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जयंत का पलटवार-कुछ लोग कह रहे थे मैं कानून नहीं जनता

जयंत का पलटवार-कुछ लोग कह रहे थे मैं कानून नहीं जनता
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मुजफ्फरनगर। आज भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने की खबर चलने के साथ ही लोगों में कानून के प्रति विश्वास कायम हुआ तो वहीं लोगों के बीच जयंत चौधरी की चिट्ठी की बात को लेकर भी चर्चा रही। इसमें लोगों ने इस कार्यवाही को लेकर यह भी कहा कि आजम खां को छेड़ा नहीं जाता तो विक्रम की विधायकी पर कोई ऐतराज नहीं उठ रहा था। इसी को लेकर मशहूर शायर राहत इंदौरी का यह शेर भी लोग अपनी जुबां से जाहिर करते रहे, जो उन्होंने साम्प्रदायिक हालातों को लेकर अपने मुशायरों में अक्सर लोगों तक पहुंचाये हैं, इनमें शामिल यह गजल-'अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है, ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है, लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है, जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे, किराएदार हैं जाती मकान थोड़ी है, सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है', आज विक्रम सैनी और आजम के प्रकरण में सटीक बैठ रही है।

वहीं इस कार्यवाही के बाद जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने नाम लिये बगैर कार्यवाही की जद में आये भाजपा विधायक विक्रम सैनी पर कटाक्ष किया, कि कुछ लोग कह रहे थे कि मुझे कानून की जानकारी नहीं है।' जयंत ने अपने ट्वीट में कहा कि आखिरकार कोर्ट का संज्ञान लेकर भाजपा के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द की गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष को मेरे पत्र के बाद कुछ लोग कह रहे थे कि मुझे जन प्रतिनिधित्व कानून की पूरी जानकारी नहीं है! सदन की गरिमा के लिए यह कदम अनिवार्य था।

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