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आरएसएस नेता के भाई-पूर्व प्रमुख सहित चार की कोरोना से मौत

कोरोना संक्रमण के भयावह होने के साथ ही जनपद मुजफ्फरनगर में इस महामारी में मौत का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। अभी तक करीब 40 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग मौत के आंकडें को छिपाने में जुटा हुआ है। विभागीय अफसरों का दावा है कि कोरोना संक्रमण से जनपद के बाहर ज्यादा मौत हुई है। कोविड हास्पिटल में मौत कम हुई हैं।

आरएसएस नेता के भाई-पूर्व प्रमुख सहित चार की कोरोना से मौत
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मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण के कारण अब जनपद मुजफ्फरनगर में मौत का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। लगातार कोरोना पाजिटिव लोग सामने आ रहे है। हर दिन अब नया रिकार्ड बनने लगा है। आज भी जहां एक दिन में सर्वाधिक कोरोना पेशंेट सामने आये, वहीं आज जनपद में कोरोना से दो लोगों की मौत हो गयी है। इनमें एक आरएसएस नेता के भाई और दूसरे पूर्व ब्लाॅक प्रमुख बताये जा रहे हैं। जबकि दो अन्य लोगों की भी मौत हुई है। पिछले चार दिनों में ही कोरोना संक्रमण से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 5 महिलाएं शामिल हैं।

सोमवार को कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक प्रकोप जनपद में नजर आया। पाश और वीआईपी इलाकों के साथ ही गांव देहात तक कोरोना ने अपना गहरा असर दिखाया है। कई उद्योगपतियों के घरों में भी कोरोना अपनी पकड़ बनाये हुए हैं। आज भी उद्यमियों के निवास से पहचान बनाने वाली कई कालौनियों में कोरोना संक्रमित लोग मिले हैं। इसके साथ ही जिले में आज कोरोना संक्रमण से चार लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। जिसमें एक मौत दिल्ली में हुई। आरएसएस मुजफ्फरनगर के जिला कार्यवाह बृजेश कुमार के बडे़ भाई मोहनलाल गोयल और शामली के पूर्व ब्लाॅक प्रमुख रहे कविन्द्र मलिक शामिल हैं। मोहनलाल गोयल ने जहां आज मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज बेगराजपुर में बने कोविड-19 एल-1 हाॅस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, वहीं पूर्व प्रमुख कविन्द्र मलिक की नोएडा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान हार्ट अटैक से मौत होना बताया गया है।

आरएसएस नेता बृजेश के भाई मोहनलाल गोयल शामली जनपद के ऊन के निवासी थे। उनका अंतिम संस्कार भी वहीं किया गया। जबकि शामली से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले पूर्व ब्लाॅक प्रमुख कविन्द्र मलिक का अंतिम संस्कार मुजफ्फरनगर शहर श्मशान घाट पर किया गया। कविन्द्र मलिक 2005 में शामली ब्लाॅक प्रमुख पद पर निर्वाचित हुए थे। उनके बड़े भाई डा. देवेन्द्र मलिक सदर बाजार में गंगाराम हास्पिटल के मालिक हैं, उनकी भाभी निशा मलिक भी मेडिकल सर्जन हैं। जबकि दूसरे भाई भूपेन्द्र मलिक ईंट निर्माता समिति के जिलाध्यक्ष हैं। डा. देवेन्द्र मलिक और कविन्द्र मलिक मुजफ्फरनगर में ही परिवार के साथ रहते हैं, जबकि भूपेन्द्र मलिक शामली में निवास करते हैं। कविन्द्र मलिक अंकित विहार कालौनी में रह रहे थे। कविन्द्र मलिक भी ईंट भट्टा का व्यवसाय चलाते थे। परिजनों के अनुसार करीब 15 दिन पूर्व उनकी तबियत अचानक बिगड़ने लगी तो उन्होंने कोविड टेस्ट कराया था, इसमें वह पाजिटिव आये तो उपचार के लिए उनको नोएडा स्थिति एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां वह 12 दिनों से भर्ती थे और आज हार्ट अटैक के कारण उनकी उपचार के दौरान ही मौत हो गयी।

इसके अलावा दो अन्य मौत की खबर से भी जिले में हलचल मची रही। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार रविवार की देर शाम शहर के नुमाइश कैम्प निवासी संतोष कुमार ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया तो वहीं आनन्दपुरी निवासी साहब सिंह की सोमवार सवेरे इस महामारी के चलते मौत हो गयी। दोनों मृतकों का शहर श्मशान घाट पर पीपीई किट पहनकर कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार किया। ज्ञात रहे कि पिछले 5 दिनों में ही कोरोना संक्रमण के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इससे स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही मुजफ्फरनगर जनपद में कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। 10 सितम्बर को जनपद में कोरोना संक्रमण से तीन महिलाओं की मौत हुई थी। यह तीनों महिलाएं 50 साल या इससे ऊपर की आयु की थी। इनमें से एक शहर की निवासी थी, तो एक जानसठ और और एक गांव बढ़ीना खुर्द की निवासी थी। इसके बाद 12 सितम्बर को चार लोगों की मौत मेरठ में उपचार के दौरान हुई। इनमें 72 वर्षीय दयाचन्द, कृष्णापुरी की 40 वर्षीया गुलजार फातिमा, मीरापुर की 45 वर्षीया शकीला और नई मण्डी के 65 वर्षीय फेरूमल शामिल रहे। आज मोहनलाल गोयल और पूर्व प्रमुख कविन्द्र मलिक के साथ ही दो अन्य लोगों की मौत हो जाने से भय और शोक का वातावरण बना रहा।

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