शाहरुख पठान...जानिए जीवा-मुख्तार गैग के एक प्रोफेशनल किलर के अंत की दास्तां
संजीव जीवा संग हुइ एक मुलाकात ने बना दिया कातिल, पंचर की दुकान से अपराध जगत तक ऐसे पहुंचा पठान
मुजफ्फरनगर। गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी गिरोह के शॉर्प शूटर और 50 हजार रुपये के ईनामी शातिर बदमाश शाहरुख पठान को स्पेशल टास्क फोर्स मेरठ यूनिट ने रविवार की देर रात हुई मुठभेड़ में मार गिराया। शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर का हिस्ट्रीशीटर बदमाश था। उसके पास से एसटीएफ ने 9 एमएम की देसी पिस्तौल सहित तीन पिस्टल और 60 से ज्यादा कारतूस बरामद किये। मुठभेड़ में बदमाश ने दस राउंड से ज्यादा फायर किये, एसटीएफ की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुई। शारुख पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। पठान को जीवा के साथ हुई एक मुलाकात ने अपराध जगत में खौफ का पर्याय बना दिया। पंचर की दुकान में औजार थाने वाला पठान का अंत अपराधियों को एक करारा सबक है। जानिए एक शातिर के अंत की यह पूरी दास्तां.....
प्रोफेशनल किलर था शाहरुख, छह माह पहले हुई शादी
एसटीएफ मेरठ की टीम के हत्थे चढ़ा जीवा और मुख्तार गैंग का शॉर्प शूटर शाहरुख पठान शातिर और बेरहम कातिल था। उसको अपराध जगत प्रोफेशनल किलर के रूप में पहचान मिली थी। खालापार की तंग गलियों से निकलकर शाहरुख ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध जगत में खौफ के सहारे खूब नाम कमाया। वो सुपारी लेकर हत्या करता था। शाहरुख मुख्तार गैंग के साथ ही पश्चिम यूपी में कुख्यात संजीव जीवा गैंग के लिए भी काम करता था। उस पर लूट और हत्या के 12 से ज्यादा मामले दर्ज थे। संभल जिले के बनियाठेर थाने में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास और धमकी देने का केस दर्ज था, जिसमें वह फरार चल रहा था। इसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गया। तब से पुलिस और एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी। छह माह पहले ही शाहरुख ने शादी की थी। शाहरुख जुर्म की दुनिया में आने से पहले खालापार में ही साइकिल पंचर की दुकान चलाता था। इसके बाद वह छोटी मोटी चोरी करने लगा। कई चोरियों के बाद भी जब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। कुछ बड़ी वारदात में नाम आया तो शाहरुख को जीवा र्गैंग के लोगों का साथ मिल गया। वो एक बार जीवा से मिला और फिर एक शूटर के रूप में उसके लिए काम करने लगा।
कारोबारी की हत्या में हो चुकी उम्रकैद, जमानत पर था बाहर
शॉर्प शूटर शाहरुख पठान ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। 2015 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा नाम के युवक की हत्या कर दी थी। इसमें वो जेल गया था, जेल से ही वह पेशी पर लाने के दौरान सिविल लाइन मुजफ्फरनगर से साल 2016 में फरार हो गया। फरारी के दौरान जीवा के कहने पर उत्तराखंड में हरिद्वार में कंबल कारोबारी गोल्डी की 2017 में हत्या की थी। इस मामले में शाहरुख को संजीव जीवा के साथ उम्रकैद की सजा हुई थी। करीब 8 महीने पहले वह जमानत पर बाहर आ गया। जेल से बाहर आते ही उसने हत्या के गवाहों को धमकाना शुरू कर दिया। शाहरुख की एक रील सामने आई थी। इसमें वह मुख्तार के बेटे अब्बास के साथ नजर आ रहा है। फरारी के दौरान आसिफ जायदा मर्डर केस में गवाह आसिफ के पिता की 2017 में कोतवाली क्षेत्र में हत्या कर दी थी। इसके बाद शाहरुख पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया।
साढ़े बारह बजे एसटीएफ ने लगाई फिल्डिंग, दस मिनट चली मुठभेड़
छपार थाना क्षेत्र में शाहरुख पठान की इनपुट मिलने के बाद एसटीएफ मेरठ की दो टीमें एसआई जयवीर सिंह और एसआई दुबेश ढबास के नेतृत्व में दो गाड़ियों से पहंुची थी। मुठभेड़ को लेकर छपार थाना क्षेत्र में एसटीएफ के उप निरीक्षक जयवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि 12.30 बजे दोनों टीमों ने रोहाना रोड पर बिजोपुरा कट के पास शाहरुख पठान की तलाश में फिल्डिंग जमा ली थी। करीब 1.05 बजे एक ब्रेजा कार बिना नम्बर की आती नजर आई। रुकने का इशारा किया तो कार सवार भागने लगा, कुछ दूर जाकर कार गडढे में धंसकर रुकी तो कार चालक उतरकर फायरिंग करते हुए भागा। पुलिस ने जंगल में घेराबंदी की और दस मिनट चली मुठभेड़ में दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। एसटीएफ ने बचाव में 11 राउंड फायर किये। इसमें एसआई जयवीर सिंह, हैड कांस्टेबल रकम सिंह और आकाश दीप ने 3-3 तथा हैड कांस्टेबल प्रदीप धल्कड़ ने अपने सरकारी पिस्टल से 2 राउंड फायर किये। शाहरुख पठान द्वारा की जा रही फायरिंग में एसटीएफ की स्कार्पियो यूपी 32 ईजी 4612 में गोली लगी, जिससे आगे ओर पीछे के दोनों शीशे क्षतिग्रस्त हो गये।