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प्रवर्तन अभियान का असर-मुजफ्फरनगर में यूरिया उर्वरक की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी नहीं

उत्तर प्रदेश में यूरिया उर्वरक को लेकर छाये संकट के बीच मुजफ्फरनगर में डीएम सेल्वा कुमारी जे. के नेतृत्व में कृषि विभाग ने किसानों के हितों को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए जनपद को यूरिया संकट से बाहर निकालने में सफलता अर्जित की है।

प्रवर्तन अभियान का असर-मुजफ्फरनगर में यूरिया उर्वरक की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी नहीं
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मुजफ्फरनगर। जनपद में किसानों को यूरिया उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और इसके लिए कालाबाजारी व मुनाफाखोरी रोकने में कृषि विभाग सफल रहा है। डीएम सेल्वा कुमारी जे. के निर्देशन में लगातार छापामार कार्यवाही के चलते जनपद में यूरिया उर्वरक की बिक्री में पारदर्शिता लाने के साथ ही किसानों तक इसकी सहज पहुंच कायम करने में कृषि विभाग के अधिकारी दिन रात जुटे रहे। जनपद में उर्वरक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 35 स्थानों पर छापेमार कार्यवाही की गयी। इस कार्यवाही का असर यह रहा कि जनपद में कोई भी उर्वरक विक्रेता कालाबाजारी या मुनाफाखोरी नहीं कर पाया।


किसानों को सभी प्रकार के उर्वरक सुलभ और सुगम व्यवस्था के साथ उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेशव्यापी अभियान चलाया और सभी जिलों में यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि उर्वरकों की गुणवत्ता से कोई समझौता ना होने पाये। इसके लिए मुजफ्फरनगर जनपद में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के नेतृत्व में कृषि विभाग भी किसानों के हितों को लेकर यूरिया उर्वरक की उपलब्धता को पारदर्शी बनाने के लिए दिन रात काम में जुट गया। उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया की निगरानी में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने उर्वरक की बिक्री और उत्पादन को लेकर टीम का गठन किया। इस टीम के साथ उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया छापामार अभियान में जुट गये।

उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव कृषि द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुपालन में गठित टीम ने प्रवर्तन का कार्य प्रारम्भ किया तो जनपद में यूरिया उर्वकर की कालाबाजारी करने वालों के साथ ही इसमें मुनाफाखोरी का जाल बिछाने वालों में हड़कम्प मचा नजर आया। उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया ने टीम के साथ स्वयं भी छापामार कार्यवाही के दौरान उर्वकर विक्रेताओं और निर्माताओं के प्रतिष्ठानों व फैक्ट्री पर निरीक्षण किया। यहां पर गहन जांच पड़ताल की गयी। जनपद में समस्त प्रकार के उर्वरक विक्रेताओं व निर्माताओं के यहां पर बिक्री और निर्मित उर्वरकों की गुणवत्ता को परखा गया।


इसके साथ ही बिक्री में पारदर्शी व्यवस्था को लागू कराया गया। उर्वरक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गठित टीम द्वारा आकस्मिक छापे की कार्यवाही के दौरान उर्वरकों की सैम्पलिंग भी की गयी। उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया की निगरानी में जनपद में 35 स्थानों पर छापेमार कार्यवाही की गयी। इस कार्यवाही के दौरान उर्वरकों की जांच के लिए 17 नमूने संग्रहित किये गये। वहीं 10 उर्वरक विक्रेताओं और निर्माताओं को खामियां मिलने पर कड़ी चेतावनी दी गई हैं। इन आकस्मिक कार्यवाही के दौरान कहीं पर भी यूरिया उर्वरक निर्माता या विक्रेता के स्तर पर कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी के प्रकरण नहीं पाये गये।

उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के मार्गदर्शन में जनपद में यूरिया उर्वरक की कालाबाजारी के साथ ही मुनाफाखोरी रोकने और इसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर विभागीय टीम द्वारा अभियान चलाया गया। इस अभियान को सार्थक बनाने के लिए स्वयं वे भी आकस्मिक छापामार कार्यवाही करने में जुटे रहे। उनका कहना है कि जनपद में उर्वरक विक्रेता एवं निर्माता के लिए चलाये गये इस अभियान में प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान उर्वरक विक्रय परिसरों में स्टाक रजिस्टर, वितरण रजिस्टर का अद्यतन अंकन और भविष्य में अभिलेख पूर्ण रखने एवं नियमानुसार किसानों को उसकी आवश्यकता के अनुरूप यूरिया उर्वरक उपलब्ध कराने के साथ साथ कोविड-19 के संबंध में निर्गत दिशा निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिये गये। उनका कहना है कि जनपद में किसानों को सभी प्रकार का उर्वरक निर्धारित दरों पर ही सुलभता के साथ उपलब्ध हो रहा है। सहकारी और निजी क्षेत्र के माध्यम से किसान उर्वरक हासिल कर रहे हैं। इस दौरान जनपद में अभी तक भी उर्वरक की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। उन्होंने बताया कि इसके संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से अपर मुख्य सचिव कृषि को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गयी है।

जनपद मुजफ्फरनगर में यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। सितम्बर से पूर्व जुलाई माह में भी डीएम सेल्वा कुमारी जे. के आदेश पर उन्होंने जनपद में वृहद छापामार अभियान चलाया। 24 जुलाई को चार टीमों का गठन करते हुए 19 फर्टिलाइजर शाॅप पर एक साथ छापा मारा गया। इस कार्यवाही से उर्वरक विक्रेताओं में हड़कम्प मच गया था। इस दौरान उप कृषि निदेशक और उनके नेतृत्व वाली टीमों में शामिल अधिकारियों ने उर्वरक के करीब 25 नमूने लिये थे। उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया ने खुद तहसील सदर क्षेत्र में एसडीएम सदर के साथ मिलकर उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों पर आकस्मिक चैकिंग की थी। वह कहते हैं कि लगातार प्रवर्तन कार्यवाही से जनपद में हम यूरिया उर्वरक की गुणवत्ता के साथ ही इनकी सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करने में सफल हो पाये हैं और विभागीय छापों का भय ही इसकी कालाबाजारी व मुनाफाखोरी रोकने में सफल रहा है।

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