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आक्सीजन की लाइन में था बेटा और मां मर गई

मुजफ्फरनगर जनपद के गांव अलमासपुर में महिला की मौत से लोगों में शोक व दहशत, आधी रात सिलेंडर लेकर घर पहुंचा बेटा तो मिली मां की अर्थी

आक्सीजन की लाइन में था बेटा और मां मर गई
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मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार के दिशा निर्देशों पर प्रशासन दिन रात कोविड मरीजों को उपचार, दवाई और आक्सीजन दिलाने के साथ ही मृतकों की विधि पूर्वक दाह संस्कार कराने के लिए व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है, इसके बावजूद भी स्थिति भयावह होती नजर आ रही है। श्मशान घाट और कब्रिस्तान में रोजाना मृतकों के शव भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। तस्वीरें विचलित कर रही हैं। इसके बावजूद भी लोग अंतिम सांस तक बदहाल व्यवस्था में अपनों का जीवन बचाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कहीं सांसों को सहारा मिल पा रहा है और कहीं सहारे की उम्मीद में सांस ही उखड़ रही हैं। एक महिला की मौत की कहानी काफी दुखद रही। अपनी मां का जीवन बचाने के लिए एक किशोर आक्सीजन सिलेण्डर पाने के लिए लम्बी लाइन में लगा रहा, वह सिलेण्डर लेकर घर पहुंचा तो आक्सीजन की आस में उसकी मां की सांसें थम चुकी थी। घर पर मां की अर्थी को देखकर यह किशोर बिलख पड़ा। आज सवेरे इस महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अलमासपुर निवासी राजेन्द्र यादव एक कोल्ड स्टोर में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। उनके दो लड़के हैं। उनकी पत्नी 30 वर्षीय रानी यादव ने नवरात्र के सभी व्रत रखकर देवी मां की आराधना की। नवरात्र खत्म हुए तो रानी यादव की अचानक ही तबियत बिगड़ गयी। परिजनों ने रानी को जानसठ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया। कई दिनों तक यहां पर रानी का उपचार चला, लेकिन फेफड़ों में अचानक इंफेक्शन बढ़ने के कारण रानी यादव को इस निजी अस्पताल के चिकित्सक ने मेरठ के लिए रैफर कर दिया। परिजनों ने मेरठ ले जाने के बजाये रानी यादव को घर पर ही उपचार दिलाने का निर्णय लिया। रानी को मेजर लंग्स इंफेक्शन बताया गया। परिजनों ने डाक्टर की सलाह पर रानी का कोविड-19 टेस्ट के लिए आरटीपीसीआर और एंटीजन सैम्पल दिया।

परिजनों के अनुसार रानी की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आयी, लेकिन लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण वाले ही बने हुए थे। शरीर में आक्सीजन लेवल कम होने लगा तो घर पर आक्सीजन लगाने का बंदोबस्त परिजनों ने कर दिया। इसके बाद दो बार और रानी का कोविड टेस्ट कराया गया, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव ही आयी। रानी का उपचार घर पर किया जा रहा था। परिजनों ने बताया कि दो दिनों से तबियत में सुधार नजर आ रहा था। बीते दिन तो रानी ने चारपाई से उठकर पैदल घूमकर अपने स्वास्थ्य के बारे में परिजनों को बेहतरी के लिए बताया था, लेकिन बुधवार की शाम होते होते अचानक ही रानी की तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी। अपनी मां का जीवन बचाने के लिए बड़ा लड़का 13 वर्षीय एकांश आक्सीजन लेने के लिए निकला हुआ था।

परिजनों के अनुसार रात्रि करीब दस बजे रानी ने दम तोड़ दिया। उस दौरान भी एकांश आक्सीजन लेने के लिए लम्बी लाइन में खाली सिलेण्डर लिये लगा हुआ था। उसको रानी के देहांत के बारे में जानकारी नहीं दी गई। एकांश ने फोन कर अपने पिता को बताया कि वह 11 बजे तक सिलेण्डर लेकर घर आयेगा। पिता के सामने रानी का बेजान शरीर था, लेकिन वह बेटे को बता नहीं पाया। करीब 11.30 बजे के बाद एकांश आक्सीजन सिलेण्डर लेकर घर पहुंचा तो वहां पर आस पडौस के लोगों की भीड़ थी। अंदर दाखिल होने पर मां की मौत की खबर मिली। रात्रि में परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी, दाह संस्कार गुरूवार की सुबह भोपा रोड नई मण्डी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। परिजनों में कोहराम मचा हुआ था।

श्मशान घाट पर रसीद से ज्यादा वसूली, लोगों में रोष

मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण के भयानक दौर में भी लोगों की संवेदना मरी हुई नजर आ रही है। हर तरफ लूट और खसोट मची हुई है। दवाईयों की कालाबाजारी है तो अस्पतालों में भर्ती के नाम पर खेल हो रहा है। आक्सीजन के लिए लम्बी लाइनें हैं तो श्मशान घाट पर मौतों को कमाई का अवसर बनाने का काम हो रहा है। अलमासपुर की रानी यादव के देर रात निधन के बाद परिजन आज सवेरे भोपा रोड श्मशान घाट पर दाह संस्कार के लिए पहुंचे तो वहां पर सारा प्रबंध स्वयं किया। परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट कमेटी द्वारा तय रकम 1850 रुपये की कार्यालय में रसीद कटवायी। आरोप है कि जब रसीद के अनुसार 1850 रुपये का भुगतान किया गया तो ज्यादा रकम मांगी गयी। इसको लेकर कर्मचारी के साथ लोगों का विवाद भी हुआ। उन्होंने रोष भी जताया, लेकिन इस गहमागहमी का कोई फायदा नहीं उठा। परिजनों को रसीद से ज्यादा रकम अदा करनी पड़ी। परिजनों ने 1850 की रसीद के लिए 2100 रुपये का भुगतान कर्मचारी को किया। जबकि मांग इससे कहीं ज्यादा पैसों की की गयी थी।

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