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गडढामुक्ति में लापरवाही पर पालिका ईओ को नोटिस

सीएम योगी की प्राथमिकता के बावजूद भी रूचि नहीं लेने पर शासन ने भेजी चिट्ठी, मांगा दो दिनों में जवाब, मुजफ्फरनगर की 10 में से 5 निकायों में गडढामुक्ति का रिजल्ट असंतोषजनक, पांचों ईओ को स्थानीय निकाय निदेशालय ने दी कार्यवाही की चेतावनी, जताया गहरा रोष

गडढामुक्ति में लापरवाही पर पालिका ईओ को नोटिस
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मुजफ्फरनगर। कथित रूप से अनियमितताओं में फंसी नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को शासन द्वारा तलब करने का मामला विपक्षी खेमे के हो हल्ला के कारण काफी गरमाहट में रहा, लेकिन अब शासन के एक ओर नोटिस के कारण पालिका प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। यह नोटिस सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाले सड़क गडढामुक्ति अभियान के प्रति लापरवाही बरतने ओर शासन के निर्देशों के बावजूद भी इसको समयावधि में निपटाने में लापरवाही बरतने के कारण पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह को भेजा गया है। इसके साथ ही जनपद की 10 में से 5 नगरीय निकायों में सड़क गडढामुक्ति अभियान में लापरवाही बरतने के कारण इन सभी ईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब तलब किया गया है। साथ ही शासन ने इन पांचों ईओ के कार्य व्यवहार के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितम्बर 2021 में प्रदेश में सड़कों को गडढामुक्त करने के लिए अभियान चलाने की घोषणा की थी। सीएम योगी की प्राथमिकता होने के कारण शासन द्वारा इसके लिए दिशा निर्देश जारी किये और लोक निर्माण विभाग तथा नगर विकास विभाग के अधीन सड़कों को गडढामुक्त करने के लिए अलग अलग डेडलाइन घोषित कर दी गयी थी। इसमें नगर विकास विभाग द्वारा 24 सितम्बर को जारी आदेश में प्रदेश के नगरीय निकायों के अधीन सड़कों की रोड डायरेक्टरी तैयार यिके जाने, सड़कों को गडढामुक्त करने एवं नवीनीकरण और रेस्टोरेशन के सम्बंध में विस्तृत दिशा निर्देश के साथ ही नगरीय निकायों के अधीन सभी सड़कों को 30 अक्टूबर तक शत प्रतिशत गडढामुक्त करने पर विशेष जोर दिया गया था। शासन के इन आदेशों को अधिकांश निकायों में गंभीरता नहीं दी गई। इसके कारण स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से 11 अक्टूबर और फिर 21 अक्टूबर को भी आदेश पत्र जारी करते हुए निकायों के अधिशासी अधिकारियों को प्रत्येक दशा में 30 अक्टूबर तक नगर विकास विभाग की सड़कों को गडढामुक्त करने के सख्त निर्देश दिये गये। इसके साथ ही गडढामुक्त की गयी सड़कों का सर्वे कराकर उसकी सूचना निर्धारित प्रारूप पर दो दिनों में उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था, लेकिन सीएम की विशेष प्राथमिकता और शासन की सख्ती के बावजूद भी निकायों के अधिशासी अधिकारियों ने कोई भी रूचि नहीं दिखाई है। इस कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर शासन ने प्रदेश में 348 निकायों को चिन्हित किया गया है। सहारनपुर मण्डल में 15 निकायों में गडढामुक्ति के लिए कोई कार्यवाही नहीं होने पर शासन ने कड़ी नाराजगी जताई है। इसमें सहारनपुर की दो, शामली की सभी आठ निकायों के ईओ को नोटिस जारी किया गया है। वहीं मुजफ्फरनगर में 10 निकायों में से 5 निकायों के ईओ के प्रति शासन ने नाराजगी जताई है। इनमें नगर पालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के साथ साथ नगर पंचायत जानसठ, नगर पंचायत भोकरहेडी, नगर पंचायत सिसौली और नगर पंचायत मीरापुर के अधिशासी अधिकारी सीएम योगी की प्राथमिकता वाले अभियान में लापरवाही बरतने के दोषी साबित हुए हैं।


शासन ने जिले की इन पांचों नगरीय निकायों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए ईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें नगरीय निकाय निदेशालय की उप निदेशक रश्मि सिंह ने कहा है कि शासन की विशेष प्राथमिकता और बार बार के निर्देशों पर भी कार्यवाही नहीं की गई है। इन निकायों से ईओ द्वारा निकाय के सीमान्तर्गत सड़कों को गडढामुक्त किये जाने के सम्बंध में कार्यवाही की सूचना अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिस पर निदेशालय से नाराजगी व्यक्त की गयी है। ईओ के इस कार्य व्यवहार को उच्चादेशों की अवहेलना एवं शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही मानते हुए उप निदेशक ने कहा कि सड़कों को गडढामुक्त किया जाना राज्य सकरार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है, जिसके दृष्टिगत प्रत्येक सोमवार को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में इस अभियान की समीक्षा की जा रही है, जिसमें निकायों से निदेशालय को प्रापत अपूर्ण सूचना के कारण विभागीय स्तर पर असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।

उप निदेशक रश्मि सिंह द्वारा जिले के पांचों निकायों के ईओ को नोटिस में निर्देश दिेय हैं कि निकाय की सीमा के अन्तर्गत समस्त प्रकारक े मार्गों का सर्वे कराकर सूचना ई मेल पर दो दिनेां के अन्दर उपलब्ध कराने के साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि शासन द्वारा वांछित महत्वपूर्ण प्रकरण में कार्यवाही की सूचना उपलब्ध न कराने के लिए क्यों ने आपके खिलाफ कार्यवाही संस्थित कर दी जाये। इस मामले में नगरपालिका परिषद् के ईओ हेमराज सिंह सहित पांचों निकायों के ईओ से शासन ने उनका जवाब 25 अक्टूबर तक निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। शासन के इस नोटिस के कारण पालिका प्रशासन में हड़कम्प की स्थिति है।

10 लाख से होना है गडढामुक्ति कार्य, दोबारा मांगे टैण्डर

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के अन्तर्गत शहर में सड़कों की स्थिति पालिका प्रशासन द्वारा सही बताई जा रही है, जबकि शहर में कई सड़कों में गडढों के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। पालिका प्रशासन ने शहर में सड़कों का सर्वे कराकर गडढामुक्ति अभियान के अन्तर्गत करीब 10 लाख रुपये का कार्य कराये जाने की कार्ययोजना बनाकर टैण्डर आमंत्रित किये हैं। पहली बार में ठेकेदारों ने कोई रूचि नहीं ली और सिंगल टैण्डर आने के कारण इसके निरस्त कर दिया गया। पालिका सूत्रों के अनुसार दोबारा टैण्डर आमंत्रित किये गये हैं। इनको अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह के निर्देशन में 25 अक्टूबर को खोला जायेगा, इसके बाद ही पता चल पायेगा कि यह कार्य शहर में होगा भी या तीसरी बार टैण्डर आमंत्रित किये जाने की स्थिति बनेगी।

बता दें कि नगरपालिका परिषद् के अधीन मार्च अपै्रल 2017 में शासन की विशेष प्राथमिकता पर सड़कों को गडढामुक्त कराने का कार्य किया गया था। उस दौरान करीब एक करोड़ रुपये की लागत से सड़कों को गडढामुक्त कराया गया, लेकिन खुद सीएम की प्राथमिकता में शामिल इस अभियान में काम करने वाले ठेकेदारों को आज तक भी अपने काम का भुगतान पाने के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। यही कारण है कि इस बार सड़कों को गडढामुक्त अभियान के प्रति ठेकेदारों ने कोई भी रूचि नहीं दिखाई है।

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