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राकेश टिकैत, भारत की 100 मोस्ट पावरफुल हस्तियों में शामिल

किसान आंदोलन को नई धार, ताकत और पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता को देश की तेजी से उभरती 100 पावरफुल हस्तियों मे शामिल किया गया है। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहले स्थान पर रखा गया है तो 51 वर्षीय राकेश टिकैत इस सूची में 89वें नम्बर पर हैं।

राकेश टिकैत, भारत की 100 मोस्ट पावरफुल हस्तियों में शामिल
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मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन को नई धार, ताकत और पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता को देश की तेजी से उभरती 100 पावरफुल हस्तियों मे शामिल किया गया है। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहले स्थान पर रखा गया है तो 51 वर्षीय राकेश टिकैत इस सूची में 89वें नम्बर पर हैं। उन्होंने इस दौड़ में टाटा गु्रप के रतन टाटा को पीछे छोड़ दिया है। इस नई ताकत के लिए राकेश टिकैत को भारतीय राजनीतिक मंच पर एक बड़ी चुनौती के रूप में भी माना गया है। इसके साथ ही उनको पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अब एक राष्ट्रीय नेता के रूप में दर्शाया गया है।


इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भारत की 100 मोस्ट पावरफुल हस्तियों को पिछले दिनों तेजी से बढ़ी उनकी लोकप्रियता के आधार पर रैकिंग देने का काम किया है। साल 2019 के बाद इंडियन एक्सप्रेस ने साल 2021 की 100 मोस्ट पावरफुल हस्तियों को उनके कामकाज, लोकप्रियता और रूतबे के आधार पर अपनी आईई-100 दि लिस्ट आॅफ मोस्ट पावरफुल इंडियन्स में शामिल किया है। इसमें राजनीतिक, व्यापारिक, औद्योगिक और सामाजिक स्तर पर कामकाज के आधान पर इन 100 हस्तियों को चुनाव गया है। इसमें 2019 की भांति ही इस बार भी अव्वल नम्बर पर देश के प्रधानमंत्री 70 वर्षीय नरेन्द्र मोदी ही कायम हैं। लेकिन इस लिस्ट में किसान आंदोलन के लिए दो ऐसे किसान नेताओं को भी शामिल किया गया है, जो अभी तक किसानों के संघर्ष के लिए अपने अपने क्षेत्र तक ही पहचान बनाये हुए थे, लेकिन किसान आंदोलन और खासकर दिल्ली हिंसा के बाद नई करवट के साथ सामने आये किसान अंादोलन के बाद इन दोनों किसान नेताओं की लोकप्रियता बढ़ी है।

देश के इन उभरते पावरफुल व्यक्तित्व में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के कस्बा सिसौली के निवासी चौ. राकेश टिकैत का नाम भी शामिल है। 51 वर्षीय राकेश टिकैत को इस सूची में 89वां स्थान दिया गया है। उनके बाद टाटा गु्रप के रतन टाटा 90वें स्थान पर शामिल हैं। 2019 की सूची में राकेश टिकैत शामिल नहीं थे।


इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी इस विशेष रिपोर्ट में राकेश टिकैत के लिए लिखा है कि दिल्ली के पूर्व पुलिस उप-निरीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले राकेश टिकैत, वर्तमान में चल रहे किसानों के आंदोलन में केन्द्र सरकार के विरोध का किसानों की ओर से एक प्रमुख चेहरा बन गए हैं। किसान आंदोलन को नेतृत्व देने के लिए पश्चिमी यूपी की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए, राकेश टिकैत का नाम अब देश भर में गूंज रहा है।

इस आंदोलन के बाद लोकप्रिय हुए राकेश टिकैत के पावर पंच के रूप में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता के दौरान राकेश टिकैत का संगठन भारतीय किसान यूनियन किसान प्रतिनिधित्व का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की हिंसा के एक दिन बाद गाजीपुर सीमा पर बने विरोध स्थल पर उनकी भावनात्मक अपील ने केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को फिर से तेज कर दिया और किसानों को देशव्यापी स्तर पर एकजुट करने का काम किया है। इस आंदोलन के भविष्य में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राकेश टिकैत लगातार यह जोर दे रहे हैं कि कृषि कानून वापस होने तक यह अंादेालन जारी रहेगा, इस घोषणा के बाद राकेश टिकैत केंद्र सरकार की किसान नीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में सामने आये हैं। इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के उभार के बाद पश्चिमी यूपी की रजानीति भी प्रभावित होगी और इसका पहला असर यूपी के पंचायत चुनाव में देखने को मिल सकता है।

राकेश टिकैत के साथ ही इस सूची में 88वें नम्बर पर भारतीय किसान यूनियन ;एकता उग्राहनद्ध के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सैनिक जोगिन्दर सिंह उग्राहन शामिल किये गये हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जोगिन्दर सिंह उग्राहन अब पंजाब के मालवा और माजा बेल्ट के सीमांत किसानों और मजदूरों के हितों को लेकर एक दृढ़ लड़ाई लड़ रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। जोगिन्दर सिंह का संगठन 31 किसान संगठनों के समावेश वाले संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है, उन्होंने दिल्ली की टिकरी सीमा पर एक अलग मंच बनाया है और वे किसान यूनियन के उन नेताओं में से एक हैं जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर में वाता के लिए चुना था।

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