सतीश गोयल-यूं ही कोई भामाशाह नहीं बन जाता
जिले के प्रमुख उद्यमी और समाजसेवी सतीश चंद गोयल ने अपने कर्मयोगी पिता से सीखा दान के सहारे वीर बनने का हुनर

मुजफ्फरनगर। जनपद की लोहा इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाने के साथ ही जिले के प्रमुख उद्यमी होने का सफर तय करने वाले सतीश चंद गोयल को दानवीर भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित किया जाना, उनके सेवा भाव के लिए चिंतन और परिश्रम का सुफल है। उन्होंने अपने कर्मयोगी पिता स्व. बाबू हरबंस लाल गोयल की अंगुली थामकर ही दरिद्र नारायण की सेवा का जो भाव सीखा, वो निरंतर जारी है। उनको जनपद में एक प्रमुख समाजसेवी के रूप में भी लोग पहचानते हैं। जरूरतमंद लोगों के हितों की चिंता में किये जा रहे दान-पुण्य ने ही उनको सेवा के रण में एक वीर साबित किया और आज वो मुजफ्फरनगर के दानवीर भामाशाह बन गये।
अपने जीवन में यूं ही कोई भामाशाह नहीं बन जाता, उसके पीछे देश और समाज के साथ ही निर्धन तथा बेसहारा लोगों के लिए कर गुजरने के जज्बे के साथ एक लंबा अथक प्रयास एवं परिश्रम भरा संघर्ष होता है।
शनिवार की शाम दानवीर भामाशाह की जन्म जयंती के उपलक्ष में राज्य कर विभाग एवं संस्कृति विभाग द्वारा मनाये गये व्यापारी कल्याण दिवस समारोह में जिले में सरकार के पक्ष में वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक राजस्व देने वाले पांच कारोबारियों को दानवीर भामाशाह पुरस्कार दिये गये। यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने यह पुरस्कार देकर इन कारोबारियों को सम्मानित किया। इनमें श्री शैलजा आयरन एण्ड स्टील्स प्रा.लि. का नाम भी शामिल रहा।
कंपनी के मालिक प्रमुख उद्यमी सतीश चंद गोयल को दानवीर भामाशाह पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। श्री शैलजा आयरन एण्ड स्टील प्रा.लि. ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 18.41 करोड़ का राजस्व दिया था, जबकि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी ने 5.12 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ सरकार को 19.35 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त कराया गया। जिले में सतीश चंद गोयल की यह कंपनी सर्वाच्च राजस्व देने वालों में पांचवें स्थान पर है।
जरूरतमंद लोगों के अंधेरे जीवन में रोशनी का वरदान
सतीश चंद गोयल उद्योग जगत में एक सम्मानजनक स्थान तो रखते ही हैं, वो समाज की सेवा में भी अग्रणी हैं। बाबू हरबंस लाल गोयल ने जनसेवा की जो ज्योत प्रज्जवलित की, सतीश गोयल उसको आज भी जलाये हुए हैं। अपने पिता के निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर को उन्होंने लगातार बेहतर व्यवस्था के साथ जोड़ते हुए निरंतरता प्रदान की। प्रत्येक माह के चौथे रविवार को एम.जी. पब्लिक स्कूल में यह नेत्र शिविर आयोजित होता है और इसके सहारे लोगों के अंधेरे जीवन में रोशनी लाने का प्रयास किया जा रहा है। शिविर में मोतियाबिंद वाले मरीजों को चयनित कर उनका निःशुल्क ऑपरेशन कराया जा रहा है।
महामारी कोरोना में देश को दिया दान
कोरोना महामारी में जब देश में व्यवस्था बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी से आगे आने का आहवान किया तो टिहरी ग्रुप के डायरेक्टर सतीश गोयल ने देश के लिए दान का बड़ा संदेश देते हुए 20 अपै्रल 2020 को टिहरी ग्रुप की तरफ से 2.51 लाख रुपये का चेक पीएम केयर फंड में दिया गया था। इसके साथ ही अपनी शिक्षण संस्था एमजी पब्लिक स्कूल की तरफ से भी उनके द्वारा 2.51 लाख रुपये का चेक पीएम केयर फंड में दिया। सतीश चन्द्र गोयल द्वारा ये दोनों चेक केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और राज्य सरकार के मंत्री स्वतंत्र प्रभारी कपिल देव अग्रवाल को सौंपे गए।
अपनी शिक्षण संस्थाओं में फीस में दी राहत
सतीश गोयल ने कोरोना काल में लॉक डाउन के कारण उपजे हालातों को देखते हुए अपनी दोनों शिक्षण संस्थाओं एम.जी. वर्ल्ड विजन स्कूल और एम.जी. पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों को बड़ी राहत प्रदान की। उन्होंने 15 अगस्त 2020 के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान एक महीने की फीस माफी का ऐलान किया था। सतीश गोयल ने लॉक डाउन के तीन महीनों अपै्रल, मई और जून में से एक महीने की फीस माफ करने का ऐलान किया। इसके साथ ही उनके द्वारा वार्षिक स्कूल फीस बढ़ोत्तरी को भी लागू नहीं करने का फैसला किया गया। इस तरह से एमजी पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं को 20.33 प्रतिशत फीस माफी का लाभ दिया गया।
शुकतीर्थ में अपना घर आश्रम और गंगा की सेवा
सतीश गोयल द्वारा पौराणिक तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में बेसहारा लोगों की सेवा के लिए अपना घर जैसा आश्रम चलाने में निरंतर सहयोग प्रदान किया जाता रहा है। इसके अलावा वहां पर श्मशान घाट का निर्माण कराने तथा गंगा की सेवा के लिए श्री गंगा सेवा समिति का गठन, साधु संतों तथा धर्म प्रेमी बंधुओं के लिए आश्रम में निरंतर भोजन व्यवस्था चलवाई जाती है।
गरीबों के लिए रोटी बैंक और बेटियों को आर्थिक दान
समाजसेवी सतीश गोयल ने अपने पिता स्व. बाबू हरबंस लाल गोयल की पुण्यतिथि पर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए रोटी बैंक सेवा शुरू की तो वहीं बेटियों को स्वावलंबी और शिक्षित बनाने के लिए एफडी योजना चला रहे हैं। उनके रोटी बैंक सेवा में एक गाड़ी प्रतिदिन साधन सम्पन्न लोगों तक पहुंचती है, जो घरों से पका-पकाया भोजन एकत्र करते हुए जनपद में अलग अगल स्थानों पर जाकर जरूरतमंदों और गरीबों तक पहुंचाने का काम करती है। इसी प्रकार एम.जी. पब्लिक स्कूल में मेधावी छात्राओं के लिए उनके द्वारा एफडी योजना चलाई जाती है, जिससे इन बेटियों को 12वीं पास के बाद एक निश्चित धनराशि मिल रही है।
पूजित सामग्री का आस्थापूर्ण समाधान का प्रयास
प्रमुख उद्यमी सतीश गोयल वर्तमान में मंदिरों और धार्मिक आयोजनों के बाद निकलने वाली पूजित सामग्री का अस्था भाव के साथ निस्तारण के लिए एक तकनीकी समाधान लाने के प्रयास में हैं। वो बताते हैं कि इसके लिए जिले के कुछ उद्यमियों के सहारे वो ऐसी मशीन की स्थापना करने जा रहे हैं, जो मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में प्रयोग की जाने वाली पूजित सामग्री फल-फूल आदि को रिसाकिल करते हुए एक खाद में तब्दील कर सकती है, इससे पूजित सामग्री का यहां वहां फैंकने से हो रहा अनादर भी रोका जा सकता है।