दो बच्चों की मौत के बाद सरकार पर बरसे विधायक अनिल कुमार
नयन जागृति संवाददाता
मुजफ्फरनगर। गांव नसीरपुर में मजदूर इदरीश के परिवार पर कुदरत के कहर में दो बच्चों की मौत ने सभी के दिल को हिलाकर रख दिया है। क्षेत्रीय विधायक और रालोद नेता अनिल कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले नसीरपुर जाकर पीड़ित परिवार के लोगों से घटना की जानकारी ली। इस दौरान दो बच्चों की मौत से विधायक अनिल कुमार भी आहत नजर आये। उन्होंने सरकार के गरीब कल्याण के दावों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि सरकार बड़े दावे कर रही है, लेकिन नसीरपुर की घटना सरकार के इन्हीं दावों को आईना दिखा रही है। इसके बाद विधायक अनिल ने जिला अस्पताल पहुंच कर घायलों के उपचार की व्यवस्था देखी, पीड़ितों से मुलकात करते हुए एसडीएम सदर परमानंद झा से मिलकर पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता और अन्य सुविधा दिलाने के लिए भी कहा। विधायक अनिल कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटना बहुत दुखद है, हमारे क्षेत्र के गांव नसीरपुर में ये हुआ है। चूंकि कई दिन से बरसात हो रही है तो छत गिरने से पांच लोग इसमें दबे, जिसमें 4 बच्चे थे एवं दो बच्चों का दुखद निधन हो गया है। यह घटना सरकार के उन दावों की पोल भी खोलती है जो सरकार यह कहती है कि हमने हर गरीब व्यक्ति को पक्का मकान दे दिया है। अगर गरीब आदमियों को पक्के मकान मिल जाते तो शायद आज यह घटना ना होती। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक कल्याण का दावा किया है, लेकिन गांवों में आज भी गुरबत सरकार को आईना दिखा रही है। शहरों के मुकाबले गांवों में पक्के मकान का लाभ लेने के लिए सरकार के मानक गलत हैं। इनमें यदि मकान की एक दीवार भी पक्की है, उसको पक्का मकान का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही कच्ची छत इसी तरह से लोगों की जान छीनती रहें। पहले सरकार की ओर से कच्ची छतों को पक्का करने का पैसा भी मिलता था, लेकिन अब वो सहायता भी सरकार ने बंद कर दी है। इसी कारण गरीब परिवार मौत के आगोश में सोने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे गरीब आदमी का जीना भाजपा की इस डबल इंजन की सरकार में दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि आज इस घटना के बाद मैं भाजपा सरकार के प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के लोगों से यह जरूर कहना चाहूंगा कि इस घटना को गंभीरता से लें क्योंकि जिले के गांवों में ऐसे मामले बहुत हैं। जहां गरीब लोग कच्ची छतो में रह रहे हैं तो वहां घटना ना घटे ऐसे मकानों को चिन्हित करके उन मकानों को बनवाने का काम करना चाहिए एवं इस परिवार को आर्थिक मदद के साथ साथ जिला प्रशासन को इनका एक मकान तत्काल प्रभाव से पक्का बनवाकर देना चाहिए ताकि राहत मिले।