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मुजफ्फरनगर....बिना अनुमति के चल रहा कांवड सेवा शिविर

शिवसेना और क्रांतिसेना के बीच खींचतान में लापरवाही हुआ जिला प्रशासन, 13 जुलाई को आनंद भवन में क्रांतिसेना ने शुरू किया शिविर, प्रशासन ने नहीं दी अभी तक अनुमति। शिवसेना और क्रांतिसेना में विवाद होने के कारण प्रशासन ने अनुमति देने से किया इंकार। पांच दिन बाद भी नहीं खुली प्रशासन की आंख, घटना हुई तो कौन होगा जिम्मेदार।

मुजफ्फरनगर....बिना अनुमति के चल रहा कांवड सेवा शिविर
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मुजफ्फरनगर। दो साल के अंतराल के बाद अपने चरम उत्कृर्ष की ओर बढ़ती नजर आ रही कांवड यात्रा के दौरान व्यवस्था बनाने और सुरक्षा व सुविधा के लिए जिला पुलिस प्रशासन भले ही नियम कायदों के सहार सख्त पबांदियों के साथ व्यवस्था बनाने का दावा कर रहा हो, लेकिन आपसी खींचतान में प्रशासन की बड़ी चूक और लापरवाही भी सामने आ रही है। पिछले वर्षों में शिव भक्त कांवडियों की सेवा में सबसे आगे रहने वाले ललित मोहन शर्मा के संगठन बदलने से भले ही सामाजिक स्तर पर उनकी पकड़ कमजोर नहीं पड़ी हो, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उनको एक शिविर के लिए काफी परेशानी में डाल दिया गया है। हिन्दूवादी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले ललित मोहन शर्मा ने इस बार भी आनंद भवन मंदिर परिसर में अपने चिर परिचित अंदाज में कांवडियों की सेवा के लिए क्रांतिसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शिविर शुरू कर रखा है, संगठन का यह शिविर 13 जुलाई को प्रारम्भ हुआ, लेकिन प्रशासन ने पांच दिन बीत जाने के बाद भी इस शिविर के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है। उलटा उनको मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जा रही है।

कोरोना महामारी के कारण दो साल कांवड यात्रा बंद रही है, लेकिन इस बार संक्रमण नहीं होने के कारण यात्रा को सरकार ने हरी झंडी दी। इस बार कांवडियों का जोश भी चरम पर पहुंचने की संभावना है। ऐसे में कांवडियों की सेवा के लिए अब जनपद में शिविरों का दायरा भी बढ़ने लगा है। शिवसेना को जनपद में स्थापित करने वाले ललित मोहन शर्मा ने संगठन से विवाद के बाद क्रांतिसेना के नाम से नया संगठन बनाया और इस बार वह अपने कांवड सेवा शिविर को पुराने स्थान आनंद भवन मंदिर में नये संगठन के बैनर तले लगाने की तैयारी में जुटे तो शिवसेना के अध्यक्ष बिट्टू सिखेडा ने शिवसेना के नाम पर लगने वाले शिविर के स्थान पर अपना अधिकार जता दिया और प्रशासन को दावा पेश कर शिविरि की अनुमति मांगी थी। इसके बाद शिविर को लेकर तय हुआ कि शिवसेना को भी आनंद भवन में ही शिविर लगाने की अनुमति दी जायेगी, मंदिर में ललित मोहन के संगठन का ही शिविर लगेगा।

सूत्रों के अनुसार 9 जुलाई को क्रांतिसेना ने शिविर की अनुमति के लिए आवेदन किया, लेकिन नगर मजिस्ट्रेट ने अनुमति देने में हीला हवाली की। यहां पर नोकझोंक के बाद जबरन शिविर लगाने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी भी दी गयी। ऐसे में प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने के बावजूद क्रांतिसेना ने अपने आनंद भवन मंदिर परिसर के स्थान पर 13 जुलाई को कांवड सेवा शिविर प्रारम्भ कर दिया। रविवार को शिविर का पंाचवां दिन था, लेकिन अभीा तक भी प्रशासनिक स्तर पर उनके शिविर को विधिवत अनुमति नहीं दी गयी है। ललित मोहन शर्मा का कहना है कि इसके लिए प्रशासन से कई बार अपील की गयी और पुरानी अनुमति का हवाला दिया गया। प्रशासनिक स्तर पर तय किये गये सभी छह विभागों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जा चुकी है, लेकिन नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय से अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में नगर मजिस्ट्रेट का कहना है कि अनुमति देने की एक प्रक्रिया है। रिपोर्ट आने पर अनुमति जारी कर दी जायेगी, अभी रिपोर्ट नहीं आई है।

सेवा के 29वें साल में सिस्टम से निराश हुए ललित

शिवसेना को जनपद मुजफ्फरनगर में एक ताकत के रूप में पहचान दिलाने में ललित मोहन शर्मा ने काफी संघर्ष किया, लेकिन कोविड से पहले संगठन को लेकर विवाद पैदा हुआ और ललित मोहन ने शिवसेना छोड़ दी। उन्होंने अपना नया संगठन क्रांतिसेना बनाया और राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभाली। ललित मोहन शर्मा सावन की कांवड यात्रा में जनपद में सबसे पहले सेवा शिविर का संचालन करने वाले कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाये हुए हैं। उनका शिविर हर साल सावन के पहले दिन से ही शुरू होकर शिवरात्रि तक चलता है। इस बार वह 29वां कांवड सेवा शिविर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर शिविर संचालन की अनुमति प्राप्त करने के लिए जितना परेशान इस बार प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, उतना कभी भी नहीं किया गया, लेकिन वे सच्ची सेवा भाव से कांविडयों की सेवा में जुटे हुए हैं। उनके शिविर में कांविडयों के स्नान के लिए नगरपालिका की ओर से लगाये जाने वाले स्टैण्ड पोस्ट ;टंकियांद्ध लगाने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पाई। उन्होंने अपने खर्च से मंदिर के बाहर इन टंकियों को लगवाया। सफाई व्यवस्था के लिए कर्मचारी नहीं भेजे गये। खुद बंदोबस्त किया और अब प्रशासन अनुमति देने में भी न जाने क्या खेल कर रहा है। उन्होंने जिले के आला अफसरों से अपील की है कि वह शिविर के लिए अनुमजि जारी करायें।

शिवसेना के पहले शिविर में बत्ती गुल, परेशान हुए कांवडिये

शिवसेना ने इस बार आनंद भवन मुजफ्फरनगर में अपना पहला शिविर लगाया है। यहां दुकानों के ऊपर खाली स्थान में शिवसेना के अध्यक्ष बिट्टू सिखेडा को प्रशासन ने शिविर की अनुमति दी है। इस शिविर में कांविडयों के भोजन और विश्राम की व्यवस्था की गयी है। सूत्रों का कहना है कि बीती रात यहां पर अव्यवस्था होने के कारण कांवडियों को आधी रात ही जगह खाली करनी पड़ी। दरअसल भीषण गर्मी में यहां पर बिजली के बेकअप की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। यहां पर रात्रि में बिजली आपूर्ति ठप हुई तो अंधेरा छा गया। व्यवस्था करने के लिए कोई सेवादार नहीं मिला, काफी देर तक परेशान रहने पर कांवडियों ने फिर सामने ही मंदिर परिसर में चल रहे क्रांतिसेना के शिविर में जाकर आश्रय लिया। बिट्टू सिखेडा का कहना है कि शिविर के लिए जनरेटर की व्यवस्था की जा रही है। रात्रि में बत्ती ज्यादा देर तक गुल रही। कुछ असुविधा हो गयी थी, शिविर में कांवडियों की सेवा के लिए पर्याप्त साधन जुटाये गये हैं।

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