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UTTER PRADESH--64 घंटे बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ हुई संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक के बाद हुआ निर्णय, विद्युत कर्मचारियों के खिलाफ सभी कार्यवाही होंगी वापस

UTTER PRADESH--64 घंटे बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म
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लखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एवं चेयरमैन एम देवराज से वार्ता होने के बाद रविवार दोपहर संघर्ष समिति के आह्नान पर चल रही विद्युत कर्मचारियों की 72 घंटे की कामबंद हड़ताल को 64 घंटे के बाद खत्म करने की घोषणा कर दी गई है। संघर्ष समिति और कारपोरेशन सोमवार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। हड़ताल खत्म होने की घोषणा के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की सभी मांगों पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने हड़ताल के दौरान विद्युत अफसरों और कर्मियों के खिलाफ की गयी सभी कार्यवाहियों को वापस लिये जाने का भी ऐलान किया है।

वार्ता के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी शैलेन्द्र शर्मा ने मीडिया के सामने आकर बात की। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकार पहले भी वार्ता के लिए तैयार थी और आज की वार्ता सकारात्मक रही है। सभी कर्मचारियों से अपील है कि तत्काल काम पर लौट जाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही को विधिक तरीके से वापस लिया जाएगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि यूपीपीसीएल के एमडी को उनके द्वारा निर्देश दे दिया गया है कि जो भी कार्यवाही की गयी हैं, उनको वापस लिया जाये, इसके साथ ही जिन जनपदों में विद्युत कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये गये हैं, उनको भी वापस लिया जायेगा। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं को नुकसान नहीं देना चाहते हैं। कर्मचारी हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे अभी समझौते को लागू करने का आश्वासन दिया गया है। इस वजह से हड़ताल वापस ले रहे हैं।

हड़ताल से बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचने के कारण प्रदेश में पावर काॅरपोरेशन ने 16 अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया था और तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। 22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून ;एस्माद्ध के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वहीं, हड़ताल से पूर्वांचल सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रभाव पड़ रहा था। कई जगह बिजली कर्मी फीडर बंद करके गायब हो गए थे। ऐसे में बिजली उत्पादन होने के बाद भी आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त रही और आम जनता त्रस्त रही। हड़ताल की वजह से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों शनिवार को भी उत्पादन प्रभावित हुआ। उद्यमियों का कहना था कि अभी तक छिटपुट कटौती का सामना करना पड़ा है, लेकिन हड़ताल लंबी चली तो समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अधिशासी निदेशक डीएस वर्मा ने बताया कि कानपुर, वाराणसी सहित कई जगह से बिजली समस्या की शिकायतें मिलीं। वहीं, इस दौरान निगमों की ओर से भरोसा दिया जाता रहा कि उद्योगों को पहले की तरह बिजली मिलती रहेगी।

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