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Muzaffarnagar....नौ निकायों को कारण बताओ नोटिस

लापरवाही पर शासन सख्त, गंभीर प्रकरण में भी सूचना नहीं दिये जाने पर जिले की दोनों पालिकाओं और सात नगर पंचायतों के ईओ से मांगा स्पष्टीकरण, दो दिन में निदेशक नगरीय निकाय ने मांगा ईओ से जवाब, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वाद से जुड़ा है मामला, जिले की दस नगर निकायों में केवल नगर पंचायत जानसठ ने ही समय से शासन को भेजा जवाब।

Muzaffarnagar....नौ निकायों को कारण बताओ नोटिस
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मुजफ्फरनगर। गंभीर प्रकरणों में भी आवश्यक सूचना उपलब्ध नहीं कराने के मामले को लेकर शासन ने बेहद सख्त रवैया अपनाया हैै। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में कायम मुकदमे की सुनवाई के लिए मांगी गई सूचना नहीं दिये जाने पर जिले की दस निकायों में से नौ निकायों के अधिशासी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है। इसके साथ ही दो दिनों में 31 बिन्दुओं पर सूचना उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश भी दिये गये हैं। शासन ने निकायों के अधिशासी अधिकारियों से मांगे गये स्पष्टीकरण में यह पूछा है कि यह सूचना गंभीर आदेशों के बावजूद भी आखिर किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराई गयी।

बता दें कि शासन को वांछित सूचनाएं भेजने को लेकर नगरीय निकायों के अफसर खासे गंभीर नजर नहीं आते हैं। यही कारण है कि समय समय पर शासन की फटकार के बाद ही निकाय अफसर जागते रहे हैं और कई बार शासन को कार्यवाही भी करनी पड़ी है। ऐसे ही अब गंभीर प्रकरण में सख्त निर्देश जारी करने के बावजूद भी शासन को वांछित सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी, इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शासन ने लापरवाही बरतने वाले निकायों के अधिशासी अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जनपद की बात करें तो यहां दो पालिकाओं और आठ नगर पंचायतों में केवल एक ही नगर पंचायत जानसठ ने शासन को समय से वांछित सूचना प्रदान की, शेष नौ निकायों से कोई भी सूचना नहीं भेजी गयी है। इसी को लेकर इन नौ निकायों के अधिशासी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

जनपद की नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर और खतौली के साथ ही नगर पंचायत भोकरहेडी, बुढ़ाना, चरथावल, मीरापुर, पुरकाजी, शाहपुर और सिसौली के अधिशासी अधिकारियों को नगरीय निकाय निदेशालय की निदेशक नेहा शर्मा ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश शासन के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नरही स्थित वन मुख्यालय के पारिजात सभाकक्ष में आयोजित की गयी बैठक में सभी अधिशासी अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। इसमें बताया गया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में विचाराधीन वाद संख्या 2886/90 में 15 दिसम्बर 2022 को पारित आदेश के तहत कार्यवाही की जानी हैं। इसके लिए निकायों से 05 जनवरी 2023 तक वांछित सूचनाएं मांगी गयी थी, लेकिन इस संबंध में निदेशालय द्वारा भी रिमाइण्डर जारी करने के बावजूद अधिकांश निकायों ने सूचना नहीं भेजी हैं। इसको गंभीर लापरवाही मानते हुए अब निदेशालय की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजते हुए जिले के नौ निकायों के अधिशासी अधिकारियों से यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनके द्वारा आखिर किस कारणवश वांछित सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी हैं।

इन 31 बिन्दुओं पर शासन ने मांगी है सूचनाएं

नगरीय निकाय निदेशालय निदेशक नेहा शर्मा द्वारा निकायों से 31 बिन्दुओं पर सूचना मांगी गयी हैं। इनमें मुख्य रूप से नगर विकास मंत्री एके शर्मा के द्वारा 15 अपै्रल से 16 जून 2022 तक चलवाये गये विशेष सफाई अभियान में हुए खर्च का ब्यौरा, सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई के लिए कितने उपकरण निकाय के पास हैं, कितनी आवश्यकता है और कितने उपकरण कम हैं, इसके लिए कितने धन की आवश्यकता है की जानकारी के साथ ही यह सूचना भी मांगी गयी है कि निकायों के पास मशीनों में जेटिंग, सवरान, रोबोट, मैकेनिकल और मैनुअल ग्रेवर तथा इमरजेंसी व्हीकल में क्या क्या है।

गडढ़ामुक्ति के मामले में तीन नगर पंचायतों को फटकार

निदेशालय की ओर से सड़कों को गडढ़ामुक्त करने के अभियान में जनपद में निकायों के द्वारा चलाये गये अभियान में कितनी सड़कों को गडढ़ामुक्त किया गया है? इस सवाल का जवाब भी कुछ निकायों ने नहीं दिया है। निदेशक नेहा शर्मा ने इस सम्बंध में जिले के तीन निकायों को कारण बताओ नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। इनमें नगर पंचायत भोकरहेडी, चरथावल और मीरापुर के अधिशासी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि निकाय क्षेत्र की सड़कों को गडढ़ामुक्त करने के प्रमाण पत्र अभी तक निदेशायलय को क्यों उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। इसे शासन के आदेशों की अवहेलना बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई गयी है।

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