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राजस्व वादों के निस्तारण में मुजफ्फरनगर फिसड्डी, सीएम योगी नाराज

शासन ने डीएम अरविंद मल्लप्पा से मांगा जवाब, मुख्य सचिव ने वीसी कर जानी स्थिति, सीएम की समीक्षा बैठक में मुजफ्फरनगर और शामली सहित सात जिलों के डीएम और सहारनपुर सहित दस मंडलायुक्त साबित हुए लापरवाह

राजस्व वादों के निस्तारण में मुजफ्फरनगर फिसड्डी, सीएम योगी नाराज
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मुजफ्फरनगर। कई मामलों में उपलब्धि हासिल कर मुजफ्फरनगर को प्रदेश के टाॅप जिलों में शामिल कराने का कारनामा करने वाले जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी अब सरकार और शासन के निशाने पर आ गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बेहद लापरवाह श्रेणी में चुने गये सात जिलाधिकारियों और दस मंडलायुक्तों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है। इन सात जिलाधिकारियों में जनपद मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा और सहारनपुर के मंडलायुक्त डाॅ. )षिकेश भास्कर यशोद भी शामिल है। मामला राजस्व वादों के निपटारे से जुड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष प्राथमिकता पर इसके लिए दो महीने का अभियान प्रदेश में चलाया गया था, लेकिन इसमें मुजफ्फरनगर जनपद राजस्व वादों का निस्तारण करने में बेहद लचर प्रदर्शन वाला जिला रहा है। इसी लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री बेहद नाराज हुए और शासन ने डीएम से जवाब तलब कर लिया है। इसी कड़ी में बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से वीसी करते हुए स्थिति की जानकारी ली और सीएम योगी के दिशा निर्देशों से अवगत कराते हुए रिपोर्ट तलब की है।

बता दें कि जनपद देवरिया में अक्टूबर माह के शुरू में ही पारिवारिक जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें आठ लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बड़ा हंगामा हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश में सख्ती के साथ ऐसे भू-राजस्व एवं जमीनी विवादों को विशेष प्राथमिकता पर निपटाने के निर्देश जारी करते हुए इसके लिए विशेष अभियान चलाने को कहा था। मुख्यमंत्री के आदेश पर शासन ने सभी जिलों को विशेष दिशा निर्देश भेज दिये थे। इसी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मंगलवार को राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति जानने के लिए समीक्षा की थी। इस समीक्षा बैठक में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता बरतने वाले बड़े अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने अक्तूबर में राजस्व वादों के खराब निस्तारण पर वाराणसी समेत प्रदेश के 10 मंडलायुक्त और सात जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है। इनमें सहारनपुर के मंडलायुक्त डाॅ. )षिकेश भास्कर यशोद और मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी भी शामिल हैं।

बताया गया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लम्बित राजस्व वादों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण के लिए 60 दिन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये थे। इसके साथ ही विशेष अभियान की हर मंगलवार को शासन स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में अक्तूबर की समीक्षा बैठक मंे पाया गया कि प्रदेश के वाराणसी, सहारनपुर, आजमगढ़, अलीगढ़, बस्ती, चित्रकूट धाम, अयोध्या सहित दस मंडलायुक्त और बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, चित्रकूट, ललितपुर, अमरोहा के जिलाधिकारियों द्वारा राजस्व के लंबित और नये वादों के निस्तारण में बेहद गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने लापरवाह अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। साथ ही लम्बित राजस्व वादों का मानक एवं निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराने के सख्त निर्देश दिये हैं। वहीं माना जा रहा है कि जवाब संतोषजनक न मिलने पर इन बड़े अफसरों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी की नाराजगी भारी पड़ सकती है और शासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।


वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री की नाराजगी की खबरों के बीच ही बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अन्य शीर्ष अफसरों के साथ जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के साथ वीसी की और राजस्व वादों की स्थिति के सम्बंध में जानकारी लेने के साथ ही इसमें लापरवाही बरतने को लेकर भी नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार वीसी में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से भी जिले में राजस्व वादों के निस्तारण में बरती जा रही लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। इस वीसी में डीएम अरविंद मल्लप्पा के साथ एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार भी शामिल रहे।

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