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मुजफ्फरनगर...डा. नरेश त्यागी के खिलाफ छोटे भाई ने कराई एफआईआर

डा. संजीव त्यागी ने लगाये ड्राईंग रूम से किचन तक दीवार तोड़ने के आरोप, अपने बड़े भाई और महिला वकील सहित नौ लोगों पर दर्ज कराया केस। डा. संजीव त्यागी ने कहा-तोड़फोड़ कर मुकदमा जीतने के लिए दस्तावेज व पैसा चुराने का किया गया प्रयास

मुजफ्फरनगर...डा. नरेश त्यागी के खिलाफ छोटे भाई ने कराई एफआईआर
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मुजफ्फरनगर। शहर के प्रतिष्ठित दो चिकित्सक भाईयों के बीच पैतृक सम्पत्ति को लेकर चल रही खींचतान और कानूनी लड़ाई अब पुलिस थाने भी जा पहुंची है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन बताया गया है, लेकिन आज सवेरे एक चिकित्सक ने अपने ही चिकित्सक भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर इस मामले में नई हलचल पैदा कर दी है। आरोप है कि उसके भाई ने एक महिला वकील और अपने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर घर में ड्राईंग रूम से किचन तक दीवार को तोड़कर नुकसान पहुंचाया। इस मामले में चिकित्सक और महिला वकील सहित नौ लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करा दी है।

प्राप्त समाचार के अनुसार थाना सिविल लाइन क्षेत्र के 37-ए सिविल लाइन दक्षिणी निवासी डा. संजीव त्यागी पुत्र स्व. जगदीश चन्द्र त्यागी ने थाना सिविल लाइन में तहरीर दी। इसमें उन्होने अपने ही भाई डा. नरेश त्यागी पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उनका आरोप है कि डा. नरेश त्यागी ने उनकी अनुपस्थिति में अपने क्लीनिक के कंपाउंडर्स, एम महिला वकील और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर उनके व उनके पिता के कमरे से महत्वपूर्ण वस्तुओं, धन और दस्तावेजों को लूटने व चोरी करने के इरादे से ड्राइंग रूम से किचन तक की दीवार और कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। डा. संजीव त्यागी ने पुलिस को दस बिन्दुओं वाली दी तहरीर में बताया कि उनके पिता जगदीश चंद्र त्यागी का 3 जून 2022 को बीमारी के कारण निधन हो गया था। उनके पिता एक सरकारी वकील थे और वह एक प्रमुख आपराधिक वकील भी रहे। उन्होंने बताया कि वह अपनी एचयूएफ ;हिन्दू अभिवाजित परिवारद्ध के तहत मिली पैतृक संपत्ति में लगभग 50 से अधिक वर्षों तक सिविल लाइन दक्षिणी के मकान में रहे, जो कि न्यायाधीन है।

डा. संजीव त्यागी ने बताया कि घटना 03 सितम्बर 2022 की है, वह सुबह अपने घर से किसी जरूरी सरकारी बैठक के लिए देहरादून से अहमदाबाद के लिए उड़ान पकड़ने के लिए तैयारी में थे और लगभग 06.30 बजे अपने घर से निकल गये थे। सफर में एक पुलिस कर्मी विकास कुमार का काल उनके मोबाइल फोन पर आया, यह काल फ्लाइट के टेक ऑफ होने के ठीक 10 मिनट पहले 09.54 बजे आई थी। इस पुलिस कर्मी ने उनको बताया कि उनके भाई और उसकी टीम द्वारा मेरे घर की दीवार को ड्राइंग रूम से किचन तक गिरा दिया गया है। इस पुलिस कर्मी ने डा. संजीव को थाने में आने के लिए कहा और फोन काट दिया। डा. संजीव ने पुलिस को बताया कि इस सूचना के बाद वह अपने घर में अतिचार और डकैती के डर से विमान से उतरे और सीधे मुजफ्फरनगर लौट आये। आकर देखा तो पाया कि घर को चारों तरफ से बंद कर दिया गया था लेकिन ड्राइंग रूम की तरफ से जबरन तोड़ा गया था। डा. संजीव के अनुसार जब उन्होंने अपने प्रतिनिधि के साथ जाँच की, तो पता चला कि पूरी विध्वंस कार्य में एक महिला वकील और उनके बड़े भाई डा. नरेश त्यागी की उपस्थिति रही, जो सुबह 9 बजे से दीवार तोड़ने के दौरान वहाँ मौजूद थे। डा. नरेश त्यागी के सभी गुर्गे/कंपाउंडर मुकेश, मिंटू, संजय, भोला, निवेश, आशीष और उसके अधीन और बाहर से कुछ अज्ञात व्यक्ति, दीवार तोड़ने में सहयोगी थे। डा. संजीव त्यागी ने कहा कि दीवार टूटने के बाद अब घर में रहना उनके लिए बहुत जोखिम भरा हो गया है, क्योंकि खाना इसी रसोई में तैयार होता है। आरोप लगाया कि मौके पर पुलिस के आने के बाद भी दीवार को गिराना जारी रखा गया।

डा. संजीव त्यागी ने बताया कि इस प्रॉपर्टी के लिए उनका अपने भाई डा. नरेश के साथ विवाद अदालत में चल रहा है और जिला अदालत में दायर अपने मुकदमे में सफलता पाने के लिए ही यह तोड़फोड़ एक साजिश के तहत की गयी है। इसी के चलते दीवार तोड़कर रात में उनके कमरे और पिता के कमरे से कीमती सामान, पैसे और दस्तावेज चोरी करने का इरादा था। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले भी डा. नरेश त्यागी द्वारा मई में पहले पिता के कमरे में इसी तरह का ब्रेक इन किया गया था, उस दौरान उनके पिता बीमारी के कारण इवान अस्पताल में भर्ती थे। उनकी मृत्यु से कुछ दिन पहले दस्तावेज चुराने का प्रयास किया गया था। उन्होंने बताया कि 03 सितंबर को कुदाली, फाला और हथौड़े का उपयोग करके रसोई के दरवाजे पर तोड़फोड़ की गयी, यह प्रयास घर में घुसने के लिए किया गया। डा. संजीव त्यागी ने बताया कि वह एक हृदय रोगी हैं और इस घटना के कारण उनके रक्तचाप और हृदय गति में वृ(ि का अनुभव हुआ, तो उनको दो बार दवा लेनी पड़ी, लेकिन इसके बाद भी यह बेकाबू था। कुछ देर आराम करने के बाद डा. संजीव ने अपने दूसरे भाई को घर के हालात और अपनी हालत के बारे में बताया।

सिविल लाइन एसएचओ इंस्पेक्टर संतोष त्यागी ने बताया कि डा. संजीव त्यागी का अपने ही भाई के साथ सम्पत्ति को लेकर विवाद है, जो कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसी को लेकर उन्होंने भाई पर घर में उनके हिस्से में तोड़फोड़ कर कब्जा करने, चोरी आदि के प्रयास के आरोप लगाये हैं। इस मामले में सभी आरोपियों डा. नरेश त्यागी, अज्ञात महिला वकील, डा. नरेश के स्टाफ मुकेश, मिन्टू, संजय, भोला, निवेश, आशीष के साथ ही अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसकी विवेचना एसआई मानवेन्द्र सिंह भाटी को सौंपी गयी है। वहीं डा. संजीव त्यागी को फोन करने वाले पुलिस कर्मी विकास कुमार ने बताया कि वह चीता मोबाइल पर कांस्टेबल हैं। उनको थाने से सूचना मिली थी कि दीवार तोड़ने को झगड़ा हो रहा है। वह मौके पर पहुंचे तो पहले से ही मौके पर पीआरवी टीम मौजूद थी। उन्होंने फोन कर डा. संजीव त्यागी को थाने आने के लिए कहा था। उनका विवाद कोर्ट में भी चल रहा है। डा. संजीव त्यागी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि वह आज फ्लाइट से अहमदाबाद जा रहे हैं, उनकी फ्लाइट टेक ऑफ होने वाली है, वह अभी बात नहीं कर सकते।

ड्राईंग रूम में अवैध क्लीनिक चलाने का आरोप, संक्रमण से हो चुकी पिता की मौत

डा. संजीव ने आरोप लगाया कि आरोप लगाया कि इसी रिहायशी सम्पत्ति में उनके भाई डा. नरेश त्यागी पुत्र स्व. जगदीश चन्द्र त्यागी मकान की रसोई से सटे ड्राइंग रूम से अपनी ईएमजी मशीनों का संचालन करने के साथ ही ड्राइंग रूम से अवैध रूप से क्लिनिक चला रहे हैं, जिससे परिवार के अन्य सदस्यों के लिए कोविड और अन्य संक्रमण के जोखिम का बड़ा खतरा बना हुआ है। उनके अवैध क्लीनिक के कारण रोगियों से छोटे बच्चों सहित परिवार के सदस्यों को कोविड, निमोनिया और तपेदिक सहित विभिन्न प्रकार के संक्रमण का खतरा है। जो ईएमजी, ईईजी, एनसीवी जैसे नैदानिक परीक्षणों के लिए उनके पास आते हैं। आरोप है कि डा. नरेश के अप्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ द्वारा उनके रसोई से सटे कमरे में ये सभी परीक्षण किए जाते हैं। उनके पिता को भी उनकी मृत्यु के एक महीने पहले निमोनिया और तपेदिक का पता चला था। और वह अंततः बिस्तर तक पहुंच गये और इसी संक्रमण प्रभाव के कारण हुई बीमारियों से उन्होंने दम तोड़ दिया। ड्राइंग रूम में तीन रास्ते खुलते हैं, एक कमरा आंगन में खुलता है जहाँ बच्चे खेलते हैं, एक रसोई में, एक नरेश त्यागी के कक्ष में है। घर में डा. नरेश त्यागी अप्रैल से अब तक लगातार निर्माण कार्य कर रहे हैं लेकिन उनके द्वारा घर में कुछ कार्य कराने के लिए बुलाये गये बढ़ई को वापस कर दिया गया। आरोप है कि डा. नरेश उनका और उनके लोगों का पीछा करते रहे हैं और उन्हें डराते-धमकाते भी हैं। उन्होंने अपने बड़े भाई डा. नरेश त्यागी और उनके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी करने की मांग की।

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