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पालिका ने काटी बिजली विभाग की आरसी

नगरीय क्षेत्र में 11 विद्युत सब स्टेशनों के भवन किराया-टैक्स के लिए बिजली विभाग को चुकाने हैं 12.76 करोड़, बिजली विभाग और पालिका प्रशासन के बीच चल रही खींचतान में आया नया मोड़, पालिका ईओ ने जारी किया आरसी नोटिस, डीएम से भू राजस्व की भांति वसूली कराने का आग्रह

पालिका ने काटी बिजली विभाग की आरसी
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् और बिजली विभाग के बीच बकाया रकम को लेकर चली आ रही खींचतान में अब नया मोड़ आ गया है। पालिका प्रशासन द्वारा बकाया वसूली के लिए दिये गये नोटिसों पर बिजली विभाग द्वारा बकाया रकम जमा नहीं कराये जाने के कारण पालिका प्रशासन ने बिजली विभाग की करीब 12.76 लाख रुपये की आरसी जारी कर दी है। इसके लिए पालिका प्रशासन ने जिलाधिकारी को पत्र जारी करते हुए बिजली विभाग से भू राजस्व की भांति बकाया रकम वसूल करवाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। पालिका के इस फैसले से बिजली विभाग में भी हलचल मची है।

प्राप्त समाचार के अनुसार बिजली विभाग और नगरपालिका परिषद् के बीच बकाया रकम की वसूली के लिए काफी दिनों से विवाद चल रहा है। इस विवाद की शुरूआत तब हुई, जबकि विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-प्रथम के एक्सईएन के निर्देश पर नगरपालिका परिषद् को पथ प्रकाश व्यवस्था और टाउनहाल कार्यालय के बिजली बिल के लिए बकाया नोटिस जारी किया गया। बिल जमा नहीं कराये जाने पर पूर्व में टाउनहाल की विद्युत आपूर्ति ही बिजली अफसरों के निर्देश पर काट दी गयी थी। इसके बाद पालिका प्रशासन ने भी नहले पर दहला मारते हुए नगरीय क्षेत्र में स्थित बिजली विभाग के करीब 11 विद्युत सबस्टेशनों के लिए भवन किराया और वार्षिक टैक्स के लिए बकाया रकम के नोटिस जारी किये। इसमें पालिका प्रशासन ने विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-प्रथम के एक्सईएन को विद्युत विभाग का पालिका पर तय बकाया रकम को काटकर शेष बकाया का भुगतान जल्द कराने के लिए कहा था। लेकिन बिजली विभाग की ओर से पालिका के बकाया नोटिस पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया।

अब नगरपालिका परिषद् की ओर से बिजली विभाग से अपनी बकाया रकम वसूलने के लिए आरसी जारी कर दी गयी है। पालिका के अधिशासी अधिकारी की ओर से बिजली विभाग से 12 करोड़ 76 लाख 46 हजार 684 की बकाया रकम वसूलने के लिए सख्त कदम उठाया गया है। बिजली विभाग द्वारा बकाया रकम नहीं चुकाने के कारण अब पालिका प्रशासन ने भू राजस्व की भांति बकाया धनराशि वसूलने के लिए आरसी जारी कर दी है। सूत्रों के अनुसार पालिका ने बिजली विभाग के विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-प्रथम के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र में स्थित विद्युत सब स्टेशनों पर भवन किराया और वार्षिक टैक्स निर्धारित किया है। पालिका प्रशासन की ओर से इन विद्युत सबस्टेशनों पर 01 जनवरी 1976 से भवन किराया निर्धारित किया है। इसमें 31 मार्च 2021 तक पालिका प्रशासन द्वारा बिजली विभाग को 2 करोड़ 92 लाख 79 हजार 109 रुपये का बाकीदार दिखाया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक इस विद्युत सब स्टेशनों पर 9 करोड़ 83 लाख 67 हजार 575 रुपये वार्षिक टैक्स बकाया दर्शाया गया है। कुल 12.76 करोड़ रुपये से अधिक का बकायादार होने के कारण विद्युत विभाग से वसूली के लिए आरसी जारी कर दी गयी है। पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि पालिका की सीमा के अधीन चल रहे विद्युत सब स्टेशनों पर पालिका के टैक्स विभाग द्वारा भवन किराया और वार्षिक टैक्स तय किया गया है। विद्युत विभाग द्वारा कोई भी किराया या टैक्स पालिका को नहीं दिया जा रहा था। 12.76 करोड़ रुपये का बकाया बिजली विभाग पर बैठ रहा है। इसकी वसूली के लिए विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-प्रथम के अधिशासी अभियंता को अलग अलग कई बार नोटिस निर्गत किये गये, लेकिन बिजली विभाग बकाया रकम जमाने के लिए तैयार नहीं है। इसी को देखते हुए नगरपालिका परिषद् की ओर से पालिका अधिनियम 1916 की धारा 173ए के तहत भू राजस्व की भांति वसूली करने के लिए बिजली विभाग के खिलाफ आरसी प्रपत्र तैयार करते हुए डीएम को प्रेषित कर दिये गये हैं।

नगरपालिका परिषद् द्वारा आरसी भेजे जाने के मामले पर अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-प्रथम बीके मिश्रा ने हैरत जाहिर करते हुए कहा कि पालिका प्रशासन को 2020 तक कुछ भी याद नहीं आया, लेकिन हमने विद्युत आपूर्ति के उपभोग के लिए अपना भुगतान मांगा तो गलत गणना के आधार पर विद्युत विभाग को अपना बकायादार पालिका ने बनाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि हमने ईओ आवास पर विद्युत उपभोग के लिए 3.96 हजार रुपये का बकाया नहीं चुकाने पर आरसी जारी की थी। उसके बाद वार्ता हुई और सभी बिन्दुओं पर समझौता हो गया था। उनका यह भी कहना है कि बकाया के कारण टाउनहाल और ईओ आवास का विद्युत कनेक्शन कटने की नौबत आ गयी थी, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। अब पालिका प्रशासन ने द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए आरसी जारी की है। इस मामले में हम विद्युत विभाग के आला अफसरों के साथ ही जिलाधिकारी से मिलकर भी अपना पक्ष रखेंगे।

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