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डरा रहे नये मामले-राज्यों में शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का संकट

देश में जिस रफ्तार से कोरोना के नये मामले सामने आ रहे हैं, उनको देखते हुए यह पिछले साल के मुकाबले काफी घातक रूप लिये हुए हैं। इन आंकड़ों के साथ ही कई डराने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।

डरा रहे नये मामले-राज्यों में शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का संकट
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नई दिल्ली। देश में जिस रफ्तार से कोरोना के नये मामले सामने आ रहे हैं, उनको देखते हुए यह पिछले साल के मुकाबले काफी घातक रूप लिये हुए हैं। इन आंकड़ों के साथ ही कई डराने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इस बार हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वायरस का नया वेरिएंट काफी तेजी से और तमाम सावधानी के बाद अपनी चपेट में ले रहा है। सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली एम्स, लखनऊ के केजीएमयू सहित अन्य बड़े और छोटे अस्तपालों में हैल्थ वर्कर्स बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। इसके साथ ही यह भी चैंकाने वाली बात है कि ये लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद पाजिटिव हुए हैं, वहीं यह भी चिंता की बात है कि देश में कोरोना संक्रमण भयंकर स्थिति में पहुंचने के इस दौर में कोरोना वैक्सीन की डोज भी सीमित ही बची हैं।

देश में खतरनाक हो रहे कोरोना के कहर के बीच अब एक और डरा देने वाली खबर आ रही है। कोरोना अब एक बार फिर हेल्थ वकर्स को निशाना बना रहा है। बीते एक हफ्ते में देश की राजधानी दिल्ली स्थित एम्स के कई डाक्टर समेत 32 हेल्थ वर्कर्स संक्रमित मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सभी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। इससे एक दिन पहले दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के 37 डाक्टर संक्रमित मिले थे। उधर वाराणसी के सीएमओ डा. वीबी सिंह भी संक्रमित मिले हैं। डा. वीबी सिंह के भी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।

देश में मरीजों के मिलने की रफ्तार भी बढ़कर 9.21 प्रतिशत हो गई है। मतलब अब हर 100 लोग में 9 कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे हैं। देश में कोरोना संकट के बीच लोगों की उम्मीद सिर्फ कोरोना वैक्सीन ही है, लेकिन अब ज्यादातर राज्यों के पास इसका स्टाक तेजी से खत्म हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक राज्यों के पास औसतन पांच या छह दिन का स्टाक बचा हुआ है। जबकि आंध्र प्रदेश के पास महज 1.4 लाख का स्टाक है, यहां रोजाना 1.2 लाख लोगों को वैक्सीन लग रही है। उधर बिहार में 2.6 लाख वैक्सीन का स्टाक है, यहां रोजाना 1.7 लाख लोगों के वैक्सीन लगाई जाती है। इस हिसाब से दोनों जगह महज एक दिन का ही स्टाक है। यह हाल तब है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में पांच दिनों तक टीका उत्सव मनाने का संदेश दे रहे थे।

लोगों का कहना है कि एक तरफ देश में वैक्सीन की कमी होने जा रही है और प्रधानमंत्री उत्सव मनाने की बात कर रहे हैं। उधर सरकार द्वारा दूसरे देशों को वैक्सीन एक्सपोर्ट करने पर भी लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई 4 से 8 दिन के बीच में की जाती है। रोजाना राज्यों के अधिकारियों से बात कर तय किया जाता है कि किस राज्य में वैक्सीन भेजी जानी है। वैक्सीन की कमी के साथ अगले सप्ताह के लिए होने वाली सप्लाई भी फिलहाल पाइपलाइन में अटकी हुई है। सभी राज्यों के आंकड़े जोड़ लें तो सरकार औसतन रोजाना 36 लाख डोज लगा रही है। अभी सरकार के पास 1 करोड़ 96 लाख वैक्सीन का स्टाक है। 2 करोड़ 50 लाख वैक्सीन पाइपलाइन में है

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