undefined

एम.जी. पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित

प्रिंसीपल श्रीमति मोनिका गर्ग ने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि एक भारतीय होने के नाते हमें हिन्दी का अच्छा ज्ञान होना जरूरी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी मातृभाषा हिन्दी होने के बाद भी ज्यादातर लोग बोलते हैं कि उनको हिन्दी नहीं आती है। हिन्दी भाषा को आज सही ढंग से समझने की भी आवश्यकता है।

एम.जी. पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित
X

मुजफ्फरनगर। आज दिनांक एम.जी. पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस को हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान स्कूल में आयोजित गतिविधियों में सभी छात्रों एवं छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग करते हुए हिन्दी भाषा के विभिन्न विषयों पर आधाराति निबंध और कविता लेखन प्रतियोगिता में भाग लेकर मातृभाषा हिन्दी के प्रति अपने विचार व्यक्त किए।


एम.जी. पब्लिक स्कूल में आज आयोजित हिन्दी दिवस कार्यक्रम में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्र छात्राओं ने उत्साहपूर्वक अनेक गतिविधियों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्कूल की प्रिंसीपल श्रीमति मोनिका गर्ग द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि हिन्दी दिवस पर स्कूल में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें छात्र छात्राओं को अलग अलग विषय देकर निबन्ध और कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित कराई गई है। विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में हमारी मातृभाषा - हिन्दी, हमारा गर्व हमारा स्वाभिमान - मातृभाषा हिन्दी और हिन्दी भाषा का महत्त्व विषयों पर अपने सुन्दर विचार प्रस्तुत करते हुए निबन्ध लिखे।

कार्यक्रम में प्रिंसीपल श्रीमति मोनिका गर्ग ने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि एक भारतीय होने के नाते हमें हिन्दी का अच्छा ज्ञान होना जरूरी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी मातृभाषा हिन्दी होने के बाद भी ज्यादातर लोग बोलते हैं कि उनको हिन्दी नहीं आती है। हिन्दी भाषा को आज सही ढंग से समझने की भी आवश्यकता है। उन्होंने छात्र छात्राओं को कहा कि हिन्दी बोलते समय शब्दों का सही उच्चारण और चयन भी करना सीखें। हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। ये भाषा हमारी पहचान ही नहीं, बल्कि हमारी आत्मा भी है।


हिंदी दिवस की सार्थकता तभी सि( हो सकती है, जबकि हम अपने प्रयासों से दूसरे लोगों में हिंदी के प्रति एक स्वाभिमान और प्रेरणा जगा पायें। स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो की धर्म सभा मंे हिन्दी भाषा में ही अपना भाषण देकर भारतीय सभ्यता के दर्शन से सम्पूर्ण जगत को अवगत कराया था, जिससे हिन्दी भाषा को भी वैश्विक स्तर पर बल मिला। आज हमें भी हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार और इसके विकास के लिए अपना सकारात्मक योगदान करने के लिए आगे आना चाहिए। कार्यक्रम में स्कूल के सभी हिन्दी विषय के अध्यापक और अध्यापिकाओं ने भी जीवन में हिन्दी भाषा के महत्व के बारे में छात्र छात्राओं को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम की सफलता में उनका सार्थक योगदान रहा।

Next Story