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ग्रामों में प्रधानों को प्रशासक मंजूर नहीं

ग्राम प्रधानों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, ग्रामों में प्रधान की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन करने की मांग

ग्रामों में प्रधानों को प्रशासक मंजूर नहीं
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मुजफ्फरनगर। ग्राम पंचायतों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव की सरगर्मी तेज करने के साथ ही प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी कर ली है। ऐसे में अब प्रधानों ने कार्यकाल समाप्ति पर प्रशासक की नियुक्ति के फैसले का विरोध करते हुए सरकार से ग्रामों में कामकाज चलाने के लिए प्रधानों की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन करने की मांग की है।

गुरूवार को राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश सतेन्द्र बालियान प्रधान ग्राम खांजापुर के नेतृत्व में जिले के प्रधानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन प्रधानों ने प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय एसडीएम जानसठ अजय कुमार अम्बष्ट को सौंपा। ज्ञापन में प्रधानों ने कहा कि 25 दिसम्बर 2015 को चुनाव के उपरांत ग्रामों में ग्राम पंचायत का गठन किया गया था। इसके अनुसार 25 दिसम्बर 2020 को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है। ऐसे में कार्यकाल पूर्ण होने पर राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का फैसला किया है।

इसका विरोध करते हुए ग्राम प्रधानों ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसमें 29 दिसम्बर तक कार्य होगा। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन, परिसीमन एवं आरक्षण जैसे प्रावधान भी अभी पूरे किये जाने शेष है। इन परिस्थितियों में समय से निर्वाचचन संभव प्रतीत नहीं हो पा रहा है। प्रधानों ने कहा कि पंचायती राज विभाग में जिला पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायतों में प्रशासक नामित किये जाने की व्यवस्था है, लेकिन ग्राम पंचायतों में प्रशासक नामित किये जाने के लिए कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं रही है। 2015 में सहायक विकास अधिकारी पंचायत को निर्वाचन प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाने के बाद ही प्रशासक बनाया गया था। जबकि ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक समितियों के गठन की व्यवस्था विद्यमान है। इस पर अमल करने का प्रजातांत्रिक विकल्प पूरी तरह से सुरक्षित है।

ग्राम प्रधानों ने इसके लिए कई दूसरे राज्यों में की गयी व्यवस्था का भी उल्लेख अपने ज्ञापन में करते हुए राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों में 25 दिसम्बर के बाद से प्रशासक नियुक्त करने का फैसला लागू करने के बजाये प्रधानों की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन करने की मांग की है ताकि ग्रामों का विकास कार्य सुचारू रूप से प्रगति की ओर बढ़ सके। ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान चैरावाला, मोरना, खामपुर सहित दर्जनों ग्रामों के प्रधान शामिल रहे।

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