा नेत्री साध्वी डा. प्राची को पेशी के बाद अपने अधिवक्ता के माध्यम से वारंट रिकाल कराने पड़े।


बता दें कि कवाल कांड के दौरान एक युवक शाहनवाज कुरैशी की हत्या करके भाग रहे ममेरे भाईयों सचिन और गौरव को गांव में ही भीड़ ने घेरकर मार दिया था। इसके बाद जनपद में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। इसी के चलते थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव नंगला मंदौड़ में इण्टर कालेज के मैदान पर महापंचायत का आयोजन किया गया था। बताया कि इसी महापंचायत में शामिल होकर भड़काऊ भाषण देने के लिए इस प्रकरण में कई नेताओं पर मुकदमे दर्ज किये गये। इनकी सुनवाई एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है। इसी सुनवाई के दौरान काफी लंबे समय से अदालत में पेश नहीं होने के कारण कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों के वारंट जारी किये गये थे।

हिन्दूवादी नेत्री साध्वी प्राची करा चुकी हैं पूर्व में जमानत


सहायक अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार के अनुसार इस प्रकरण में मंगलवार को सात आरोपी सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट नम्बर एक में पेश हुए। इनमें राज्य सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के अलावा भाजपा के खतौली विधानसभा सीट से विधायक विक्रम सैनी, भाजपा नेत्री साध्वी डा. प्राची, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, भाजपा के पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, सपा नेता और पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक कचहरी स्थित एमपी/ एमएलए कोर्ट में पेश हुए। ये सभी नेता अलग अलग समय पेश हुए और अपनी हाजिरी दी। इन सभी नेताओं ने इस मामले में हाजिरी के साथ ही अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत अर्जी पेश की और कोर्ट ने इनमें से 6 लोगों को जमानत दे दी। बताया गया कि साध्वी डा. प्राची पूर्व में ही इस मामले में कोर्ट से जमानत पा चुकी हैं। पेश नहीं होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे। आज कोर्ट में पेशी के साथ ही साध्वी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में वारंट रिकाल कराये हैं।

20-20 हजार की दो-दो जमानत दाखिल कर हुए रिहा


सूत्रों के अनुसार अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर गांव नंगला मंदोड़ में पंचायत करने के मामले में विशेष अदालत में पेश हुए प्रदेश के मंत्री कपिल अग्रवाल, विधायक विक्रम सैनी, साध्वी प्राची, पूर्व भाजपा सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व विधायक अशोक कंसल, यशपाल पवार और सपा नेता पूर्व संसद हरेंद्र मालिक सहित सात नेताओं को लेकर हलचल मची थी। विशेष अदालत के जज मयंक जायसवाल ने 20-20 हज़ार की दो-दो जमानत दाखिल करने के आदेश देकर जारी गेर जमानती वारंट रिकाल कर दिये। इसके बाद 6 आरोपियों ने अपनी जमानत पेश करते हुए जमानत कराई। कोर्ट में पेश ने होने के कारण इन सभी के गैर जमानती वारंट जारी हो गए थे। अभियोजन सूत्रों के अनुसार अगस्त 2013 को थाना सिखेड़ा इलाके के ग्राम नगला मदोड़ में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर पंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस मामले में मंत्री कपिल देव व हरेंद्र मलिक सहित 17 से अधिक आरोपी बताये गये हैं। इसी मामले में गत दिवस प्रदेश सरकार के पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने भी अदालत में पेश होकर अपनी जमानत कराई थी।

भाजपा विधायक बोले-पीएफआई आतंकवादी संगठन


मुजफ्फरनगर। आज मंत्री, विधायक सहित सात नेताओं की कोर्ट में पेशी को लेकर हलचल मची रही। वहीं पेशी पर आये विधायक विक्रम सैनी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि पीएफआई आतंकवादी संगठन है, इस पर बैन लगाया जाना चाहिए और इसके सदस्यों को आतंकवादी करार देकर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ा कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मदरसों का सर्वे कराये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मदरसों की जांच की तो हम बहुत पहले से ही मांग कर रहे हैं। ये मदरसे ही देश में आतंकवाद की जड़ हैं।


उन्होंने कहा कि जांच के बाद काफी मदरसे बिना नियमों के चलते हुए पाये जा रहे हैं। इनके खिलाफ हमारी सरकार सख्त कार्यवाही करने जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ सम्पत्तियों की जांच के निर्णय का खुला समर्थन करते हुए कहा कि यह बहुत पहले होना चाहिए था। वर्षों पहले नियमों के खिलाफ जाकर पूर्व की सरकारों ने सरकारी भूमि को वक्फ घोषित करते हुए उनको एक वर्ग विशेष के लाभ के लिए छोड़ दिया, जबकि इस भूमि का प्रयोग देश के दबे कुलचे और जरूरतमंद लोगों के हितों को लेकर होना चाहिए था। वहीं मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि आज कवाल कांड के दौरान दर्ज किये गये मुकदमों में सुनवाई थी, उसी को लेकर वह अदालत में पेश हुए और अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए आगामी तिथि घोषित की है। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास कानून पर है और हमें न्याय अवश्य मिलेगा।

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