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मुजफ्फरनगर....सोता रहा प्रदूषण विभाग, खुल गई गोदामों की सील

पालिथिन कचरा रोकने में में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की लापरवाही आई सामने, सील किये गये गोदामों से शुरू हुआ अवैध कारोबार। 8 गोदामों को सील करने का प्रदूषण विभाग ने किया था दावा, कई फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा पालिथिन वेस्ट। चंडीगढ़-पंजाब से लगातार रात्रि में जिले में आ रहे पालिथिन वेस्ट से भरे बड़े वाहन, चेकपोस्ट में रोकथाम-चेकिंग का नहीं है बंदोबस्त।

मुजफ्फरनगर....सोता रहा प्रदूषण विभाग, खुल गई गोदामों की सील
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मुजफ्फरनगर। नदियों को प्रदूषण से बचाने और लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त हिदायत के बाद भले ही जनपद में जिला प्रशासन ने फैक्ट्रियों और अन्य औद्योगिक स्रोतों पर प्रदूषण नियंत्रण के पैमाने पर अंकुश कसना शुरू कर दिया हो, लेकिन जिले के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की कार्यप्रणाली इसके उलट नजर आ रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को प्रदूषण फैला रही इकाईयों और स्रोतों को लेकर नींद इस कदर है कि उनको नींद से जगाने के लिए लोगों को दिन और रात सड़कों पर भागदौड़ कर प्रदूषण फैलाने के स्रोतों की निगरानी करनी पड़ रही है।

ऐसे में काफी शिकायतों के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण का मुख्य स्रोत बनकर यहां पर सप्लाई हो रहे पालिथिन वेस्ट ;पन्नी कचराद्ध की आपूर्ति करने वालों पर अंकुश कसा और करीब 8 गोदामों को सील कर दिया गया, लेकिन विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि इस कार्यवाही का असर या डर पालिथिन वेस्ट के कारोबार में लगे लोगों पर कतई नहीं हुआ और प्रदूषण विभाग के अफसरों की नाक के नीचे यह सील खोलकर फिर से कचरा सप्लाई का कार्य शुरू कर दिया गया। इसकी जानकारी मिली तो सोता विभाग विफर से जागने की अवस्था में आया और गोदाम की सील खोलने को लेकर सम्बंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी है। जबकि सील खुलने के मामले में लोगों का कहना है कि विभागीय साठगांठ से ही ये सब अवैध धंधा चल रहा है। हालांकि इस मामले में प्रदूषण विभाग के असफर लगातार कार्यवाही करने का दावा कर रहे हैं, पर हकीकत यह है कि आज भी रात्रि में पालिथिन वेस्ट जिले में लगातार पहुंच रहा है।

जनपद में वायु और जल प्रदूषण के मामले में कई फैक्ट्रियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह के नेतृत्व में विभागीय दल द्वारा कई ऐसी फैक्ट्रियों को सील करते हुए लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है, जो कि मानकों की अनदेखी कर चलाई जा रही थीं और इनके संचालन से पर्यावरणीय क्षति की स्थिति भी गंभीर बनी हुई थी। इन फैक्ट्रियों पर कार्यवाही के साथ ही प्रदूषण का मुख्य स्रोत बताये जा रहे पालिथिन वेस्ट को भी ईंधन के रूप में प्रयोग किये जाने की शिकायत रोजमर्रा की बात हो गयी है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के साथ ही यूपी के गाजियाबाद और पडौसी जनपद शामली से भी पालिथिन वेस्ट मुजफ्फरनगर में एक अवैध कारोबार का बड़ा स्रोत बनकर सामने आया है। यहां पर कई ठेकेदार पालिथिन वेस्ट को खरीदकर यहां की मिलों में सप्लाई कर रहे हैं और मिलों के द्वारा इस पालिथिन वेस्ट को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह के निरीक्षण के दौरान फैक्ट्रियों में यह पालिथिन वेस्ट ईंधन के रूप में प्रयोग होता हुआ नहीं पाया गया। इसके बावजूद भी जनपद में पालिथिन वेस्ट लगातार पहुंच रहा है।

कार्यवाही की बात करें तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा पिछले दिनों अलग अलग कार्यवाही में करीब 8 गोदामों को सील किया गया। इन गोदामों में पालिथिन वेस्ट भरा मिला। यहां पर सूखाने के बाद ही यह वेस्ट मिलों को सप्लाई किये जाने की बात सामने आई थी। इस मामले में एक आंदोलन चला रहे समाजसेवी सुमित मलिक के अनुसार प्रदूषण विभाग ने पिछले दिनों की कार्यवाही में 8 गोदाम सील किये थे। वह खुद भी इन सील गोदामों की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी भी पालिथिन वेस्ट लगातार जिले में आ रहा है। गत दिवस भी उन्होंने एक ट्राले का पीछा गया। बताया कि यह ट्राला पालिथिन वेस्ट से भरा हुआ था। जो शामली मारुति पेपर मिल से आकर मुजफ्फरनगर में एक ठेकेदार के पास जाना था। सुमित का कहना है कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही से शामली से चलकर पन्नी कचरा वेस्ट मुजफ्फरनगर बाईपास पर पहुंच गया लेकिन किसी भी थाने की चेकपोस्ट पर उसे रास्ते में नहीं रोका गया। चालक भी बेखौफ खुलेआम कचरा लेकर मुजफ्फरनगर पहुंच गया। सुमित ने कहा कि कुछ पन्नी कचरा माफियाओं ने अपने गोदाम की सील तोड़कर पन्नी कचरा निकाल कर पेपर मिल को भेज भी दिया और विभागीय अफसर सोते रहे। लाखों रुपये का पन्नी कचरा सील के बाद भी गोदाम से उठा लिया गया।

सुमित के इन आरोपों को विभागीय स्तर पर कराई गई एफआईआर से बल मिला है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के जेआरएफ दिवाकर देव गहलौत ने नई मण्डी थाने में दी तहरीर में बताया कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा 03 सितम्बर 2022 को भोपा रोड के निकट गांव मखियाली स्थित एक गोदाम का निरीक्षण किया गया था, यहां पर प्लास्टिक वेस्ट का भण्डारण पाया गया। यहां पर काफी मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट पाया गया। इस प्लास्टिक वेस्ट का भण्डारण नदीम पुत्र ताहिर, शानवाज पुत्र अब्बास और मुरसलीम पुत्र छोटा निवासीगण मखियाली के द्वारा किया जा रहा है। इस गोदाम को टीम ने 03 सितंबर को ही सील कर दिया था। दिवाकर के अनुसार 09 सितंबर को विभागीय दल ने पुनः इस गोदाम का निरीक्षण किया तो गोदाम पर लगी सील से छेडछाड़ पाई गयी। इसके लिए उन्होंने पुलिस को गोदाम की सील से हुई छेड़छाड़ के साक्ष्य के तौर पर कुछ फोटो भी उपलब्ध कराये। वहीं खुले गोदाम में प्लास्टिक वेस्ट के भण्डारण से संक्रमण क कारण गंभीर बीमारी फैलने की संभावना जाहिर की। इस तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

जेआरएफ दिवाकर देव ने नई मण्डी में ही दी दूसरी तहरीर में बताया कि विभाग की टीम ने 05 सितंबर को ग्राम मुस्तफाबाद के निकट एमडीए की नवीन कालौनी स्थल का निरीक्षण किया था। इसमें यहां पर एक खुले गोदाम में काफी मात्रा में पालिथिन वेस्ट का भण्डारण पाया गया। इसी गोदाम को विभाग ने सील कर दिया था। यहां पर नियाज हैदर पुत्र अब्बास निवासी मुस्तफाबाद द्वारा पालिथिन वेस्ट का भण्डारण करने की जानकारी मिली। इन दोनों मामलों में विभाग ने पब्लिक न्यूसेंस में एफआईआर दर्ज कराई है। सवाल यही है कि विभाग की सील तोड़कर कैसे गोदामों से माल साफ कर दिया गया और निरीक्षण व सीलिंग के पांच दिन बाद क्यों रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है। क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी अंकित सिंह का कहना है कि विभागीय टीम निरीक्षण के बाद पड़ताल करते हुए पूरी तरह से जानकारी करने के बाद ही कार्यवाही करा रही है। गोदाम की सील तोड़ने वालों पर एफआईआर दर्ज करा दी गयी है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। पालिथिन वेस्ट रोकने के लिए टीमों को लगातार स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं, लोगों से भी हम अपील कर रहे हैं कि यदि कहीं पर भी ऐसा कचरा देखें तो सूचना दें। जनसहयोग से ही हम ऐसे मामलों को रोक पायेंगे।

अफसरों को चकमा दे गया था ट्रक चालक

मुजफ्फरनगर। पालिथिन वेस्ट के अवैध भण्डारण और कारोबार के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर की ओर से पालिथिन वेस्ट लाने वाले वाहन के एक चालक को जानसठ रोड ओवर ब्रिज व जौली रोड के बीच पकड़ा गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जेआरएफ मनीष कुमार के द्वारा 31 अगस्त के दिन नई मण्डी थाने में पालिथिन वेस्ट लेकर आये ट्रक संख्या यूपी 12 बीटी 0582 के चालक मोइन अली पुत्र स्व. जहीर अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मोइन साहिबाबाद के किसी पेपर मिल से पालिथिन वेस्ट लेकर यहां किसी ठेकेदार को सप्लाई करने के लिए आया था।

जेआरएफ मनीष कुमार ने स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया था कि पालिथिन वेस्ट का भण्डारण से आसपास के गांवों में ग्रामीणों में संक्रमण फैलने का खतरा बना है। ट्रक चालक मौके से फरार हो गया था। दरअसल इस मामले में कार्यवाही समाजसेवी सुमित मलिक निवासी पीनना की शिकायत पर हुई। सुमित ने 30 अगस्त की रात्रि में यह ट्रक पकड़ा और इसकी सूचना प्रदूषण विभाग को दी थी। सुमित मलिक लगातार पालिथिन कचरा और प्रदूषण को लेकर आवाज उठा रहे हैं। वह बाइक पर रात्रि में हाईवे पर निगरानी करते हैं, जबकि यह काम प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को करना चाहिए। उनकी शिकायतों और संघर्ष का ही नतीजा है कि पालिथिन वेस्ट को लेकर प्रदूषण विभाग को कार्यवाही के नाम पर कुछ हाथ पांव चलाने के लिए विवश होना पड़ा।

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