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यूपी में नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य, किसान नाराज

योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक में गन्ना नीति के तहत गन्ना मूल्य यथावत रखने का निर्णया, पिछले साल सरकार ने बढ़ाये थे 25 रुपये प्रति कुंतल के रेट, किसानों की उम्मीदों को लगा तगड़ा झटका

यूपी में नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य, किसान नाराज
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मुजफ्फरनगर। गन्ना पेराई सत्र 2022-23 में गन्ना मूल्य बढ़ने की उम्मीद लगाये बैठे किसानों को सरकार ने जोर का झटका धीरे से दिया है। मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में गन्ना मूल्य इस वर्ष यथावत रखने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने साफ कर दिया है कि इस साल पिछले साल की भांति ही किसानों को गन्ना मूल्य मिलेगा, वहीं किसान और किसान संगठनों के साथ ही विपक्षी दल लगातार महंगाई को सामने रखते हुए सरकार से गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे। सरकार के इस निर्णय पर फिलहाल किसानों ने कड़ी नाराजगी जताई है, वहीं किसान संगठन अपने अपने स्तर से आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गये हैं।

5 कालीदास मार्ग लखनऊ स्थित सीएम आवास पर मंगलवार को यूपी कैबिनेट की मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आये निवेश की ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श करते हुए सरकार ने बड़े निर्णय लिये। कैबिनेट मीटिंग में गन्ना मूल्य घोषित करने का मुद्दा भी रखा गया था। कैबिनेट के समक्ष चालू गन्ना पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य की दर तय करने संबंधी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विचार विमर्श किया। गन्ने का चालू सत्र शुरू हुए तीन माह से ज्यादा समय हो गया है, पर अभी तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया था, जिसके कारण किसान संगठनों के साथ साथ विपक्षी राजनीतिक दलों के द्वारा भी सरकार के खिलाफ किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए लगातार प्रदर्शन किये जा रहे हैं। ऐसे में इस मीटिंग में लाये गये गन्ना मूल्य घोषणा प्रस्ताव पर विचारोपरांत सरकार ने गन्ना नीति के तहत गन्ना मूल्य यथावत रखने का निर्णय लिया है।

कैबिनेट बैठक मे मौजूद नगर विधायक और प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि बैठक में गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल सरकार ने गन्ने का दाम 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों के हितों में बड़े फैसले ले रही है। यूपी में गन्ना मूल्य का भुगतान भी समय पर कराया जा रहा है।वहीं गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाये जाने को लेकर किसानों में सरकार के प्रति रोष नजर आया और विपक्षी दलों ने सरकार के निर्णय की निंदा करते हुए इसे किसान विरोधी बताया है। बता दें कि पिछले सत्र में सरकार ने 25 रुपये की वृ(ि की थी और किसानों को करीब 350 रुपये प्रति कुन्तल की दर से चीनी मिलों के द्वारा गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा रहा था। इसी दर से फिलहाल भुगतान हो रहा है, उम्मीद थी कि इसमें बढोतरी होगी, लेकिन अब यही भाव तय कर दिया गया है।

डीजल, बिजली और खाद महंगी, फसल सस्तीः भाकियू

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाये जाने पर कहा कि हमें पहले से ही इसकी आशंका थी, किसान विरोधी मानसिकता रखने वाली सरकार से उम्मीद भी क्या की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज चैतरफा महंगाई का दौर है, खाद, डीएपी, पेस्टीसाइड, डीजल और बिजली सभी कुछ महंगा है। किसान की फसलों की लागत बढ़ रही है, लेकिन किसानों के मामलों में असंवेदनशील ये सरकार फसलांे का भी सही दाम देने को तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को किसानों के साथ भद्दा मजाक बताते हुए कहा कि सरकार किसानों को कमजोर करने की साजिश रच रही है, ताकि किसान परिवारों और नौजवानों का कृषि और भूमि से मोहभंग हो जाये।

झूठे हैं पीएम और सीएम, नहीं मिल रहा उचित दामः प्रमोद त्यागी

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाने को घोर निंदनीय निर्णय बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही झूठे हैं। किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात ये सरकारें कर रही हैं और महंगाई के इस दौर में फसलों का उचित दाम नहीं दिया जा रहा है। ये किसान विरोधी मानसिकता रखने वाली सरकार है। आज महंगाई बढ़ी है, लेकिन किसानों की अनदेखी की जा रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने कहा कि गन्ना मूल्य बढ़ने के लिए लोग मांग कर रहे थे, लेकिन मूल्य बढ़ने से पहले यह आवश्यक है कि किसानों को समय से भुगतान की व्यवस्था की जाये। यह हमारी सरकार सुनिश्चित कर रही है।

किसानों के साथ धोखा है ये फैसलाः धर्मेन्द्र मलिक

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि सरकार ने गन्ना मूल्य न बढ़ाकर किसानों के साथ धोखा किया है। पैराई सीजन का अब अंतिम दौर चल रहा है, ऐसे में किसानों को भरोसे में रखते हुए सरकार ने मूल्य न बढ़ाकर गलत निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब सरकारों के साथ ही केन्द्र सरकार ने भी दस रुपये मूल्य बढ़ाया है तो राज्य की सरकार को भी इसमें बढोतरी करनी चाहिए थी। उन्होंने सरकार के निर्णय को किसानों की ओर से अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि संगठन में इस पर चर्चा करते हुए आंदोलन या अन्य विषयों पर निर्णय जल्द लिया जायेगा।

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