undefined

मुजफ्फरनगर....जानलेवा प्रदूषण-समस्या पर कुंभकर्ण बना प्रदूषण विभाग

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनजीटी के आदेशों को भी दिखाया जा रहा ठेंगा, जिले में घातक प्रदूषण फैलाकर मौत बांटने में जुटी टायर फैक्ट्री, जानकर भी अंजान बने प्रदूषण अधिकारी, जनपद में 22 टायर फैक्ट्रियों को लेकर उठते रहे हैं बड़े सवाल, शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं

मुजफ्फरनगर....जानलेवा प्रदूषण-समस्या पर कुंभकर्ण बना प्रदूषण विभाग
X

मुजफ्फरनगर। जनपद में जल और वायु प्रदूषण लोगों के जीवन के लिए बेहद ही घातक साबित होता रहा है। जनपद के एनसीआर में आने के बाद यहां पर कहने को प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनजीटी के द्वारा कई बड़ी पाबंदियों को लागू किया गया, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की कुंभकर्णी नींद के कारण इन पाबंदियों का असर भी नजर नहीं आ रहा है और लोगों के जीवन के लिए हर सांस प्रदूषित नजर आ रही है। जनपद में प्रदूषण के लिए यूं तो कई स्रोत बने हुए हैं, लेकिन वायु प्रदूषण का हाल सबसे ज्यादा बेहाल है। कांवड यात्रा से पूर्व जून माह की ही बात करें तो प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ के बीच मुजफ्फरनगर देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक ;एक्यूआईद्ध 154 बड़े शहरों के बीच सबसे अधिक बना हुआ था। यहां संचालित टायर फैक्ट्रियां वायु प्रदूषण फैलाकर पर्यावरण को बदहाल करने का काम लगातार कर रही हैं। इन फैक्ट्रियों में मानकों के विपरीत टायर जलने के कारण ही घातक वायु प्रदूषण फैलता है। इससे सांस लेना मुश्किल होता है। इन्हीं फैक्ट्रियों से निकल रही प्रदूषित हवा की वजह से देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में मुजफ्फरनगर शीर्ष पर रहता है। ऐसा नहीं है कि इनकी जानकारी नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का हर अधिकारी इन फैक्ट्रियों से हो रहे प्रदूषण से वाकिफ है, लेकिन आंख मंूद तमाशा देखा जा रहा है।

जनपद में प्रदूषण का स्तर सबसे घातक हो रहा है। इनमें टायर फैक्ट्रियां किसी भी नियंत्रण से बाहर नजर आ रही है। लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही इन टायर फैक्ट्रियों के बारे में शिकायतें मिलने पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने इनमें मानकों के पालन प्रक्रिया की जांच करने का निर्णय किया, लेकिन एनजीटी और शासन का आदेश आने के बाद भी केवल खानपूरी की जा रही है। मुजफ्फरनगर जनपद में प्रदूषण विभाग के रिकार्ड के अनुसार करीब 22 टायर फैक्ट्रियां हैं, इनमें सदर क्षेत्र के जानसठ रोड, भोपा रोड और मेरठ रोड पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र के अलावा जानसठ, खतौली, बुढ़ाना तहसील परिक्षेत्र में टायर फैक्ट्रियां चल रही हैं, जो क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मेहरबानी के कारण बेखौफ नियमों को ताक पर रखते हुए वायु प्रदूषण के रूप में लोगों को जहर परोस रही हैं। इन फैक्ट्रियों के लिए अनगिनत शिकायतें विभाग को मिली हैं, और कई उद्योगपतियों ने भी इनको लेकर शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के कानों तक गोपनीय रूप से पहुंचाई हैं। इनको लेकर विभाग के अफसरों का दावा है कि अन्य संसाधनों, वाहनों व इकाइयों के अतिरिक्त टायर फैक्ट्रियां अधिक वायु प्रदूषण फैला रही हैं। ये स्वच्छ पर्यावरण के लिए खतरा बन रही हैं। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत है कि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को जहरीला कर रहा है। यह आसपास के लोगों की सेहत भी बिगाड़ रहा है।

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने एक औद्योगिक संगठन के कार्यक्रम में स्वयं स्वीकार किया था कि टायर को जलाकर तेल निकालने की फैक्ट्रियां सदर क्षेत्र में जानसठ रोड, भोपा रोड के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी हैं। उन्होंने यह खुले मन से स्वीकार किया था कि इन टायर फैक्ट्रियों के कारण जिले का वायु प्रदूषण घातक हो रहा है। इनमें रबर, पालीथिन का प्रयोग हो रहा है, उन्होंने भरोसा दिया था कि विभागीय टीम इसकी भी छानबीन करेगी। लेकिन नतीजा अभी तक ढाक के तीन पात ही रहा है। प्रदूषण विभाग ने इन फैक्ट्रियों के द्वारा फैलाये जा रहे वायु प्रदूषण की रोकथा के लिए कोई जांच पड़ताल नहीं की। यही कारण है कि आज भी जनपद में वायु प्रदूषण का स्तर घातक बना हुआ है।

फैक्ट्री के खिलाफ मलीरा के ग्रामीणों का हंगामा

मुजफ्फरनगर। टायर फैक्ट्री से निकलने वाली दुर्गन्ध और प्रदूषण के कारण ग्रामीणों का जीवन मुहाल हो रहा है। लोगों को सांस की बीमारी ने घेर रखा है। ऐसे में गांव के लोगों ने फैक्ट्री के खिलाफ हंगामा किया और अफसरों को मौके पर पहुंचकर फैक्ट्री को बंद कराना पड़ा। प्राप्त समाचार के अनुसार सहारनपुर मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे पर स्थित गांव मलीरा में हाइवे पर ही टायर से तेल निकालने वाली फैक्ट्री चल रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित धुंए से उनको भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए कई बार शिकायत अफसरों को की गयी, लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीणों के साथ भाकियू कार्यकर्ता मोहित त्यागी ने बीती रात ही इस मामले को लेकर तहसीलदार सदर से शिकायत की। मोहित ने बताया कि इस फैक्ट्री को लेकर तहसीलदार के साथ ही प्रदूषण विभाग के अफसरों को भी शिकायत की गयी। मोहित ग्रामीणों को लेकर फैक्ट्री पर पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद रात्रि में ही पहुंचे अफसरों ने फैक्ट्री को बंद कराया। ग्रामीणों ने इस मामले में जांच की मांग की है।

एक हफ्ते के भीतर होगी बड़ी कार्यवाहीः अंकित सिंह

मुजफ्फरनगर। जनपद में वायु प्रदूषण को लेकर कार्यवाही नहीं होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह का कहना है कि इसको लेकर विभाग को मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेकर टायर फैक्ट्रियों की जांच शुरू करने का निर्णय लिया और इन फैक्ट्रियों का सर्वे कराया गया है। विभाग की टीम में शामिल अफसरों और कर्मचारियों के द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए फैक्ट्रियों में लगे संयंत्रों, गुणवत्ता के साथ मानकों की जांच भी की है। औद्योगिक क्षेत्र बेगराजपुर में टायर और रबर फैक्ट्री, पुरानी बैट्री गलाकर लेड बनाने की फैक्टियों की जांच का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि टायर फैक्ट्रियों में काफी अनियमितता मिली हैं। इनमें से 2-3 फैक्ट्रियों में मानकों की कमी पाये जाने से साथ ही यहां से निकलने वाला प्रदूषण काफी घातक पाया गया है। अंकित सिंह ने कहा कि एनजीटी के आदेश और नियमों के साथ मानकों की अनदेखी करने पर विभागीय स्तर पर इन फैक्ट्रियों के खिलाफ एक हफ्ते में गंभीर कार्यवाही होने जा रही है। इसके साथ ही जांच का कार्य जारी रहेगा।

Next Story