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शहर की सड़क में दबा दिये मैनहाल, कायाकल्प भी अटका

नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर में सड़कों का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। इसमें बड़ी अनियमितता सामने आ रही है। शहर की एक सड़क में तो सीवर के मैनहाल के ऊपर ही सड़क बनाकर उनको दबा दिया गया। वहीं गुणवत्ता का हाल ऐसा है कि सड़क पूरी बनने से पहले ही टूटने लगी है।

शहर की सड़क में दबा दिये मैनहाल, कायाकल्प भी अटका
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में 31 मार्च तक की समयावधि नजदीक होने के बाद भी निर्माण कार्यों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने पर पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने ईओ हेमराज सिंह की कार्यप्रणाली को फिर से नाराजगी जताई। इसके साथ ही शहर में हो रहे सड़क निर्माण के कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि शहर में बनाई गई एक सड़क में मानकों का ध्यान नहीं दिया गया है।

शहर में लौटने के साथ ही पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह को पत्र जारी कर दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत 14 वें एंव 15 वें वित्त आयोग की धनराशि के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य स्थलों पर बहुत ही धीमी गति से चल रहे हैं जबकि आप भली भाँति अवगत ही है कि स्थलों पर गुणवत्तापरक निर्माण कार्य 31 मार्च, 2021 से पूर्व सम्पन्न होने हैं तथा उनकी जिला स्तरीय गठित समिति से जाँचोपरान्त नियमानसार भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात शासन को उपभोग प्रमाण-पत्र भी प्रेषित किये जाने हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में ही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ सम्बन्धित ठेकेदारों को कार्यों के शिलान्यास के समय ही यह स्पष्ट रूप से निर्देशित किया जा चुका है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई कम्परोमाइज नहीं किया जायेगा। परन्तु इन निर्देशों का अनुपालन मुझे होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा हैं। पूर्व में घासमण्डी, खालापार की मुख्य सड़क एंव प्रेमपुरी की सडकें बहुत ही अच्छी क्वालिटी की निर्मित हुई। इससे पालिका की छवि जनता की नजरों में अच्छी हुई। परन्तु खेद है कि अधोहस्ताक्षरी द्वारा निरीक्षण में पण्डित मदन मोहन मालवीय से लेकर नावल्टी चैराहे तक जो सडक बनी है, उसमें मुझे प्रथम कई खामियों नजर आयी। यह सडक वर्णित की गयी सडकों की तरह बिल्कुल समतल नहीं बनी हैं तथा सडक की दोनों और की कन्नी कई जगह से अभी से टूट गयी हैं। साथ ही सीवर मैनहॉल के ढक्कन सड़क के लेविल में ना होकर निर्मित की गयी सडक में ही दबा दिये गये हैं। इससे जैसे ही सीवर सफाई की स्थिति होगी तो अनावश्यक रूप से सडक तोडी जायेगी एंव वहाँ फिर से गडदे हो जायेगें।

उन्होंने ईओ को निर्देश दिये कि अतः इस सड़क को भी घासमण्डी की तर्ज पर उल्लिखित कमियों का निराकरण कराकर बिल्कुल ठीक कराये। इसी प्रकार नगर की तमाम निर्मित होने वाली सड़कों का ध्यान रखा जाये। इस हेतु समस्त ठेकेदारों को कड़े निर्देश निर्गत करें कि सीवर मैनहॉल सडक के लेविल में होने चाहिए तथा वह स्पष्ट रूप से दिखाई देने चाहिए। किसी भी दशा में मैनहॉल सडक में नहीं दबने चाहिए।

उन्होंने कहा कि 14 वें वित्त आयोग की धनराशि के अन्तर्गत 39 कार्य ई-निविदा के पश्चात मेरे द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा इसी विकास निधि के अन्तर्गत प्राईमरी स्कूलों के जीर्णोद्वार तथा सौन्दर्यकरण के कायाकल्प योजनान्तर्गत 14 कार्यों की निविदाएं अभी तक अप्राप्त हैं। इस पर विशेष ध्यान देकर इन कार्यो को मूर्तरूप दिलवाने में प्राथमिकता दें। चूकि यह प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में से एक है। 15 वें वित्त आयोग की धनराशि के अन्तर्गत नगर में कुल 122 निर्माण कार्य स्थलों पर सम्पन्न होने हैं, जिनमें से 71 निर्माण कार्यों की पारदर्शिता से करायी गयी ई-निविदा के माध्यम से नियमानुसार अधोहस्ताक्षरी द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। अभी भी 51 निर्माण कार्यो की स्वीकृति प्रक्रिया लटकी हुई हैं। इसपर भी यथाशीघ्र स्वीकृत्ति सम्बन्धी यथोचित कार्यवाही अमल में लाये।

उपरोक्त के अतिरिक्त सर्वसम्मति से बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक वार्ड में अंकन 50-50 हजार रूपये के नाली, पुलिया, चैनल मरम्मत आदि के निर्माण कार्य होने थे। उसमें से मात्र 05 वार्डो की निविदाएं प्राप्त हुई हैं। 50 निविदाएं अभी भी अवशेष है। सभासदगण के साथ-साथ स्थानीय नागरिक निरन्तर मुझसे आवश्यक कार्यो को स्थलों पर यथाशीघ्र कराये जाने का अनुरोध करते रहते हैं। इस पर ध्यान देकर कार्यों की नियमानुसार स्वीकृतियों की कार्यवाही करायें। उन्होंने कहा कि इन सारे प्रकरणों को लेकर कार्यवाही के बारे में दो दिवस में अवगत करायें कि अभी तक स्थलों पर चल रहे निर्माण कार्यों में से आपके द्वारा कितने निर्माण कार्यो का स्वंय निरीक्षण किया तथा वहाँ क्या खामियों पायी गयी? एंव सम्बन्धित को आपके द्वारा क्या-क्या निर्देश दिये गये ?

साथ ही वित्तीय वर्ष 2020-21 में मात्र 11 दिन की अवधि अवशेष बची हैं, इसमें शासनादेशानुसार नियत अवधि में स्थलों पर गुणवत्तापरक कार्य सम्पन्न कराये जाने तथा उनके नियमानुसार भुगतान करते हुए उपभोग प्रमाण-पत्र शासन को उपलब्ध कराने की क्या कार्ययोजना आपके द्वारा तैयार कर रखी हैं? समस्त स्थिति से अवगत करायें। निर्गत निर्देशों का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। प्रतिकूलता की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारित करना बाध्यता होगी।

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