मुजफ्फरनगर....शहरी बनकर वोटिंग को फिर तैयार सवा लाख ग्रामीण
नगरपालिका मुजफ्फरनगर के सीमा विस्तार के बाद सरवट-सूजडू सहित 11 गांवों में ताजा हुई सियासी बयार, अपै्रल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 11 गांवों के 1.25 लाख से ज्यादा वोटर थे पंजीकृत, ग्राम प्रधान चुनने के बाद अब सीमा विस्तार से शहर का चेयरमैन बनाने का मिला ‘ग्रामीण’ जनता को मौका
मुजफ्फरनगर। नगरीय निकाय चुनाव को अब भागदौड़ तेज और तेज होती जा रही है। ऐसे में जिला प्रशासन भी तमाम तैयारियों को जल्द से जल्द पूरी कराने में जुटा हुआ है। परिसीमन अधिसूचना के साथ ही रैपिड सर्वे पूरा करा लिये जाने के बाद अब मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का काम हो रहा है। ऐसे में नगरपालिका मुजफ्फरनगर के शहरी क्षेत्र में शामिल हुए 11 गांवों की आबादी के बीच फिर से चुनावी चकल्लस का दौर शुरू हो गया है। अपै्रल 2021 में ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्यों के साथ साथ ब्लॉक प्रमुख के लिए अपना वोट करने वाले इन ग्रामों के करीब सवा लाख वोटरों के पास अब शहरी चोला ओढ़कर चेयरमैन और सभासदों का चुनाव करने के लिए वोटिंग का अवसर आया है। ऐसे में इन गांवों में नई सियासी बयार बहने के साथ ही शहरी बने ग्रामीणों में चेयरमैनी का चुनाव देखने का भी उत्साह हिलोरे मारने लगा है। इन गांवों में करीब सवा लाख से ज्यादा वोटरों को अब शहरी के रूप में वोटिंग करने का अधिकार दिये जाने का काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है। इसके लिए इन ग्रामों की मतदाता सुचियों को नगरपालिका परिषद् की मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए दिन रात काम कराया जा रहा है।
मुजफ्फरनगर पालिका के सीमा विस्तार का प्रस्ताव करीब 20 साल के लगातार प्रयासों के बीच पूरा हुआ तो शहर के नजदीक वाले 11 गांवों की पूरी आबादी शहरीकरण की राह पर चलते हुए ग्रामीण चोला उतार शहरी होने का रूतबा हासिल कर चुकी है। दो विकास खंड सदर और चरथावल के अधीन आने वाले इन 11 गांवों वहलना, सरवट, कूकडा, सूजडू, मन्धेडा, खान्जापुर, शाहबुदीनपुर, अलमासपुर, मीरापुर, सहावली और बीबीपुर में अब नई सियासी बयार बहती नजर आती है। इन गांवों से शहरी चुनाव के लिए कई दावेदार भी सामने आने लगे हैं। ऐसे में ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य चुनने के साथ ही ब्लॉक प्रमुख के लिए वोटिंग करने वाले ये ग्रामीण वोटर अब शहरी चेयरमैन और सभासद के चुनाव के लिए वोटिंग करने का हक पा चुके हैं।
बता दें कि सीमा विस्तार की अधिसूचना जारी होने पर प्रदेश शासन ने मुजफ्फरनगर पालिका में 11 गांवों की पूरी आबादी को शामिल करने के साथ ही गांव मुस्तफाबाद, शेरनगर और बिलासपुर तथा मुजफ्फरनगर ग्रामीण ;बाहर हदूदद्ध का रकबा ;गैर आबादी क्षेत्रद्ध शामिल किया था। इस अधिसूचना के अनुसार करीब 4500 हैक्टेयर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र मुजफ्फरनगर पालिका के सीमा विस्तार में शामिल किया गया है। इन 11 गांव के जुड़ने के बाद शहरी आबादी की जनसंख्या 5 लाख 20 हजार 206 हो गयी है। इनमें वोटरों की बात करें तो इस बार होने जा रहे नगरपालिका मुजफ्फरनगर के चुनाव में करीब 4 लाख लोग वोटर के रूप में दर्ज किये जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार साल 2017 के निकाय चुनाव में शहरी क्षेत्र में 2011 की जनगणना के अनुसार 3.92 लाख जनसंख्या थी, इनमें से चुनाव में करीब 2.60 लाख मतदाता पंजीकृत घोषित किये गये थे। इन पांच साल में करीब 10 हजार मतदाताओं का इजाफा होने की संभावना है तो वहीं सीमा विस्तार के बाद शहरी क्षेत्र में शामिल हुए 11 गांवों में अपै्रल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 1.25 लाख से ज्यादा मतदाताओं को पंजीकृत बताया गया था। इस बीते एक साल में करीब 5 हजार वोटरों की बढ़ोतरी निर्वाचन कार्यालय होने की संभावना जता रहा है। ऐसे में मोटे तौर पर माना जाये तो शहरी क्षेत्र से 2.70 लाख और ग्रामीण क्षेत्र से 1.30 लाख मतदाताओं के इस चुनाव में पंजीकृत वोटर के रूप में आंकड़ा सामने आ सकता है। ऐसे में सीमा विस्तार के बाद सामने आई मुजफ्फरनगर पालिका की आबादी 5.20 लाख में से करीब 4 लाख लोग वोटर के रूप में सामने आ सकते हैं।
सरवट सबसे बड़ा गांव-सूत्रों के अनुसार 19 अपै्रल 2021 को हुए पंचायत चुनाव के दौरान गांव सरवट में 36910, सुजडू में 23156, कूकडा में 22756, वहलना में 3659, मन्धेडा में 1808, खान्जापुर में 2561, शाहबुद्दीनपुर में 18972, अलमासपुर में 9793, मीरापुर में 1264, सहावली में 3523 और बीबीपुर में 1184 वोटर मतदाता सूची में दर्ज रहे। इस आंकडे के अनुसार इन 11 गांवों में पंचायत चुनाव के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार 586 रही। माना जा रहा है कि शहरी क्षेत्र में शामिल होने के बाद कमाबेश मतदाताओं की संख्या यही हो सकती है, फिर भी पंचायत चुनाव के करीब 19 माह होने जा रहे निकाय चुनाव के लिए इन 11 गांवों में 5 हजार मतदाताओं की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
मतदाता सूची में पिछड़े एसडीएम सदर, एडीएम ने दी चेतावनी
मुजफ्फरनगर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब मतदाता सूची को दुरुस्त करने के साथ ही ड्राफ्ट प्रकाशन की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन दिन रात काम पर है। रविवार को भी निर्वाचन कार्यालय में कार्य होता रहा। 31 अक्टूबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन कराया जाना है। इसके लिए सभी तहसीलों से निर्वाचन कार्यालय ने सूचना मांगी है। ऐसे में मुजफ्फरनगर पालिका की मतदाता सूची के लिए ड्राफ्ट तैयार करने में पिछड़ने पर एसडीएम सदर को एडीएम प्रशासन ने कड़ी चेतावनी दी है।
सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश मनोज कुमार ने 18 अक्टूबर को नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण समय सारिणी तय करते हुए आदेश जारी किये थे। इसमें मदाता सूचियों का ड्राफ्ट प्रकाश 31 अक्टूबर को कराने के आदेश दिये गये हैं। ऐसे में अभी तक मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए डाटा फीडिंग ही पूरी नहीं हो पा रही है। सूत्रों के अनुसार उप जिला निर्वाचन अधिकारी नगरीय निकाय एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नगरीय निकाय एसडीएम सदर परमानंद झा और तहसीलदार सदर अभिषेक शाही के कार्य के प्रति नाराजगी जताई है। एडीएम प्रशासन ने इन दोनों अधिकारियों को पत्र भेजकर आज ही मतदाता सूची की पाण्डुलिपी निर्वाचन कार्यालय भेजने को कहा है। बताया गया कि एसडीएम सदर के स्तर पर मुजफ्फरनगर पालिका के करीब 67 मतदेय स्थलों की पाण्डुलिपी अभी तक प्राप्त नहीं हो पाई हैं। सूत्रों के अनुसार ड्राफ्ट मतदाता सूची पर 01 नवम्बर से 07 नवम्बर तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जायेगी। 08 से 12 नवम्बर तक आपत्तियों का निस्तारण कराया जायेगा। इसके बाद अंतिम रूप से मतदाता सूची तैयार होगी और अंमित सूची का प्रकाशन 18 नवम्बर को कराने के आदेश हैं। इसी को लेकर जिला प्रशासन काम कर रहा है। उधर एसडीएम सदर का कहना है कि पुनरीक्षण कार्य में लगाये गये बीएलओ काम नहीं कर रहे हैं, इसकी सूचना एडीएम प्रशासन को दी गयी है। उनके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।
रैपिड सर्वे की सूचना देखने को आज भी भटके लोग
मुजफ्फरनगर। सीमा विस्तार के तहत मुजफ्फरनगर पालिका में समस्त क्षेत्र में रैपिड सर्वे का काम पूरा करते हुए पिछड़ी जातियों की गणना पूरी कर रिपोर्ट तैयार की गयी, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि आज इस रिपोर्ट पर आपत्तियां प्राप्त करने का समय पूर्ण हो गया और जिलाधिकारी के निर्देशानुसार नगरपालिका में सूचना पट पर सूची चस्पा ही नहीं की गयी।
रविवार को पालिका के ईओ हेमराज सिंह अवकाश होने के बाद भी पालिका पहुंचे थे और वह पालिका के मानचित्रकार राजेश्वर शर्मा के साथ उनके कैबिन में पिछड़ी जातियों की गणना रिपोर्ट में आंकड़ेबाजी को दुरुस्त कराते हुए दिखाई दिये। जबकि पालिका में डीएम के निर्देश के बावजूद भी कहीं पर भी यह सूची चस्पा नहीं मिली। ऐसे में आज भी पालिका में सूची देखने के लिए कई लोग आये। इनमें लद्दावाला निवासी भावी उम्मीदवार हकीम इरशाद अंसारी भी अपने साथियों के साथ पहुंचे थे, लेकिन सूची चस्पा नहीं मिलने पर वह निराश लौट गये। जबकि डीएम ने सार्वजनिक सूचना में कलेक्ट्रेट, तहसील सदर और नगरपालिका कार्यालय में सूची चस्पा होने की जानकारी दी।