undefined

मुजफ्फरनगर में सिविल जज से ऑनलाइन ठगी

कश्मीर में होटल बुकिंग के नाम पर शातिर ठग के झांसे में आये न्यायाधीश, जज के खाते से पांच बार कराया ट्रांजक्शन और शातिर ने उड़ा दिये एक लाख रुपये, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, जज की शिकायत पर साइबर पुलिस शातिर ठग को तलाशने में जुटी

मुजफ्फरनगर में सिविल जज से ऑनलाइन ठगी
X

मुजफ्फरनगर। साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर अनेक जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं। लगातार साइबर पुलिस के साथ ही बैंकों के द्वारा भी ऑनलाइन लेनदेन करते हुए बेहद सतर्कता बरतने के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है, लेकिन फिर भी लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर अपनी रकम गंवा रहे हैं। साइबर ठगों का यह जाल ऐसा है कि इसमें अच्छे खासे पढ़े लिखे लोगों के साथ ही अफसर और पुलिस कर्मी भी खुद फंसने से बच नहीं रहे हैं। अब जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको लेकर सभी भौचक्क हैं। होटल बुकिंग के नाम पर मुजफ्फरनगर कचहरी के एक जज के साथ ही शातिर ठगों ने ऑनलाइन ठगी करते हुए उनके बैंक खातों से करीब एक लाख रुपये की ठगी कर चूना लगाया है। जज ने इस मामले में ठगी होने के बाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। थाने से इस मामले को साइबर पुलिस के हवाले कर दिया है। साइबर पुलिस ने इसको लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है, लेकिन अभी अज्ञात ठग का कोई भी पता नहीं चल पाया है। जज द्वारा अज्ञात ठग के दिये गये चार फोन नम्बरों से सर्विलांस किया जा रहा है।

प्राप्त समाचार के अनुसार गर्मियों की छुट्टियों में परिवार सहित घूमने का प्लान बनाना एक जज को काफी महंगा पड़ गया है। उन्होंने परिवार में बने प्लान के अनुसार जम्मू-कश्मीर जाने की तैयारी की और श्रीनगर के पहलगाम में ठहरने का बंदोबस्त करते हुए मेक माय ट्रिप एप्लीकेशन पर होटल बुक किया। इसके लिए उन्होंने कई टिकट बुक कराये, लेकिन इस ऑनलाइन बुकिंग में उनसे एक गलती हो गयी। घूमने का प्लान मई माह के लिए बना था, जबकि मेक माय ट्रिप एप्लीकेशन पर होटल उन्होंने अपै्रल माह के लिए बुक कर दिया। इसका आभास होने पर उन्होंने इस बुकिंग में संशोधन करने का प्रयास किया, लेकिन मेक माय ट्रिप एप्लीकेशन पर इसका कोई भी लिंक या व्यवस्था नहीं मिलने पर उन्होंने गूगल सर्च इंजन का सहारा लिया और शातिर साइबर ठग के चंगुल में फंसकर रह गये। इस सम्बंध में ठग के खिलाफ पुलिस को शिकायत की गयी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार जिला कचहरी में अपर सिविल जज ;जूनियर डिवीजनद्ध कोर्ट नम्बर 4 में कार्यरत न्यायाधीश अंकित रस्तौगी ने थाना सिविल लाइन में तहरीर दी। इसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मेक माई ट्रिप एप्लीकेशन के माध्यम से 16 अपै्रल 2022 को श्रीनगर के पहलगाम में होटल बुकिंग के लिए टिकट बुक किये थे, ये बुकिंग मई माह के लिए करनी थी, लेकिन गलती से अपै्रल माह के लिए होटल बुकिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी। गलती का पता चला तो कस्टमर केयर पर सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन नम्बर नहीं मिला। गूगल सर्च इंजन पर मेक माय ट्रिप कस्टमर केयर का नम्बर सर्च किया तो एक नम्बर 1244628747 मिला। इस नम्बर को प्राप्त करने के बाद जज अंकित रस्तौगी ने उस पर सम्पर्क किया। इस नम्बर पर एक व्यक्ति से उनका सम्पर्क हुआ, जिसने अपना नाम दीपक शर्मा बताया और अलग अलग चार मोबाइल नम्बर 9339063665, 7074114096, 9641659997 और 8509121856 उपलब्ध कराये और उन पर होटल बुकिंग में डेट का संशोधन कराने के लिए बात होती रही। सिविल जज अंकित रस्तौगी ने पुलिस को बताया कि दीपक शर्मा नामक व्यक्ति ने उनको अपनी बातों में ऐसा उलझाया कि वह उसकी बात मानते चले गये। दीपक शर्मा ने उनसे उनके मोबाइल पर एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करा ली और पेटीएम से पैसों का ट्रांजक्शन की बात कहते हुए उनसे 19980, 19979 और 19980 रुपये के तीन ट्रांजक्शन एचडीएफसी के अज्ञात बैंक अकाउंट नम्बर 50100359068998 में करा लिये। इसके बाद दीपक शर्मा ने उनको एक यूपीआई आईडी 9062370668एटदरेटकोटक भेजा। इसमें उनको बातों में फंसाकर फिर से दो ट्रांजक्शन 19987 और 19997 रुपये के करा लिये। इसके बाद दीपक शर्मा से सम्पर्क ही टूट गया। वहीं मेक माय ट्रिप पर होटल बुकिंग में भी कोई संशोधन नहीं हुआ। इस तरह से शातिर ठग दीपक शर्मा ने सिविल जज के अकाउंट से कुल 99923 रुपये की ऑनलाइन ठगी कर ली। इसका पता चलने पर सिविल जज अंकित रस्तौगी ने थाने में तहरीर देकर धोखाधड़ी करने वाले दीपक शर्मा के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

एसएचओ इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि अपर सिविल जज ;जूनियर डिवीजनद्ध कोर्ट नमबर 4 अंकित रस्तौगी के साथ होटल बुक कराने के मामले में ऑनलाइन ठगी की गयी है। इसको लेकर उनकी शिकायत पर आरोपी दीपक शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी ;संशोधनद्ध अधिनियम 2008 की धारा 66 और 66डी के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। इस मामले की विवेचना वह स्वयं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले में त्वरित कार्यवाही के लिए साइबर पुलिस को भी यह केस भेजा गया है। इसके लिए पुलिस कार्यालय पर साइबर हेल्प सेंटर की टीम शातिर ठग का पता लगाने में जुटी है।

Next Story