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बिजलीकर्मी हड़ताल- दो दिन में विभाग को 8 करोड़ का फटका

बिजलीकर्मी हड़ताल- दो दिन में विभाग को 8 करोड़ का फटका
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मुजफ्फरनगर। पूर्वांचल में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्नान पर मंगलवार को दूसरे दिन भी पावर कारपोरेशन के अधिकारी और कर्मचारियों ने जनपद में हड़ताल कर प्रदर्शन किया। इस दो दिवसीय हड़ताल से कैश काउंटर बन्द रहने के कारण विद्युत विभाग को 8 करोड़ रुपये का फटका लगा है।


बता दें कि सोमवार से विद्युत विभाग के एसई, एक्सईएन और जेई आदि अफसरों के साथ ही जनपद के विद्युत कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत हड़ताल शुरू की थी, जो मंगलवार को भी जारी रही। आज नुमाईश कैम्प अधीक्षण कार्यालय परिसर में विद्युत कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन अम्बावता ने भी बिजली कर्मियों की इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। बिजली के निजीकरण को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बेनर तले आदि दिन धरना प्रदर्शन हो रहे है।

इस दौरान बिजली बिल जमा करने वाले कैश काउंटर भी बंद रहे है। जिस कारण पावर कारपोरेशन को करीब आठ करोड का नुकसान हड़ताल के चलते इन दो दिनों में हुआ है। निजीकरण को लेकर हुई हड़ताल में अभी संविदा कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है। जनपद में करीब 70 प्रतिशत संविदा कर्मचारी हैं। इस हड़ताल में पावर कारपोरेशन सरकारी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए है। नुमाईश कैम्प पर चल रहे धरने में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी, लाइनमैन आदि भी शामिल हुए है। संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण को नहीं रोका गया तो उग्र आंदोलन होगा।

दूसरी ओर मंगलवार को मुजफ्फरनगर भारतीय किसान यूनियन अंबावता के द्वारा विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग के पीड़ित कर्मचारियों वह जनता के हित में इस आंदोलन का समर्थन किया गया। संगठन की आम जनसभा सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भारतीय किसान यूनियन अंबावता के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शाह आलम के नेतृत्व में विधि प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फेजयाब खान के निवास स्थान पर संपन्न हुई। जिसमें जिला अध्यक्ष शाह आलम बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा विद्युत विभाग का पूर्ण निजीकरण करने को लेकर विद्युत कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को हम पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हैं। उन्होंने निजीकरण से लूट-खसोट और उत्पीड़न बढ़ने की आशंका जताई।

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