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31 महीने बाद सुशील मूंछ ने किया सरेंडर

दो पुराने मामलों में आरोपी होने के कारण पुलिस को चकमा देकर गैंगस्टर कोर्ट पहुंचा सुशील[ अदालत ने भेजा जेल, भोपा और सिविल लाइन थानों में दर्ज मुकदमों में आरोपी है सुशील

31 महीने बाद सुशील मूंछ ने किया सरेंडर
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मुजफ्फरनगर। पुलिस रिकॉर्ड में पश्चिमी यूपी के सूचीब( गिरोह के सरगना और एक लाख के इनामी माफिया डॉन सुशील मूंछ ने आज पुलिस को चकमा देकर दो पुराने मामलों में जारी गैर जमानती वारंट के कारण आज गैंगस्टर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सुशील मूंछ द्वारा 31 महीनों के बाद एक बार फिर से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने वकीलों के साथ अदालत में सरेंडर किया है। इससे पहले 2019 में इसी प्रकार गुपचुप तरीके से सुशील ने सरेंडर कर सभी को चौंका दिया था। सुशील के सरेंडर की खबर फैलने पर पुलिस प्रशासन में भी हड़कम्प मच गया। कचहरी की सुरक्षा में तैनात जवानों को भी मुस्तैद कर दिया गया था। सरेंडर के बाद अदालत ने सुशील को जेल भेज दिया है।

प्राप्त समाचार के अनुसार सोमवार को कचहरी में माफिया डॉन सुशील मूंछ के सरेंडर करने की खबर से हलचल मची नजर आई। सुशील मूंछ के सरेंडर की भनक भी पुलिस या खुफिया विभाग को नहीं लग सकी। सुशील मूंछ ने दो पुराने गैंगस्टर के मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने पर कोर्ट में सरेंडर किया है। अभियान अधिकारी के अनुसार इनमें से एक मामला भोपा और दूसरा सिविल लाइन थाने से जुड़ा हुआ है। इसमें 26 फरवरी 2003 को कस्बा मोरना में नकली व हरियाणा की शराब को विदेशी शराब का लेबल लगाकर बेचने के आरोप में भोपा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में गांव मथेड़ी निवासी माफिया सुशील मूंछ, गांव करहेड़ा निवासी राजीव, सुनील, अनिल राठी, पूर्व प्रमुख ब्रह्मपाल, गांव बेहड़ा सादात निवासी पूर्व प्रधान उदयवीर और सेल्समैन रामपुर तिराहा निवासी राजेंद्र व नेपाल के लुमनी निवासी किशन शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

तत्कालीन भोपा थानाध्यक्ष सुरेंद्र तेवतिया ने इन सभी आरोपियों को बाद में गैंगस्टर एक्ट में निरु( किया था। सभी आरोपियों ने इस मुकदमे पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था, जो एक वर्ष पूर्व खत्म हो गया था। इसके बाद उन्हें आगे स्टे नहीं मिल पाया। इस पर गैंगस्टर कोर्ट ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किए, लेकिन पेश न होने पर उनके वारंट और फिर गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद कुर्की वारंट भी जारी कर दिए गए। कुर्की से बचने के लिए 20 सितंबर 2021 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राधेश्याम यादव की विशेष अदालत गैंगस्टर कोर्ट में सुनील, उदयवीर और राजेंद्र ने सरेंडर कर दिया था। इनमें राजेंद्र को 24 सितंबर को जमानत मिल गई थी। 29 सितंबर को गैंग लीडर राजीव, पूर्व प्रमुख बह्मपाल, वर्तमान ब्लाक मोरना प्रमुख अनिल राठी ने अदालत में सरेंडर किया। अब इसी मामले में सुशील मूंछ ने भी सरेंडर किया है। वहीं उनके खिलाफ गैंगस्टर का एक मामला सिविल लाइन थाने का भी चल रहा है। इन दोनों मामलों में पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए सुशील मूंछ ने अपने अधिवक्ताओं के साथ गैंगस्टर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

बता दें कि करीब 31 माह पूर्व सुशील मूंछ ने 30 मार्च 2019 की सुबह पुलिस को चकमा देकर वकीलों के जरिए मुजफ्फरनगर कचहरी में सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया था। साल 2017 में नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में हुए चीकू हत्याकांड में अनुच्छेद 120-बी, शहर कोतवाली में दर्ज हुए संपत्ति कब्जाने के मामले में अनुच्छेद 120-बी और मेरठ के परतापुर क्षेत्र में पिछले साल हुई मां-बेटी की हत्या का साजिश रचने के मामले में वांछित चल रहा था। मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से भी उस पर एक लाख का ईनाम घोषित किया गया था। सुशील मूंछ पर आरोप था कि वह अपने सरेंडर से दो दिन पहले मेरठ से पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए कुख्यात बदन सिंह बद्दो को भगाने में शामिल था और मेरठ के तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी ने इस मामले में भारी दबाव बना लिया था। उस समय सुशील मूंछ का सरेंडर के लिए यही दबाव एक बड़ा कारण माना गया। बाद में अदालत से उसको जमानत मिल गई थी। कुख्यात सुशील सिंह उर्फ मूंछ पुत्र चंद्रपाल सिंह रतनपुरी थानाक्षेत्र के गांव मथेड़ी का निवासी है। सुशील मूंछ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन बड़े माफियाओं में शामिल हैं, जिनके नाम से अफसरों के पसीने छूट जाते हैं। आमतौर पर लोगों में यह चर्चा है कि शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही कॉलेज की कक्षा में दो सुशील होने के कारण पहचान करने के लिए उसका नाम के साथ मूंछ को जोड़ दिया गया था, क्योंकि सुशील उस दौरान भी मूंछ रखता था।

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