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वापस लौटा अंजू राज!-पालिका में यही चर्चा रही आज

कोर्ट का आदेश आने के बाद अब अपनी कुर्सी संभालने की तैयारियों में जुटीं अंजू अग्रवाल, सबसे पहले कार्यालय से हटाई गई नेम प्लेट लगवाने पर जोर, ज्वाइनिंग को लेकर कई सवाल

वापस लौटा अंजू राज!-पालिका में यही चर्चा रही आज
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मुजफ्फरनगर। शुक्रवार के दिन नगरपालिका परिषद् की आब-ओ-हवा में अंजू अग्रवाल के नाम का असर कुछ गहरा दिखाई दे रहा था। इस बयार में पालिका में फिर से अंजू अग्रवाल का राज लौटने की चुगली होती सुनाई दी। वैसे तो पालिका के हर दलान, हॉल और कमरे में अंजू अग्रवाल की विकास के प्रति प्रतिब(ता का प्रतिबिंब पिछले कुछ दिनों से तमाम सामान को अस्त व्यस्त करते हुए विकास की चमक बिखरने में तल्लीन नजर आ रहा है, यहां पर उनके द्वारा पालिका कार्यालय के सौन्दर्यकरण के लिए जिस प्राथमिकता के साथ विकास कार्य स्वीकृत कराये गये, उसी को लेकर कई कमरों, कार्यालयों और दलान से जीनों तक की शक्ल ओ सूरत बदली जा रही है। पालिका हॉल तो वह कुर्सी पर कायम रहते हुए संवार चुकी हैं। अब उनका राज आने पर कार्यालयों के सौन्दर्यकरण को लेकर भी उनके हाथों ही उद्घाटन की चर्चा भी सुनाई देती रही।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 नवंबर को शासन के बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ अंजू अग्रवाल की याचिका पर आये फैसले के मायने को लेकर मंथन का दौर चल रहा है। अदालत का फैसला अभी पक्ष या विपक्ष को नहीं मिलने की बात कही जा रही है, लेकिन शनिवार तक यह आदेश प्रति प्राप्त होने के बाद इस पर नई बहस जन्म लेने के लिए करवट मचल रही है। आज की बात करें तो टाउनहाल स्थित पालिका कार्यालय में अदालत के आदेश और इस आदेश को लेकर समाचार पत्रों की खबरों को लेकर चर्चा का दौर बेहद गरम बना रहा।

हाईकोर्ट के फैसले को लेकर किन्तु परन्तु की बहस में कई लोगों को अपनी कुर्सी भी खतरे में नजर आई। हालांकि कुछ लोग यह चर्चा भी करते दिखाई दिये कि अब मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल जुम्मा जुम्मा आठ दिन का शेष रह गया, तो ऐसे में शायद ही अंजू अग्रवाल की कुर्सी पर वापसी संभव हो पाये। वहीं कुछ लोग इस बात पर भी जोर देते हुए दिखाई दिये कि अदालत के फैसले की कॉपी हाथ में आते ही अंजू अग्रवाल पूरी दृढ़ता के साथ पालिका के अपने कार्यालय में कुर्सी संभालती नजर आये तो कोई आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि शासन के खिलाफ न्यायालय में लड़ाई के साथ मिली इस जीत ने उनका आत्मविश्वास लौटाया और इसे उनकी नैतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। वह खुद भी कह चुकी हैं कि उनके खिलाफ जबरिया आरोप मढ़े गये, उनको जबरिया मनमाने ढंग से जांच कराकर सि( किया गया और उनके हर तथ्य और सफाई को दरकिनार करते हुए एक दबाव में उनको कुर्सी से हटाने की साजिश की गई। उनको ईश्वर पर भरोसा था, इसलिए न्यायपालिका ने उनके साथ न्याय किया।

सूत्रों का कहना है कि अब अंजू अग्रवाल अपने अधिकार के साथ कुर्सी पर वापसी की तैयारी कर रही हैं, हालांकि उनको कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने का इंतजार बाकी है। वहीं यह भी चर्चा है कि शासन अदालत का फैसला आने के बाद भी उनको ज्वाइनिंग कराने का आदेश जारी करे, ऐसा उनके विरोधी नहीं होने देंगे। वहीं पक्ष का दावा है कि हाईकोर्ट ने शासन के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। दावा है कि शासन ने 39 दिन के बाद बर्खास्तगी का निर्णय दिया, जबकि हाईकोर्ट ने ही शासन को सुनवाई पूरी कर दो सप्ताह में फैसला लेने के लिए समय दिया था। 24 नवंबर के फैसले में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पालिकाध्यक्ष के कामकाज में कोई भी हस्तक्षेप न किया जाये। इसी आधार पर दावा किया जा रहा है कि इस बार हाईकोर्ट से पूरी पावर के साथ अंजू अग्रवाल के अधिकार बहाल हुए हैं। अब सबसे पहला काम पालिका में उनकी नेम प्लेट लगवाने का किया जायेगा। शनिवार को संभवतः पालिका में नई हलचल नजर आये।

पालिका के सात चपरासियों का तबादला

मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में ईओ हेमराज सिंह ने चपरासियों ;अनुचरद्ध के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया है। सूत्रों के अनुसार पालिका के ईओ हेमराज सिंह ने कार्यहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से कार्यालय व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पालिका कार्यालयों में कार्यरत सात अनुचरों का तबादला किया है। इसेमं मुख्य कार्यालय के अनुचर शब्बीर अहमद को नगरपालिका कन्या इण्टर कॉलेज, कन्या इण्टर कॉलेज से रईस अहमद को स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग से जहीर अहमद को मुख्य कार्यालय-प्रकाशक कक्ष, जलकल स्टोर के अनुचर राजकुमार को कमला नेहरू वाटिका, वाटिका अनुचर नौशाद को जलकल स्टोर, जलकल विभाग कार्यालय से अनुचर अकीला को कक्ष संख्या-5 गृहकर-जलकर काउंटर कक्ष और काउंटर कक्ष से अनुचर पुष्पा को जलकल विभाग कार्यालय कक्ष में तैनात किया गया है। इन अनुचरों से अपने विभागाध्यक्षों के समक्ष प्रस्तुत होकर कार्यभार संभालने को कहा गया है।

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