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मुजफ्फरनगर में छात्रवृत्ति घोटाला-336 फर्जी छात्र दिखाकर 46 लाख डकार गये दस शिक्षण संस्थान

वित्तीय वर्ष 2021-22 में केन्द्र सरकार से जारी हुई धनराशि की हुई खूब बंदरबांट, विभाग की शिकायत पर एफआईआर दर्ज

मुजफ्फरनगर में छात्रवृत्ति घोटाला-336 फर्जी छात्र दिखाकर 46 लाख डकार गये दस शिक्षण संस्थान
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मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है। दस बड़े शिक्षण संस्थानों द्वारा करीब 46 लाख रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति धनराशि का घोटाला किया है, जो जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है। यह घोटाला आईटीआई, मदरसे, गुरुकुल, इंटर और डिग्री कॉलेज में हुआ है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा थाना सिविल लाइन में दस शिक्षण संस्थानों से जुड़े 17 लोगों को नामजद करते हुए एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं, जो इन शिक्षण संस्थानों में आईएनओ और एचओआई के रूप में केन्द्र और राज्य सरकारों की छात्रवृत्ति मामलों की देखरेख करने की जिम्मेदार बताई गई हैं। इस घोटाले के सामने आने के बाद पूरे जनपद में हड़कम्प मचा है।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मैत्री रस्तोगी ने बताया कि कुछ शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति को लेकर अनियमितता पाई गई है। छात्रवृत्ति के लिए भेजी गई सूचियों में अपात्र छात्रों को शामिल किया गया, कई छात्रों के दस्तावेज फर्जी पाए और कुछ मामलों में छात्र स्वयं मौजूद ही नहीं थे। इस तरह से सरकारी धन का दुरुपयोग कर करीब 46 लाख रुपये का घोटाला प्रथम जांच में सामने आया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन ने विशेष जांच कराई। जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर संबंधित संस्थानों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने घोटाले के लिए अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा उपलब्ध कराये गये रिकॉर्ड और साक्ष्यों के आधार पर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सिविल लाइन थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि प्रकरण में अल्पसंख्यक विभाग की ओर से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले में उप निरीक्षक सतेन्द्र सिंह ढिल्लो को विवेचना सौंपी गई है।

17 शिक्षण संस्थाओं की हुई जांच, 10 में मिली अनियमितता

मुजफ्फरनगर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सामने आया छात्रवृत्ति घोटाला वित्तीय वर्ष 2021-22 की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के वितरण का है। इसमें प्री मैट्रिक कक्षा-9 व 10, पोस्ट मैट्रिक कक्षा-11 और 12 के साथ ही डिग्री पाठयक्रम के विद्यार्थियों के नाम पर दस शिक्षण संस्थाओं ने फर्जीवाडा करते हुए सरकारी धन का गबन किया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक अजलान शाह के द्वारा सिविल लाइन थाने में दर्ज कराये गये मुकदमे की तहरीर के अनुसार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के अनुसचिव के द्वारा 19 अपै्रल 2024 को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र जारी करते हुए छात्रवृत्ति वितरण में यूपी के कुछ शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाडा होने की जांच कराने के लिए कहा था। इसके लिए प्रदेश शासन से सभी जिलों में जांच के लिए आदेश जारी किये गये। मुजफ्फरनगर में 17 शिक्षण संस्थाओं की जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। इसके बाद 21 मार्च 2021 को संदिग्ध पाये गये अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार अनुसचिव ने यूपी शासन को फिर से पत्र जारी किया, संदिग्ध पाये गये 10 शिक्षण संस्थानों की सूची भेजी गई और इनकी जांच कर काूननी कार्यवाही कराने के निर्देश दिये गये।

इस पर दो अप्रैल को अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन और नौ अपै्रल को निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश ने पत्र जारी कर कार्यवाही के निर्देश दिये। एक मई को निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने फिर से पत्र भेजकर कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी। इस पर जिलाधिकारी के आदेशों के तहत सीडीओ ने आठ मई 2025 को खण्ड शिक्षा अधिकारियों की टीमों का गठन करते हुए दस शिक्षण संस्थानों की जांच कराई थी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुश्री मैत्री रस्तोगी ने बताया कि ये प्रकरण उनके कार्यकाल से पूर्व का है। केन्द्र और राज्य सरकार के आदेश पर हुई जांच में दस शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति मामले में गंभीर अनियमितता पाये जाने पर खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सीडीओ को प्रेषित कर दी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन से स्वीकृति मिल जाने के बाद अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा इन शिक्षण संस्थानों के आईएनओ और एचओआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी है।

दस शिक्षण संस्थानों में दिखाये 336 फर्जी विद्यार्थी, हड़पे 46.36 लाख

मुजफ्फरनगरअल्पसंख्यक विभाग में करीब चार साल पहले हुए छात्रवृत्ति के गबन के मामले में केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों के एक संदेह ने सारे खेल को उजागर कर दिया। यूपी के अन्य जिलों में यह खेल होने का दावा यहां के अफसर कर रहे हैं। जनपद की जिन दस शिक्षण संस्थानों में यह खेल हुआ, उनमें करीब 150 फर्जी विद्यार्थी दिखाकर छात्रवृत्ति के रूप में करीब 46.36 लाख रुपये का भुगतान विभाग से प्राप्त किया गया। शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति के मामलों में अपने यहां पर आईएनओ ;इंस्टीट्यूट नोडल ऑफीसरद्ध और एचओआई ;हैड ऑफ इंस्टीट्यूटद्ध नामित कर रखे हैं। इनका कार्य छात्र द्वारा किसी भी छात्रवृत्ति के लिए किये गये आवेदन फार्म को ऑनलाइन पोर्टल पर पूरी तरह से जांच परखने के बाद शिक्षण संस्थान की संस्तुति के साथ विभाग को फॉरवर्ड किया जाता है। इसके बाद विभाग अपनी स्वीकृति प्रदान कर केन्द्र या राज्य सरकार तक फॉरवर्ड करता है और फिर छात्रवृत्ति का पैसा जारी कर दिया जाता है।

सूत्रों के अनुसार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से वित्तीय वर्ष 2021-22 में नेशनल स्कॉलरशिप के रूप में केपीएस गर्ल्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन अलीपुर कलां को लगभग 15 लाख, इस्लामिया डिग्री कॉलेज को 8 लाख, श्रीराम कॉलेज ऑफ फार्मेसी को करीब 5 लाख, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज बेगराजपुर को करीब साढ़े चार लाख, मदरसा इस्लामिया अरबिया सिकन्दरपुर को सवा तीन लाख, श्री मंगल सिंह आईटीआई को तीन लाख, लार्ड महावीर कृष्णापुरी को करीब साढ़े तीन लाख, दयानंद गुरूकुल इंटर कॉलेज बिरालसी को करीब पौने दो लाख, जनता इंटर कॉलेज हरसौली को करीब सवा लाख और मूलचंद इंटर कॉलेज सैनीपुर परासौली को एक लाख रुपये की धनराशि जारी की गई, इसी धनराशि का गबन करने के आरोप लगे हैं।

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