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अंजू अग्रवाल की जीत पर भगवान शिव का जलाभिषेक

नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की अध्यक्ष अंजू अग्रवाल को हाईकोर्ट में मिली जीत और शासन के आदेश को कोर्ट द्वारा खारिज किये जाने पर उनके पुत्र अभिषेक अग्रवाल ने प्रसन्नता जाहिर कर इसे सच की जीत बताया है।

अंजू अग्रवाल की जीत पर भगवान शिव का जलाभिषेक
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मुजफ्फरनगर। शासन के बाद प्रशासन और पुलिस की लगातार कार्यवाहियों के बीच घिरीं नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के की जीत पर उनके पुत्र ने ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए विशेष पूजा की।


आज पालिकाध्यक्ष अंजू अ्रगवाल के पुत्र उद्यमी अभिषेक अग्रवाल ने हाई कोर्ट द्वारा पालिका अध्यक्ष श्रीमती अंजू अग्रवाल के खिलाफ नगर विकास विभाग द्वारा जारी किये गये उनके वित्तीय अधिकार सीज किए जाने के निर्णय खारिज किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। अभिषेक अग्रवाल द्वारा शासन के इस आदेश को असंवैधानिक फैसला बताते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने सच को जानकार न्याय किया है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। उन्होंने आदेश की जानकारी मिलने के बाद महाभारत का इतिहास समेटने वाली हस्तिनापुर से 12 किलोमीटर दूर फिरोजपुर महादेव मंदिर में जाकर जल अभिषेक करते हुए भगवान शिव की पूजा अर्चना कर ईश्वर का आभार प्रकट किया। अभिषेक अग्रवाल के साथ उनके मित्र सौरभ मित्तल भी मौजूद रहे।

संविधान-भगवान पर भरोसा था, मैं नहीं सच जीताः अंजू अग्रवाल

हाईकोर्ट में मिले न्याय को लेकर उत्साहित नजर आई मुजफ्फरनगर पालिका की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि मुझे देश के संविधान और भगवान पर पूरा भरोसा था। भगवान की कृपा से ही मुझे जनता ने शहर में चेयरमैन की कुर्सी पर बहुमत देकर बैठाया था। उन्होंने जीत के सवाल पर कहा कि मैं नहीं, बल्कि सच जता है। आज भी मैं अपने कार्यकाल के लिए खर्च हुए धन की पाई पाई का हिसाब देने को जनता के बीच तैयार हूं, लेकिन दूसरे जनप्रतिनिधि जनता को यह बताये कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जनता के लिए किया क्या है? उन्होंने कहा कि परमात्मा की अनुकम्पा से हमें जीत मिली और न्याय हुआ है। कोर्ट ने अपने आदेश में नगर विकास विभाग द्वारा वित्तीय पावर सीज किए जाने के लिये गये निर्णय को असंवैधानिक बताया है। इससे स्पष्ट है कि उनके खिलाफ जो कार्यवाही हुई उसके लिए नियमों की, उनके पक्ष की और उनके जवाब की अनदेखी की गयी है। कोर्ट के निर्णय पर अंजू अग्रवाल ने कहा कि सच परेशान हो सकता है सच कुछ देर के लिए बादलों में छुप सकता है मगर सच कभी पराजित नहीं हो सकता। सच हमेशा सच रहता है और यह सच्चाई की जीत है।

काम के रुकने पर सभासद ने डाली कैविएट, मिला लाभ

मुजफ्फरनगर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार सीज हो जाने के बाद पालिका में उनके द्वारा जनहित में कराये जा रहे सभी कार्य रुक जाने से जनता को भी लाभ से वंचित रहना पड़ा। ऐसे में उनके पक्ष में सभासद अरविन्द धनगर ने भी हाईकोर्ट में कैविएट डाली थी। जबकि विपक्षियों ने उनके विरोध में कैविएट डालकर पूरी घेराबंदी का प्रयास किया था। सभासद अरविन्द धनगर ने बताया कि 29 जुलाई को हाईकोर्ट में उनकी कैविएट स्वीकार की गयी। इसमें उन्होंने जनहित में चेयरपर्सन के द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी कोर्ट को दी। इसमें बारात घर का निर्माण, एम्बुलेंस, शव वाहन, श्मशान घाट निर्माण, मजदूरों के लिए आश्रय स्थल सहित अनेक जनहित के कार्यों के रुकने की जानकारी दी गयी थी। इसका लाभ भी उनको मिला है।

चेयरपर्सन कोर्ट में, तहसीलदार ने घर भेज दिया संग्रह अमीन

मुजफ्फरनगर। आज जिला प्रशासन ने फिर से चेयरपर्सन को घेरने के लिए कदम उठाया। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल हाईकोर्ट में अपने केस की सुनवाई के दौरान गई हुई हैं। इसी बीच आज सवेरे ही तहसीलदार सदर अभिषेक शाही ने संग्रह अमीन को उनके मीका विहार स्थित आवास पर आरसी की रकम वसूलने के लिए भेज दिया। इसी को लेकर चेयरपर्सन ने फोन पर ही नारजागी जताई।

डीएम चंद्रभूषण सिंह ने जिला कलेक्टर को चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल पर शासन द्वारा लगाये गये 1.95 लाख रुपये के जुर्माने की वसूली करने के आदेश जारी किये थे। इसके बाद उनके खिलाफ आरसी तहसील सदर को भेज दी गयी थी। 22 अगस्त को आरसी लेकर अमीन उनके आवास पर गया, लेकिन वह नहीं मिली। अगले दिन उनकी अनुपस्थिति में संग्रह अमीन ने यह आरसी नोटिस उनके पुत्र उद्यमी अभिषेक अग्रवाल को तामील करा दिया था। इसमें तहसीलदार सदर अभिषेक शाही की ओर से 15 दिन में 1.95 लाख रुपये 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि के साथ जमा कराने के निर्देश दिये गये थे।


इसी बीच शुक्रवार को संग्रह अमीन तहसीलदार का आदेश लेकर चेयरपर्सन के घर पहुंचा तो उनको अभिषेक अग्रवाल ही घर पर मिले। संग्रह अमीन ने उन पर पैसा जमा कराने का दबाव बनाया तो उन्होंने अपनी माता से फोन पर बात कराई। इस पर चेयरपर्सन ने ऐतराज जताते हुए कहा कि जब उनको नोटिस में 15 दिन का समय दिया गया है तो दसवें दिन ही उनके आवास पर वसूली मांग करने क्यों अमीन भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह रवैया ठीक नहीं है। दरअसल आरसी जारी होने के बाद तहसील प्रशासन को चेयरपर्सन ने पत्र लिखकर बताया था कि जुर्माना आदेश के खिलाफ उन्होंने शासन में अपील की हुई है, जिसका कोई निस्तारण नहीं हुआ है, निस्तारण होने तक यह कार्यवाही रोकी जाये। अब हाईकोर्ट का निर्णय होने पर देखना होगा कि यह आरसी रुकती है या वसूली की जाती है।

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