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मुजफ्फरनगर...सील बैंकट खुलवाने को माननी पड़ी एमडीए की बात!

आखिरकार भाजपाई ‘पंकज’ को देना ही पड़ा एमडीए को ‘मनचाहा’ जवाब, मजबूत सियासी छांव सिर पर रखने के बावजूद नेताओं की बेरुखी से मजबूर होकर ‘हट्टी अफसरों’ के दर पहुंचे पंकज जैन, वृन्दावन गार्डन बारात घर पर लगी सील खुलवाने को काम नहीं आया सियासी रसूख का कोई भी जोड़-तोड़

मुजफ्फरनगर...सील बैंकट खुलवाने को माननी पड़ी एमडीए की बात!
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मुजफ्फरनगर। 'पंकज' यानि कि 'कमल' और 'कमल' यानि कि भाजपा ;भारतीय जनता पार्टीद्ध, पर्यायवाची शब्दों की परिभाषा में 'पंकज' की पहचान कुछ यही सामने आती है। अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस व्यक्ति के नाम में ही भाजपा की पहचान छुपी हुई हो, और जो अपने सिर पर भाजपा की डबल इंजन की सरकार के मजबूत नेताओं और खुद को 'सरकार' के रूप में ही जनता के बीच रखकर अपनी पहचान कराने वाले लोगों के हाथ की छांव को आशीर्वाद मानता हो, वह सरकार के अधीन आने वाले अदना से प्रशासन की बेवजह दी गई पीड़ा के कारण पिछले 24 घंटे से सड़क पर दर-बदर नजर आये तो सवाल उठना लाजिमी है।

जी हां! बात यहां पर जनपद के बड़े व्यापारी और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के तमाम बड़े कार्यक्रमों में दरी बिछाने से लेकर मंच की साज सज्जा करने तक का जिम्मा उठाने वाले पंकज जैन और उनका परिवार मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की कार्यवाही से आहत है। अफसरों के इस कदम को पंकज जैन 'प्रशासनिक अत्याचार' बताकर सियासत पर भी सवाल उठा रहे हैं।

बुधवार को एमडीए के सचिव आदित्य प्रजापति और नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार श्रीवास्तव ने सीओ नई मंडी हिमांशु गौरव, एसएचओ नई मण्डी इंस्पेक्टर महावीर सिंह और भारी पुलिस फोर्स के साथ एमडीए की टीम को साथ लेकर भोपा रोड पर स्थित वृन्दावन गार्डन को सील कर दिया गया। इस बारात घर को लेकर एमडीए और मालिकों के बीच विवाद 22 साल से चल रहा है। एमडीए सचिव के अनुसार भोपा रोड पर अवैध वृन्दावन गार्डन बारात घर का निर्माण उसके मालिकों दीपिका जैन पत्नी संजीव कुमार जैन निवासी ओल्ड अनारकली शाहदरा दिल्ली व प्रदीप जैन गांधी टैंट हाऊस के द्वारा कराया गया। इसके लिए एमडीए ने अवैध निर्माण होने पर उक्त दोनों मालिकों के खिलाफ वृन्दावन गार्डन को लेकर 24 फरवरी 2000 में वाद संख्या 15 योजित किया। इससे साफ है कि वृन्दावन गार्डन के निर्माण को लेकर एमडीए और मालिकों के बीच रस्साकसी कोई नई नहीं है। इसके लिए वाद योजित करने की तिथि को ही विवाद का आधार माने तो करीब 22 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। जबकि इससे पूर्व का ही यह बारात घर माना जाता है।


एमडीए सचिव के अनुसार 2005 में मालिकों ने एमडीए के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 21 फरवरी 2017 को हाईकोर्ट ने बैंकट मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट में यह लड़ाई यहीं पर समाप्त हो गयी। इसके बाद पांच साल के बाद एमडीए सचिव की ओर से 01 जून 2022 को उनको नोटिस जारी करते हुए बारात घर को लेकर साक्ष्य और अभिलेख प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया गया, इसमें उन पर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 संशोधित 1997 की धारा 26, 27 व 28 का उल्लंघन करने के आरोप लगाये। एमडीए सचिव के अनुसार सुनवाई का पूरा अवसर दिये जाने के बावजूद भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराने को लेकर ही उनके खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिये गये और 02 नवम्बर को वृन्दावन गार्डन सील कर दिया गया। एमडीए की इस कार्यवाही में कई सवाल हैं। पहला और बड़ा सवाल यही कि साल 2017 में हाईकोर्ट ने बैंकट हॉल मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया तो एमडीए का आदेश प्रभावी हो गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एमडीए ने कार्यवाही क्यों नहीं की? पांच साल तक किस बात का इंतजार था? अब सीजन उठने से पहले ही अचानक सीलिंग के पीछे की अफरातफरी का कारण क्या रहा? जबकि राज्य और केन्द्र सरकार के दोनों मंत्रियों ने बातचीत के रास्ते हल निकालने का पूरा भरोसा बैंकट हॉल संचालकों को दिया और एमडीए के अफसरों को भी संदेश पहुंचा दिया गया था।

यह तो बात रही 22 साल से चल रहे मामले के विवाद और आज तक की कार्यवाही की। अब बात वृन्दावन गार्डन की सीलिंग की करें तो इसके मालिकों के परिवार से जुड़ा एक नाम पंकज जैन जिले के प्रमुख व्यापारियों और उद्यमियों में शामिल है। गांधी टैन्ट हाऊस से पंकज जैन ने जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर में अपनी पहचान बनाई है। भाजपा से उनका लगाव और जुड़ाव व्यापारिक नहीं व्यक्तिगत है। उनके द्वारा पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कई रैलियों में दरी और कुर्सी बिछाने से लेकर मंच की साज सज्जा तक का जिम्मा उठाया गया है। जिले की बात करें तो भाजपाईयों में पंकज जैन का रूतबा और सम्मान किसी से छिपा नहीं रहा है। उनके जिस बैंकट हॉल के भगवा सजावट के नीचे द्वार पर एमडीए की सील लगी लोगों को नजर आई है, वो द्वार भाजपाईयों के दिन रात कार्यक्रमों, मीटिंगों और चुनावी सभाओं के लिए हमेशा ही खुले रहे हैं, लेकिन आज भाजपा नेताओं की गलबहियों से खुद को सुरक्षित महसूस करने वाले पंकज जैन और उनके परिवार की नींद भाजपा की डबल इंजन की सरकार के दो मंत्रियों के साथ खड़े होने के बाद भी उड़ी हुई है।

बुधवार को हुआ ड्रामा जनपद में सभी लोगों की जुबां पर एक कहानी बन गया है। लोगों को उम्मीद थी कि देर रात तक ही पंकज जैन की नाराजगी और हंगामे के बाद वृन्दावन गार्डन पर लगी सरकारी सील खुल जायेगी और सुबह जब लोग भोपा रोड पर निकलेंगे तो भाजपा के लिए खुला रहने वाला वृन्दावन गार्डन का यह सील द्वार फिर से खुला नजर आयेगा, लेकिन दोपहर बाद तक भी गेट पर लगी सील बादस्तूर भाजपा की सरकारों में एक भाजपाई के उत्पीड़न की दास्तां कहता सुनाई दे रहा था।

पंकज जैन भी बुधवार की भांति ही गुरूवार को भी सड़क पर पसीना पसीना खड़े नजर आते थे। सियासी दोस्तों की दगाबाजी से अकेले खड़े दिखाई देने वाले पंकज जैन आज सियासत की दर से नजर अंदाज किये जाने के बाद मजबूर होकर एमडीए के अफसरों की दर पर एक पीड़ित की भांति खड़े रहे। सूत्रों के अनुसार उन्होंने आज एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति से मुलाकात की और वृन्दावन गार्डन में 04 नवम्बर की शादी बुक होने की दलील देते हुए सील खोलने के लिए लगभग मिन्नतें तक की। सील खोलने के लिए एमडीए के अफसरों की हट से वह मजबूर दिखाई दिये और उनको सियासत के मजबूत साथ के बाजवूद भी अफसरों की जिद के आगे झुकना पड़ा। पंकज जैन ने बताया कि सील खुलवाने के लिए जिस प्रकार का प्रार्थना पत्र एमडीए के अफसरों ने उनसे चाहा है, वह उनको दे दिया गया है। यानि साफ है कि पंकज जैन को एमडीए से लिखित में यह आग्रह करना पड़ा, उनकी शर्तों के अनुसार लिखित में आश्वासन देना पड़ा कि वह भविष्य में साक्ष्य और अभिलेख देने को तैयार हैं और नक्शा पास कराने के लिए जो भी जरूरी प्रक्रिय होगी वह करेंगे। मरता क्या न करता जैसा हाल पंकज जैन का हो रहा है। एमडीए के अफसरों से भाजपाई होने के बावजूद वह पार नहीं पास के। पंकज जैन का कहना है कि वह मजबूरी में लिखित प्रार्थना पत्र देकर आये हैं, ताकि उनके बैंकट की सील खुले और 04 नवम्बर की बुक शादी के लिए व्यवस्था को पूरा कराया जा सके। अब बात यह है कि सभी की निगाह 07 नवम्बर पर टिकी हुई है। कहा जा रहा है कि इस दिन केन्द्रीय राज्यमंत्री और स्थानीय सांसद डा. संजीव बालियान ने एमडीए सचिव और बैंकट हॉल मालिकों के बीच बात करने का आश्वासन दिया है।

पंकज पर कार्यवाही से पूरे जिले को संदेश देने में सफल रहा प्रशासन

मुजफ्फरनगर। आज दिन भर वृन्दावन गार्डन को सील करने के लिए समाचार पत्रों में छपी खबरों पर चर्चा लोगों के बीच बनी रही। इसमें यह भी कहा गया कि भाजपा से लगाव रखने वाले व्यापारी पंकज जैन को ही एमडीए ने पहला शिकार बनाने के लिए एक सुनियोजित निर्णय के तहत चुना गया है।


पंकज जैन इस मामले में बारात घरों, सामुदायिक बारात घरों पर राज्य सरकार द्वारा लगाये गये सम्पूर्ण भूखंड विकास शुल्क व अन्य व्यवस्थाओं का मुखर विरोध कर रहे हैं। मांगलिक समारोह स्थल एसोसिएशन के जिला महामंत्री होने के नाते पंकज जैन इसके लिए मंत्रियों और अफसरों से मिलकर बार बार विरोध जता रहे हैं, अपनी समस्या बता रहे हैं और नियमों के सरलीकरण की गुहार नेताओं, अफसरों के सहारे सरकार से कर रहे हैं। एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति के अनुसार अवैध निर्माण के लिए जिले के करीब 90 बैंकट हॉल के लिए मालिकों को नोटिस दिये गये।

इससे साफ है कि सभी पर एक जैसे ही आरोप होंगे। नोटिसों का जवाब इनमें से अधिकांश ने नहीं दिया गया होगा, क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि इन नोटिसों का जवाब न देने वाले पंकज जैन ही अकेले हों, एसोसिएशन के अनुसार जनपद में 400 बैंकट हॉल और बारात घरों का संचालन जिले में हो रहा है। ऐसे में 90 को ही नोटिस दिया जाना बड़ा सवाल है। अब प्रशासन की कार्यवाही को लेकर चल रही चर्चाओं की बात करें तो इसमें लोग यह भी बता रहे हैं कि पंकज जैन को बड़ा नाम होने और भाजपा के नेताओं का खास होने की जानकारी प्रशासन या एमडीए के अफसरों से छिपी नहीं रही, तो फिर 90 में उनका ही बैंकट हॉल सील करना फुल पु्रफ प्लान की चुगली कर रहा है। इसमें प्रशासन और एमडीए के अफसरों का मकसद यह हो सकता है कि पहले ही ऐसी कार्यवाही कर दी जाये, जो दूसरे छुटभैया नेता और बैंकट हॉल मालिक आवाज उठाने के लिए सौ बार सोचे। जब बड़ी मछली को ही फंसा लिया जायेगा तो छोटों की हिम्मत जवाब खुद ही दे जायेगी। इसके साथ ही कई अन्य तरह की चर्चा भी आज दिनभर चलती रही।

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