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फाइनेंसर प्रवीण की हत्या में शामिल आरोपी की मौत

जिला कारागार में चल रहा था बंद, बुखार के कारण मेरठ मेडिकल में कराया गया था भर्ती, देर रात तोड़ा दम, 6 जुलाई को मोरना में स्वीटी ने प्रेमी संग मिलकर कराई थी पत्नी की गोली मरवाकर हत्या

फाइनेंसर प्रवीण की हत्या में शामिल आरोपी की मौत
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मुजफ्फरनगर। जिला कारागार में हत्या के मामले बंद युवक की मेरठ में उपचार के दौरान बुधवार देर रात मौत हो गई। मौत के बाद बंदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया था। एक सितंबर को हालत बिगड़ने पर बंदी को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। आज सवेरे यह खबर मुख्यालय पहुंची तो कारागार में भी हलचल नजर आई। बंदी की मौत की सूचना रात्रि में ही परिजनों को दे दी गयी थी। पोस्टमार्टम के बाद बंदी के शव को कारागार प्रशासन द्वारा परिजनों को सौंप दिया गया।

सूत्रों के अनुसार मूल रूप से गांव छछरौली निवासी फाइनेंसर प्रवीण कुमार अपने परिवार के साथ भोपा थाना क्षेत्र के गांव मोरना में रह रहा था। प्रवीण की तीन माह पूर्व बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी स्वीटी, दीपक उर्फ हनुमान निवासी पट्टी मोहलू बावली बड़ौत, शुभम पंडित उर्फ विष्णु निवासी टीकरी धीमान पट्टी थाना दोघट, अंकित उर्फ सन्नी, अमृत राठी उर्फ शैंकी निवासीगण छछरौली थाना भोपा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।


प्रवीण की पत्नी स्वीटी के गौरव नेपाली से अनैतिक संबंध थे। इसका प्रवीण विरोध करता था। विवाद बढ़ने पर प्रवीण गांव छछरौली में स्थित अपनी चार बीघा जमीन बेचकर ग्राम मोरना में किराये पर रहने लगा। शेष जमीन को भी वह बेचना या ट्रस्ट को देना चाहता था। स्वीटी इसका विरोध कर रही थी। इसी को लेकर स्वीटी ने अपने प्रेमी गौरव नेपाली के साथ मिलकर प्रवीण की हत्या की साजिश रची। गौरव ने अपने साथी राजीव फौजी से संपर्क किया। राजीव फौजी ने बागपत निवासी शूटर दीपक और शुभम पंडित को प्रवीण की हत्या के लिए सुपारी दी थी, हत्या के बाद एक-एक लाख रुपये देना तय हुआ था। छछरौली निवासी अंकित और उसके भाई शैंकी उर्फ अमृत राठी ने प्रवीण की मुखबिरी की। छह जुलाई की रात अंकित-शैंकी की सूचना पर दीपक व शुभम बाइक पर मोरना आए। बाइक को गौरव नेपाली चला रहा था। तीनों ने प्रवीण की हत्या कर दी और फरार हो गए थे। 11 जुलाई को पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए पांच हत्यारोपियों को पकड़ा था। इनमें शैंकी उर्फ अमृत राठी भी शामिल था।


कारागार सूत्रों के अनुसार एक सितंबर को जिला कारागार में बंद अमृत राठी को बुखार और सिर में दर्द की शिकायत हुई थी। कारागार अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया था, जहां से दो सितंबर को बंदी को मेरठ मेडिकल रेफर कर दिया गया था। तब से उसका मेरठ मेडिकल में उपचार चल रहा था। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि बुधवार देर रात उपचार के दौरान अमृत राठी की मेरठ में मौत हो गई। इसकी सूचना उसके परिजनों को दे दी गयी थी। पोस्टमार्टम के उपरांत बंदी अमृत राठी का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

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