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मुजफ्फरनगर....गांवों में लगी स्ट्रीट लाइटों में बड़ा खेल!

ग्राम पंचायत निधि से लगाई गई स्ट्रीट लाइटों की शिकायतों पर प्रशासन गंभीर, सीडीओ ने बैठाई गांवों में स्ट्रीट लाइट कार्यों की जांच, नौ ब्लॉकों में दो-दो सदस्यीय पांच जांच टीम गठित, एक सप्ताह में 8 बिन्दुओं पर सीडीओ को देनी होगी रिपोर्ट, निधि की धनराशि का दुरुपयोग करने की संभावना, वित्तीय नियमों का पालन नहीं करने के हैं प्रधानों पर आरोप।

मुजफ्फरनगर....गांवों में लगी स्ट्रीट लाइटों में बड़ा खेल!
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मुजफ्फरनगर। विकास की दूधिया रोशनी से रोशन नजर आ रहे गांवों में भ्रष्टाचार का काला साया भी नजर आने लगा है। ऐसे ही भ्रष्टाचार की संभावनाओं को देखते हुए गांवों में रात्रि के अंधेरे में रास्तों को रोशन करने के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाइट और एलईडी लाइटों को लेकर अब जिला प्रशासन हरकत में आया है। जिला प्रशासन ने गांवों में लगाई गई लाइटों में नियमों की अनदेखी और वित्तीय नियमों का पालन नहीं करने की बड़े पैमाने पर मिली शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच बैठा दी है। जनपद के सभी नौ ब्लॉक के गांवों में हुए कार्यों की जांच के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने पांच टीमों को लगाया है। इन जांच टीम को 8 बिन्दुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पथ प्रकाश के लिए ग्राम पंचायत निधि से स्ट्रीट लाइटें और एलईडी लाइट लगवाई गयी थी। इन कार्यों को लेकर लगातार ग्रामीणों के द्वारा प्रशासनिक स्तर पर शिकायत की जा रही थी। प्रकरण में सीडीओ संदीप भागिया ने अब जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर ग्राम पंचायत निधि से जनपद के सभी नौ ब्लॉक में ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों की जांच पड़ताल के लिए जांच बैठा दी है। प्रशासन के इस निर्णय को लेकर प्रधानों में भी हलचल मच गयी है। इस मामले की जांच में बड़ी गड़बड़ी सामने आने की संभावना जताई जा रही है। इसमें वित्तीय गड़बड़ी होने का दावा शिकायतकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है।

सीडीओ संदीप भागिया ने बताया कि ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत निधि की धनराशि खर्च कर पथ प्रकाश के लिए लगायी गयी स्ट्रीट लाईट एवं एलईडी लाइटों में भारी अनियमितत और भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हो रही थी। इन्हीं शिकायतों पर जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत उन्होंने जांच के आदेश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त विकास खंडों में ग्राम पंचायत निधि के अंतर्गत शासन से विकास कार्यों हेतु प्राप्त धनराशि को खर्च करते हुए विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट/एलईडी लाइट लगाये जाने का कार्य कराया गया था। इन कार्याे में बरती गयी अनियमितता के संबंध में उनके विकास भवन स्थित कार्यालय में प्रतिदिन शिकायत प्राप्त हो थी, जिन पर संज्ञान लेते हुए अब जांच कराने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकरण में मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया ;आईएएसद्ध ने जनपद के समस्त नौ विकास खंडो में उक्त शिकायतों पर जांच कराये जाने हेतु एक सहायक विकास अधिकारी एवं एक अवर अभियन्ता को जांच अधिकारी नामित करते हुए प्रत्येक विकास खंड के लिए दो दो अधिकारियों की समिति गठित की। नौ ब्लॉक में नौ टीमों को जांच के लिए लगाया गया है।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि कार्यालय में जन सुनवाई के समय शिकायतें प्राप्त हो रही थी कि गांवों में इन लाइटों को लगवाने में सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त किये बिना एवं वित्तीय नियमों की अवेहलना करते हुए कार्य कराये गये है। ऐसी स्थिति में शासन स्तर से प्राप्त धनराशि के दुरुपयोग की प्रबल संभावना है, जिसके लिए गठित समिति के जांच अधिकारियों को विभिन्न बिन्दुओं पर एक सप्ताह के अंतर्गत जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये। उन्होंने कहा कि जांच उपरान्त दोषी पाये गये अधिकारियों और प्रधानों पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की जायेगी। सीडीओ ने इस मामले में जांच अधिकारियों को एक सप्ताह में बिन्दुवार जांच करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

इन 8 बिन्दुओं पर करनी होगी जांचः सीडीओ संदीप भागिया ने अपने आदेश पत्र में कहा कि गांवों में स्ट्रीट लाइट व एलईडी लाइट लगाने में हुए खेल को लेकर मिली शिकायतों की जांच के लिए 8 बिन्दू तय किये गये हैं, इनमें ग्राम पंचायत में कितनी लाइटें लगाई गयी हैं, क्या ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव कर ग्राम पंचायत विकास योजना में सम्मिलित किया गया? क्या सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त की गयी है? 02 जुलाई 2021 को पारित शासनादेश के द्वारा एलईडी स्ट्रीट लाइट की दो पोल के बीच की दूरी एवं एलईडी की वॉटेज का पालन ग्राम पंचायत द्वारा किया गया है अथवा नहीं? क्या ग्राम पंचायत द्वारा शासनादेश 24 अगस्त 2021 के द्वारा एलईडी स्ट्रीट लाइट के प्रोक्योरमेंट, इन्स्टालेशन एवं भुगतान के समय निर्धारित दरों को ध्यान में रखा गया है अथवा नहीं? लाईट किस कम्पनी की हैं। आईएसआई मार्का हैं अथवा नहीं? अनुमानित राशि का प्रांक्कलन तैयार किया गया है अथवा नहीं? यदि हां, तो अनुमानित राशि के सापेक्ष कितनी राशि, किस फर्म को भुगतान की गयी है? और ग्राम पंचायत में स्ट्रीट/एलईडी लाईटों हेतु विद्युत कनेक्शन लिया गया है अथवा नहीं? यदि हां तो कितने किलोवॉट का कनेक्शन लिया गया है? पर ही पूरी जांच का दायरा तय किया गया है।

एडीओ पंचायत और जेई आरईएस करेंगे गांव गांव जांच

मुजफ्फरनगर। ग्रामों में स्ट्रीट लाइट कार्य में बड़ी गड़बड़ी अगले चंद रोज में सामने आ सकती है। इसके लिए सीडीओ संदीप भागिया ने भी कहा है कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, लेकिन गड़बड़ी की संभावना से उन्होंने इंकार नहीं किया है। सीडीओ ने बताया कि जनपद के नौ विकास खंड क्षेत्रों के गांवों में जांच के लिए पांच टीमों को लगाया गया है। इनमें प्रत्येक टीम में एक एडीओ ;पंचायतद्ध और एक जेई आरईएस को शामिल किया गया है। चार टीमों को दो-दो ब्लॉक और एक टीम को एक ब्लॉक के संबंधित गांवों की जांच का जिम्मा मिला है। सीडीओ के अनुसार ब्लॉक पुरकाजी और जानसठ में चन्द्रप्रकाश शर्मा एडीओ पंचायत मोरना व चन्द्रबोस जेई आरईएस मोरना, ब्लॉक सदर और बुढ़ाना में योगेश्वर दत्त त्यागी एडीओ पंचायत खतौली एवं आनन्द कुमार जेई आरईएस खतौली, ब्लॉक बघरा व मोरना के लिए शकील अहमद एडीओ पंचायत पुरकाजी एवं नीरज राणा जेई आरईएस पुरकाजी, ब्लॉक खतौली एवं शाहपुर के लिए सतेन्द्र कुमार एडीओ पंचायत सदर/बुढ़ाना तथा मदनपाल जेई आरईएस सदर, विकास खंड चरथावल के गांवों की जांच के लिए सोमदत्त एडीओ पंचायत जानसठ एवं अशोक कुमार जेई आरईएस जानसठ को जांच सौंपी गयी है। एक सप्ताह में ये अधिकारी निर्धारित आठ बिन्दुओं पर जांच कर अपनी आख्या सीडीओ को सौंपेंगे।

प्रधान संगठन जिलाध्यक्ष ने कहा-जांच का स्वागत है

मुजफ्फरनगर में गांवों में लगाई गयी स्ट्रीट लाइटों में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर बैठी जांच से प्रधानों में हड़कम्प हैं, वहीं प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष सतीश बालियान ने कहा कि इस जांच का हम स्वागत करते हैं। जो आरोप हैं उनको लेकर कोई भी अनियमितता नहीं की गयी है, नियमानुसार कार्य किया गया है। अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष सतीश बालियान ने सीडीओ द्वारा ग्राम पंचायतों में शासन से आयी निधि का दुरुपयोग कर नियमों के विपरीत लगाई गयी स्ट्रीट लाइटों की जांच बैठाने पर उन्होंने कहा कि हम खुले दिल से प्रशासन के फैसले का स्वागत करते हैं, जो भी शिकायतें हैं, उन पर प्रशासन जांच करा लें, कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है। ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव कराकर संस्तुति के बाद ही कार्य कराये गये हैं। जिस कंपनी की लाइटें जिन मानकों पर लगाने के आदेश हैं, वह लगाई गयी हैं। गांव सरवट के प्रधान सतीश बालियान ने कहा कि उनके गांव में 3800 रुपये कीमत की एक स्ट्रीट लाइट लगी हैं। बता दें कि सरवट गांव नगरपालिका सीमा विस्तार के तहत शहरीकरण में शामिल हो चुका है।

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