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गीदड़...गद्दार...बताने पर बागियों ने टिकैत को चेताया

मुजफ्फरनगर के गांव सोहंजनी तगान में भाकियू अराजनैतिक ने की पंचायत, टिकैत के कई सिपहसालारों को तोड़ा, राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र बोले-बूंद-बूंद से हम सागर बन जायेंगे। मांगेराम त्यागी ने कहा कि नरेश टिकैत याद रखें हमारे सीने में उनके कई राज दफन हैं।

गीदड़...गद्दार...बताने पर बागियों ने टिकैत को चेताया
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के नेताओं ने शाहपुर के गांव काकड़ा में आयोजित बालियान खाप की किसान मजदूर पंचायत में भाकियू अध्यक्ष और बालियान खाप के मुखिया चौ. नरेश टिकैत द्वारा बागियों को गीदड़ और गद्दार बताने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए आज नरेश टिकैत को चेतावनी दी कि वह यह याद रखें कि हमारे सीने में उनके कई अहम राज दफन हैं, वह अपनी बयानबाजी से ईडी और सीबीआई से बच सकते है, लेकिन बदजुबानी बंद न की गयी तो हमारा सीना उनके राज दफन नहीं कर पायेंगा।

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की मंसूरपुर क्षेत्र के गांव सोहंजनी तगान में बुधवार को यूनियन के युवा कार्यकर्ताओं अक्षु त्यागी व विजित त्यागी के नेतृत्व में बड़ी पंचयात का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि रहे भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी का किसानों और ग्रामीणों ने सम्मान समारोह आयोजित करते हुए उनको संगठन के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। पंचायत में बड़ी संख्या में क्षेत्र और आसपास के गांव से किसान इस कार्यक्रम में जुटे थे। बता दें कि भाकियू से अलग होकर 15 मई को भाकियू अराजनैतिक का गठन किया गया है। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश चौहान व धर्मेंद्र मलिक को राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी मिली है। इसी टूट को लेकर भाकियू और भाकियू अराजनैतिक में वैचारिक लड़ाई चल रही है।


भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि आज सहोजनी तगान गांव में कार्यकर्ता सम्मेलन में हजारों लोगों का ासथ मिला। यह शुरूआत है। यहां पर कई लोगों ने सदस्यता ली। हम किसानों से जुड़ी सब समस्याओं पर मंथन करके उनके समाधान के लिए क्या रणनीति तय करनी है उस पर आगे बढ़ रहे हैं। हमारी लड़ाई, विचारधारा की लड़ाई है जो भी इस लड़ाई में साथ आना चाहे सबका स्वागत है। एक-एक बूंद से ही घड़ा भरता है, हमारे साथ अगर ऐसे ही एक एक बूंद भी इकट्टा होगी तो एक दिन हम सागर बन जायेंगे।

सरकार को खुली चेतावनी-3 महीने में वादे पुरा करें नहीं तो आंदोलन

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि अब मुद्दा किसानों का रहेगा, ईवीएम की सुरक्षा का नहीं रहेगा, किसानों से जुड़े मुद्दे रहेंगे, किसी सरकार को हराने और जिताने का मुद्दा नहीं होगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के मंच पर जाने का मुद्दा नहीं होगा। हम सब बाबा टिकैत ने लड़ाके हैं। अब वो पुरानी विचारधारा नहीं रही, अब नई विचारधारा है। हम अराजनैतिक रहेंगे, हमें किसी को ना हराना है, ना जिताना है। किसानों के मुद्दों की लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं पर सरकार अपने वादे 3 महीने में पूरे करें वरना उनके खिलाफ भी मैदान खोला जाएगा।


उन्होंने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत को भी चेतावनी देते हुए कहा कि वह हम पर राजनीति के दबाव में काम करने का आरोप लगा रहे हैं। हम चेताना चाहते हैं कि वह बदजुबानी ना करें, हमारे सीने में उनके कई राज दफन हैं, वह ईडी से बच सकते हैं, सीबीआई से बच सकते हैं लेकिन हमारे सीने में राज हैं, उनसे नहीं बच पायेंगे। उनसे निवेदन है कि वह अपना काम करें और हमें अपना काम करने दें, हम बाबा टिकैत की विचारधारा पर चलना चाहते हैं हमें चलने दे। ऐसा नहीं हुआ तो हम हर बात का माकूल जवाब देना जानते हैं। वह हमें गद्दार और गीदड़ कहेंगे तो हम खामोश नही रहेंगे। इस पंचायत में भारतीय किसान यूनियन छोड़कर कई लोग भाकियू अराजनैतिक में शामिल हुए। इनमें भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष नीरज पहलवान, नीटू दूल्हेरा, अक्षु त्यागी, विजित त्यागी, अंकित चौधरी आदि शामिल रहे। नीरज पहलवान को भाकियू में जिलाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बालियान खाप से ही होने के कारण संगठन में विरोध हुआ और उनको हटाकर योगेश शर्मा को जिलाध्यक्ष नामित किया गया था, तभी से वह शीर्ष नेतृत्व से नाराज बताये जा रहे थे।

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