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एसडी कॉलेज मार्किट प्रकरण-बैकफुट पर आया प्रशासन

मंत्री कपिल देव और संजीव बालियान के दबाव ने दिखाया असर, ईओ ने जवाब के लिए दिया 10 दिन का समय, देर रात तक मंत्री कपिल देव के साथ चली व्यापारियों की मीटिंग, ईओ और तहसीलदार की हुई खिंचाई, मैनेजमेंट ने साक्ष्य एकत्र करने के लिए मांगा था ईओ से समय, 189 करोड़ की डिमांड निरस्त करने की भी मांग।

एसडी कॉलेज मार्किट प्रकरण-बैकफुट पर आया प्रशासन
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मुजफ्फरनगर। दिसम्बर और जनवरी की सर्द दिन रात को गरमाहट पैदा करने वाले एसडी कॉलेज मार्किट प्रकरण में पहली बार जिला प्रशासन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। 189 करोड़ रुपये की वसूली के नोटिस का समय पूर्ण होने से पहले ही जिला प्रशासन को सरकारी भूमि पर अवैध काबिज बतायी जा रही दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन को जवाद दाखिल करने के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय देना पड़ा है। इसको मंत्रियों के दबाव में लिया गया निर्णय बताते हुए मार्किट के व्यापारियों ने खुशी जाहिर की है। वहीं पालिका ईओ द्वारा जारी नये नोटिस में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि यदि 12 जनवरी तक जवाब नहीं दिया गया तो कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। एसोसिएशन की ओर से ईओ को लिखे पत्र में 189 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस निरस्त करने और जवाब के लिए अतिरिक्त समय दिये जाने की मांग की गयी थी, वहीं देर रात तक मंत्री कपिल देव के साथ व्यापारियों की बैठक चली, जिसमें फोर्स मांगने के प्रकरण में ईओ और तहसीलदार सदर की खिंचाई किये जाने का दावा कुछ व्यापारी कर रहे हैं।

नये साल का दूसरा दिन सोमवार को शहर के हृदय स्थल पर स्थापित एसडी कॉलेज मार्किट के व्यापारियों के लिए कुछ राहत भरी रही। इस मार्किट का मालिकाना हक रखने वाली दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्यवाही को लेकर मार्किट के व्यापारियों में एक अजीब सी दहशत का मामला बना हुआ था। इस प्रकरण में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज होने और शर्तों को तोड़कर मार्किट बनाने की शिकायत में जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए जांच कराई थी, जिसमें 40 साल पहले लीज अनुबंध समाप्त होने के साथ ही शर्तों के उल्लंघन का मामला सामने आया, तो डीएम के निर्देश पर पालिका के ईओ हेमराज सिंह ने एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव के नाम 27 दिसम्बर को नोटिस जारी कर हलचल मचा दी थी। इसमें ईओ ने 12 मई 1952 को 0.5730 हेक्टेयर भूमि एसोसिएशन को शैक्षिक कार्यों के उपयोग के लिए 30 वर्ष के पट्टे पर 71 रुपये वार्षिक किराया पर आवंटित की थी। 1982 में यह पट्टा समाप्त हो जाने के बाद भी एसोसिएशन का ही कब्जा इस भूमि पर बना रहा और शैक्षिक कार्यों के लिए मिली भूमि पर बहुमंजिला व्यावसायिक भवन बनाकर उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए ईओ ने एसोसिएशन को 189 करोड़ से अधिक की क्षतिपूर्ति रकम जमा कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही अवैध कब्जा हटवाने और उसको ध्वस्त करने की चेतावनी भी दी गयी, तभी से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। कभी सर्वे तो कभी फोर्स मांगने के मामले में व्यापारियों के द्वारा भी प्रशासन की मोर्चाबंदी की जा रही है। इसमें शनिवार को बाजार बंदी और धरने की सूचना पर व्यापारियों के बीच पहुंचे केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने पूरा भरोसा दिया था कि व्यापारियों का अहित नहीं होगा। इसके बाद भी भूमि की पैमाइश के लिए फोर्स और तहसीलदार को मजिस्ट्रेट नामित करने की खबरों ने व्यापारियों में दहशत फैला दी। देर रात तक व्यापारियों की मीटिंग मंत्री कपिल देव अग्रवाल के साथ चलती रही।


इस मीटिंग का सुफल आज सवेरे राहत भरे संदेश के रूप में व्यापारियों तक पहुंचा। इसमें 27 दिसम्बर को दिये गये नोटिस की समयावधि आज पूरी होने को लेकर चर्चाओं का दौर बना था कि खबर आई कि यह समय दस दिन आगे बढ़ा दिया गया है। इसमें मंत्री संजीव बालियान के साथ ही मंत्री और नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल के दबाव में प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और ईओ पालिका हेमराज सिंह ने दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सोमांश प्रकाश, सचिव डॉ. चन्द्र कुमार जैन और सह सचिव आकाश कुमार के पदीय नामों से दूसरा नोटिस जारी किया। यह नोटिस एक जनवरी को जारी किया गया। इसमें ईओ ने बताया कि 01 जनवरी को एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से पत्र के माध्यम से जवाब दिया गया, इसमें साक्ष्य, दस्तावेज और पक्ष रखने के लिए समुचित समय प्रदान करने और 27 दिसम्बर के नोटिस को निरस्त करने की मांग की गयी है। ईओ ने बताया कि 27 दिसम्बर का नोटिस 26 नवम्बर को को सौंपी गई तहसील सदर की आख्या और 29 नवम्बर की संयुक्त जांच आख्या, जिसमें शासकीय नजूल की भूमि के खसरा नम्बर 819 और 820 भूमि एवं सम्पत्ति पर एसोसिएशन को अवैध अध्यासी के रूप में काबिज बताया गया है, पर ही कार्यवाही के लिए दिया गया है। ईओ ने बताया कि इस अवैध कब्जे पर जवाब दाखिल करने और पक्ष रखने के लिए प्राकृतिक न्याय के दृष्टिगत 10 दिन का अतिरिक्त समय पक्षकारों को दिया गया है। ईओ ने जारी नये नोटिस में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 12 जनवरी को सभी साक्ष्य और पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके लिए चेतावनी दी गयी है कि पक्ष नहीं रखने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। इस नये नोटिस के बाद मार्किट के व्यापारियों में भी हर्ष बना हुआ है। न्यू एसडी कॉलेज मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नामदेव ने बताया कि मंत्रियों के दबाव में ही प्रशासन की ओर से मैनेजमेंट को दस दिन का समय मिला है। देर रात तक व्यापारियों की मीटिंग मंत्रियों से होती रही। इसमें दोनों का बड़ा योगदान है। मंत्री कपिल देव ने ईओ और तहसीलदार सदर को जमकर हड़काया भी था। उनका कहना है कि हम प्रशासन से टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अपनी रोजी रोटी पर संकट नहीं आने देंगे। हम अपनी बात जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखेंगे, इससे उनकी भी तो इज्जत जुड़ी है।

दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन को कोर्ट से आस

दस दिन का समय मिलने पर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी राहत महसूस कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 27 दिसम्बर का नोटिस मिलने के बाद राहत पाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया और याचिका दायर की थी। मार्किट के व्यापारी सूत्रों ने बताया कि इस याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। आज या कल इसमें प्रशासन के नोटिस और निर्णय के खिलाफ कोई न कोई आदेश जारी हो सकता है।

नया नोटिस देते ही इलाहाबाद गये पालिका ईओ

दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन को नोटिस का जवाब देने और दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दस दिन का अतिरिक्त समय दिये जाने का ऑर्डर पास करने के बाद पालिका के ईओ हेमराज सिंह इलाहाबाद निकल गये। रात्रि में ही वो यहां से रवाना हो गये थे। बताया गया है कि निकाय चुनाव को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट में होने के कारण वो इलाहाबाद पहुंचे हैं। उनके 04 जनवरी को आने की उम्मीद है। इससे स्पष्ट है कि चार जनवरी तक यह मामला ठण्डे बस्ते में ही रहेगा। वहीं दस जनवरी तक का समय दिये जाने के बाद अब इस मामले में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

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