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मुजफ्फरनगर में मंत्री के विरोध के बाद मामला बिगड़ा

गांव सोरम में रस्म तेहरवीं से लौटते हुए मंत्री संजीव बालियान का विरोध किये जाने पर किसानों की पिटाई की गयी, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। रविवार को भी भैंसवाल गांव में मंत्री संजीव बालियान और उनके साथ आये भाजपा नेताओं का किसानों ने भारी विरोध किया था।

मुजफ्फरनगर में मंत्री के विरोध के बाद मामला बिगड़ा
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मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच चल रहे तनाव में आखिरकार आज बवाल हो ही गया। जनपद के एक गांव में ये केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान का किसानों ने विरोध किया तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर डाली। इससे दोनों पक्षों में जमकर संघर्ष हुआ और कई लोग घायल हो गये हैं। मंत्री डा. संजीव बालियान के गांव से चले जाने के बाद किसानों और ग्रामीणों की पंचायत का आयोजन किया गया। इस मामले को लेकर किसान और केन्द्र सरकार के बीच चल रही खींचतान में भी नया मोड आ गया है। किसानों में सरकार के प्रति रोष बना हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वखाप के इतिहास के लिए पहचान रखने वाले गांव सोरम में सोमवार को एक तेरहवीं में गए केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान का किसानों ने विरोध किया। इस दौरान कुछ युवकों ने संजीव बालियान और भाजपा के खिलाफ उग्र नारेबाजी भी की। यहां पर विरोध करने वालों की पिटाई कर दी गई। कुछ युवकों ने मंत्री संजीव बालियान का विरोध कर रहे युवकों की पिटाई की है। इसके बाद दोनों ओर से संघर्ष हुआ। मारपीट करने वालों को भाजपा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। मंत्री संजीव बालियान के गांव से चले जाने के बाद पंचायत की गयीं पीड़ित पक्ष की पंचायत में आरोप लगाया गया कि हमलावर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ ही थे। रालोद के पूर्व मंत्री योगराज सिंह, रालोद नेता पूर्व विधायक राजपाल बालियान इस पंचायत में पहुंचे। रालोद नेताओं ने घटना को लेकर आक्रोश जताया। संजीव बालियान के विरोध पर किसानों की पिटाई के इस मामले को लेकर रालोद ने मुखर रवैया अपनाया है। इस घटना को लेकर रालोद उपाध्यक्ष जयंत चैधरी ने ट्वीट भी किया है। सोरम गांव की झड़प के बाद जयंत चैधरी ने ट्वीट कर लिखा कि सोरम गांव में भाजपा नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष हुआ है। कई लोग घायल हैं। किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम व्यवहार तो अच्छा रखो। किसान की इज्जत तो करो। इन कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे गांव वाले?

पको बता दें कि किसान आंदोलन सरकार के गले की फांस बन गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी यूपी के भाजपा नेताओं को ये जिम्मेदारी दी है कि खापों के बीच जाकर कृषि कानूनों को लेकर भ्रांति को दूर करें। गांव सोरम की इस घटना से पहले रविवार को केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान का काफिला भैंसवाल गांव पहुंचा था। जहां उन्हें किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा। उनके साथ पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष मोहित बेनिवाल, राज्य सरकार के मंत्री भूपेन्द्र चौधरी और बुढ़ाना से विधायक उमेश मलिक भी थे। खाप चैधरियों ने इन नेताओं से मिलने से साफ इंकार कर दिया। भाजपा नेताओं के इस किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान खाप चौधरियों के साथ ही किसानों ने नारा दिया कि पहले तीनों कानून वापस कराओ, फिर गांव में आओ।

हालांकि किसानों के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी अपने तेवर दिखाए थे। उन्होंने गाड़ी पर खड़े होकर कहा था ििक 10 लोगों के विरोध के चलते कोई मुर्दाबाद नहीं होता, मैं किसानों के बीच जाता रहूंगा। दरअसल, किसानों की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि जब सरकार पहले दिन से किसान आंदोलन को सिर्फ एक प्रदेश के चंद किसानों का आंदोलन बता रही है तो अब बीजेपी के नेता यूपी में किसानों को मनाने क्यों आ रहे हैं।

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