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मुजफ्फरनगर....दलित किसानों की 4200 गज भूमि पर अवैध कब्जा

10 साल पहले आपराधिक छवि के लोगों पर फर्जी बैनामा कर भूमि बेचने के लगाये आरोप,एक पूर्व महिला विधायक, हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं सहित कई बड़े लोगों ने खरीदी जमीन, प्रशासनिक जांच में हो चुका साबित, करीब 8 करोड़ रुपये कीमत की भूमि को छुड़वाने के लिए पीड़ित किसानों ने की आरोपियों पर कार्यवाही की मांग

मुजफ्फरनगर....दलित किसानों की 4200 गज भूमि पर अवैध कब्जा
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मुजफ्फरनगर। एक ही खानदान के भाईयों के नाम की भूमि को फर्जी बैनामों के सहारे बेचने और अवैध कब्जा करने के आरोप लगाते हुए कुछ आपराधिक छवि के लोगों के साथ ही कई बड़े नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी है। पीड़ितों में दलित किसान शामिल हैं, जिनकी करीब 8 करोड़ रुपये कीमत की 4200 वर्ग गज भूमि को फर्जीवाडा करते हुए कब्जा लिया गया।

शहर के बालाजी मंदिर चौक पर स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सदर तहसील के मौहल्ला शांतिनगर निवासी दलित किसानों रामभज, कल्लूराम, महक सिंह व चहक सिंह ने अपनी पीड़ा को उजागर किया। उनके साथ आये उनके पैरोकार शांतिनगर निवासी रोहित शर्मा ने बताया कि ये सभी एक ही खानदान के भाई हैं। इनकी खेती की जमीन गांव कूकड़ा के मौहल्ला तिलकनगर में है। इनके द्वारा अपनी खेती की जमीन को बेचा था। करीब 60 बीघा भूमि इनके द्वारा विभिन्न लोगों को बेची गयी। 5 बीघा भूमि बचा ली गयी थी। इसमें से करीब 4200 वर्ग गज भूमि पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया और इसका पता चलने पर वो इन दलित किसानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहा है।

रोहित ने आरोप लगाया कि इनकी भूमि खसरा नम्बर 52 के अन्तर्गत दर्ज है, इसी भूमि को हिस्ट्रीशीटर विशाकल कश्यप निवासी शांतिनगर और दूसरे आपराधिक छवि के व्यक्ति जगमाल पुत्र सुखबीर सिंह निवासीा ग्राम नन्हेडी भोपा द्वारा अपने अन्य सार्थियों के साथ मिलकर कब्जा ली और फर्जी बैनामे करा दिये। दो लोगों ने सेठू और नानू बनकर ये फर्जी बैनामे किये हैं, जोकि इन परिवारों के नामों से फर्जी मालिक बनकर किये गये हैं। ये बैनामे साल 2012 में अलग अलग व्यक्तियों को किये गये हैं। इसका पता दलित किसानों को साल 2020 में लगा और इसके बाद इनके द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसमें विशाल और जगमाल को पुलिस ने जेल भेज दिया था। प्रशासनिक स्तर पर भी जांच हुई तो सेठू और नानू का सम्बंध परिवार से नहीं मिला और पूरी तरह से फर्जीवाडा उजागर हुआ।

रोहित शर्मा व दलित किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी भूमि को फर्जी बैनामे के आधार पर एक हिन्दूवादी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, दूसरे पदाधिकारियों और एक पूर्व महिला विधायक जोकि भाजपा में शामिल हुई है, ने कब्जाया हुआ है। पूर्व विधायक के पास करीब 500 वर्ग गज भूमि का कब्जा है। इन बैनामों को निरस्त करोन के लिए किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इनका पूरा गैंग है और दलित किसानों की 4 हजार वर्ग गज से ज्यादा भूमि कब्जाकर फर्जी बैनामा कराने वाले ये लोग ग्राम मुस्तफाबाद में भी भू माफियाओं के साथ मिलकर खसरा नम्बर 431/2 में दर्ज भूमि के फर्जी बैनामा करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दलित किसानों को न्याय दिलाने का काम जिला प्रशासन करे और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ ही फर्जी बैनामे निरस्त किये जायें, अवैध कब्जे हटाकर वास्तविक मालिक को भूमि प्रदान की जाये। डीएम इस मामले में उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करते हुए जांच करायें।

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