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TRANSFER-रामपुर तिराहा कांड पर फैसला देने वाले जज का तबादला

मुजफ्फरनगर न्यायिक विभाग में बड़ा फेरबदल, जिले में तैनात 11 न्यायिक अधिकारियों का गैर जनपद हुआ तबादला

TRANSFER-रामपुर तिराहा कांड पर फैसला देने वाले जज का तबादला
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मुजफ्फरनगर। देश को हिलाकर रख देने वाले रामपुर तिराहा गोलीकांड में महिला आंदोलनकारी से सामूहिक दुष्कर्म और लूट जैसे संगीन आरोप में 30 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिलाप सिंह बनाम सीबीआई केस में ऐतिहासिक फैसला लिखने वाले न्यायाधीश एडीजे-7 शक्ति सिंह के साथ ही जिले में तैनात 10 न्यायिक अधिकारियों का गैर जनपदों के लिए तबादला कर दिया गया है। वहीं तबादलों की इस कड़ी में तीन नये न्यायाधीश जनपद में भेजे गये हैं।

हाईकोर्ट इलाहाबाद के रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती ;एचजेएसद्ध द्वारा न्यायिक विभाग की वार्षिक तबादला नीति-2024 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश न्यायिक विभाग में कार्यरत हाईकोर्ट ज्यूडिशरी सर्विस (एचजेएस), सीजेएसडी और सीजेजेडी सेवा के 587 न्यायिक अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है। इसके तहत जनपद में एचजेएस सेवा में कार्यरत नौ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के साथ ही कुल 10 न्यायिक अधिकारियों का तबादला किया गया है। इनमें देश और दुनिया में चर्चित रामपुर तिराहा गोलीकांड के एक प्रकरण में ऐतिहासिक फैसला देने वाले सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे-7 शक्ति सिंह भी शामिल हैं। उनके न्यायालय से महिला आंदोलनकारी से गैंगरेप के मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज किये गये मिलाप सिंह केस में 18 मार्च को कोर्ट का निर्णय आया था। इस प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर जनपद में विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एडीजे-7 शक्ति सिंह के द्वारा अपना ऐतिहासिक निर्णय दिया।

आंदोलनकारी महिला से सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों पीएसी के सेवानिवृत्त सिपाहियों को एडीजे-7 शक्ति सिंह की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाकर घटना के 30 साल बाद पीड़िता को इंसाफ दिलाने के साथ ही इसके लिए लड़ाई लड़ रहे आंदोलनकारियों और पीड़ितों की उम्मीदों को सबल प्रदान करने का काम किया था। अदालत ने अपने फैसले में रामपुर तिराहा गोलीकांड की तुलना अंग्रेजों के जमाने में जलियांवाला बाक कांड से की थी। यह फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश एडीजे-7 शक्ति सिंह का गाजीपुर तबादला दिया गया है। शक्ति सिंह सहित जनपद से 10 न्यायिक अधिकारियों का तबादला गैर जनपद कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर से गैर जनपद भेजे गये न्यायिक अधिकारियों में एडीजे-7 शक्ति सिंह को मुजफ्फरनगर से गाजीपुर भेजा गया है। इनके साथ ही एडीजे अनिल कुमार बस्ती, एडीजे कोर्ट नम्बर-2 कमलापति को आजमगढ़, एडीजे मनोज कुमार जाटव और शाकिर हसन को महाराजगंज, पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे बाबूराम को प्रतापगढ़, एडीजे राम नेट को राय बरेली, परिवार न्यायालय के पीठासीन अधिकारी एडीजे दीपकांत मणि को बहराइच और एडीजे सुश्री हेमलता त्यागी को अमरोहा में तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिवीजन के पद पर कार्यरत न्यायाधीश मयंक जायसवाल का ललितपुर तबादला किया गया है। जबकि सि(ार्थनगर में तैनात न्यायाधीश एडीजे काशिफ शेख और दिनेश प्रताप सिंह तथा सिविल जज सीनियर डिवीजन उन्नाव रघुवंश मणि सिंह को मुजफ्फरनगर जनपद में भेजा गया है।

एडीजे-7 शक्ति सिंह ने तीन साल के कार्यकाल में सुनाए कई बड़े फैसले

मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने एडीजे-7 शक्ति सिंह को अधिकृत किया। उन्होंने लगातार सुनवाई करते हुए 30 साल से लटके इस प्रकरण की एक पत्रावली में एक वर्ष में फैसला सुना दिया। उनको इसके लिए जिले में याद किया जाता रहेगा, इसके साथ ही मूल रूप से लखनऊ के निवासी न्यायाधीश शक्ति सिंह ने एडीजे-7 के पद पर रहते हुए अपने न्यायालय से कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों में बड़े फैसले सुनाए।

एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। रामपुर तिराहे पर इनको रोक लिया गया। यहां विरोध हुआ तो पुलिस ने गोलियां चला दीं, इसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। पहले स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। उत्तराखंड संघर्ष समिति तेजी से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट पहुंची, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसके लिए रोजाना सुनवाई का आदेश जारी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को सुनवाई के लिए अधिकृत किया था। मार्च 2023 में न्यायाधीश शक्ति सिंह ने सुनवाई शुरू की थी। रामपुर तिराहे पर ऐतिहासिक फैसले के अलावा एडीजे शक्ति सिंह ने जिले में अपनी तैनाती के करीब तीन साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों का निस्तारण किया, इनमें महमूदनगर के चर्चित मामले में एक साथ 36 लोगों को सजा सुनाई गई थी। बेबी किलर शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक के मामले की सुनवाई की। उनको रामपुर तिराहे पर फैसले के लिए याद किया जायेगा। न्यायाधीश शक्ति सिंह ने 14 अपै्रल 2021 को जनपद में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। वो यहां लगभग तीन साल तैनात रहे।

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