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मुजफ्फरनगर....डीजल घोटाले से लिया सबक, अब अपना पेट्रोल पम्प लगायेगी नगरपालिका

चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने विरोधियों को भी दी विकास की सौगात, पहली बार बोर्ड फण्ड से होंगे 55 सभासदों के वार्डों में होंगे 7 से 5 लाख रुपये तक के कार्य, विरोधी सभासदों राजीव और मनोज को 11 लाख का काम

मुजफ्फरनगर....डीजल घोटाले से लिया सबक, अब अपना पेट्रोल पम्प लगायेगी नगरपालिका
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मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में करीब करीब 200 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया। इस पैसे से शहर को विकास होता, कर्मचारी और पालिका हित में कई बड़े काम किये जायेंगे। इस बोर्ड मीटिंग के लिए यूं तो कई ऐतिहासिक फैसले हुए हैं, लेकिन साढ़े सात महीने के बाद एक बार फिर से चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने विपक्ष के सामने दृढ़ता के साथ डटकर खुद का एक बाहुबली के रूप में पेश किया। हालांकि शहर के लोग उनकी निडरता के कारण उनको आयरन लेडी का खिताब पहले ही दे चुके हैं, लेकिन इस बैठक में विरोधियों की तमाम घेराबंदी के बाद चेयरपर्सन ने अपना राजनीतिक कौशल जिस प्रकार साबित करके दिखाया है, उससे आज शहर ही नहीं जिले भर में उनकी प्रशंसा हो रही है। चेयरपर्सन ने केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के सहारे इस बार विपक्ष को राजनीतिक बिसात पर धोबी पछाड़ मारकर एक ही झटक में चित्त कर 126 प्रस्ताव वाले एजेंडे में से 124 प्रस्ताव पारित कराने में सफलता हासिल की है। दो ही प्रस्ताव अगली बैठक के लिए स्थगित किये गये। अगली बैठक का ऐलान भी किया गया। 13 जुलाई के लिए एजेंडा बनाने का काम सोमवार से शुरू कर दिया जायेगा।


बहुप्रतीक्षित पालिका बोर्ड बैठक आखिरकार राजनीतिक उठा-पटक की तस्वीरों के बीच शनिवार को सम्पन्न हो गयी। इस बोर्ड बैठक में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल कई ऐतिहासिक काम कराने के रास्तों को खुलवाने में सफल साबित हुई। इसके लिए उन्होंने राजनीतिक साजिश को राजनीतिक कौशल से ही मात देने का काम करके दिखाया। विरोधियों ने जो चाल उनके सामने बिछायी गयी बिसात पर चली, उसी चाल की काट को उन्होंने विरोधियों के अंदाज में ही जवाब दिया। 126 प्रस्ताव के एजेंडे में दो विशेष प्रस्ताव तो वह बहुमत के आधार पर पारित करा ही ले गयी, लेकिन 124 पारित प्रस्तावों में उन्होंने जो बल दिखाया, वह काबिले तारीफ है। विपक्ष की जुबां में डा. संजीव बालियान भले ही उनके लिए खेवनहार बने, लेकिन चेयरपर्सन ने बोर्ड मीटिंग में अपना बाहुबल एक बार फिर से साबित कर यह भी संदेश दिया कि जनता उनको आयरन लेडी यूं ही नहीं कहती है।

इस बोर्ड मीटिंग में चेयरपर्सन को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी विरोधी सभासदों राजीव शर्मा और मनोज वर्मा का फिर से विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन जिस सख्त रवैये के साथ उन्होंने इन दोनों भाजपाई सभासदों के विरोध के स्वरों को खामोश करते हुए अपने स्टेनो गोपाल त्यागी का न केवल बचाव किया, बल्कि दृढ़ता के साथ उनके लिए खड़ी नजर आई, उसको लेकर प्रशंसा हो रही है। इसके बावजूद भी उन्होंने इन विरोधियों के वार्डों के विकास के लिए कोई भेदभाव नहीं किया। इस बोर्ड बैठक के सहारे पालिका के 55 सभासदों (50 निर्वाचित 5 नामित) को पहली बार बोर्ड फण्ड से किसी चेयरमैन के द्वारा विकास की सौगात देने का काम किया गया है। इसमें प्रत्येक वार्ड में 7 से 5 लाख रुपये के काम दिये गये हैं। यह पहली बार है कि कार्यकाल की विदाई पर सभासदों को चेयरपर्सन की ओर से एक एक विकास कार्य दिया गया है। इसमें कोई भी भेदभाव नहीं बरता गया है। चेयरपर्सन पर काम नहीं देने, भेदभाव करने के आरोप लगाने वाले सभासद मनोज वर्मा और राजीव शर्मा को भी लगातार विरोध करने के बावजूद चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने 11 लाख रुपये का काम देकर बड़ा दिल दिखाया है।


इसके साथ ही इस बोर्ड बैठक में गरीब कल्याण का आइना भी नजर आया। गरीबों के लिए चेयरपर्सन ने एम्बुलेंस, शव वाहन, दो डीज फ्रीजर श्मशान घाट के लिए खरीदने के प्लान को मंजूरी दिलाई। पालिका की आय बढ़ाने के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए दशकों पुराने पालिका मार्किट किरायेदारी के विवाद का भी निस्तारण तक पहुंचाने का काम किया। इसमें 90 दिनों में पालिका की आय बढ़ने का रास्ता खुला। डीजल चोरी पकड़ी गयी तो उस पर अंकुश लगाया और पालिका का अपना पेट्रोल पम्प स्थापित करने का दृढ़ संकल्प दिखाते हुए विरोध के बावजूद पारित किया। यह स्थापित हुआ तो जिले के लोगों को सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलने का अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही कांवड यात्रा पर पालिका का पहला कांवड सेवा शिविर लगाने, गरीब कन्याओं की शादी के लिए बारात घर, दो वार्डों में आधुनिक स्ट्रीट लाइटें लगवाने, 8 कूड़ा डलाव घरों पर काम्पेक्टर लगवाने जैसे कार्यों को हरी झंडी मिली।

बोर्ड मीटिंग में जिन दो प्रस्तावों को अगली बैठक के लिए स्थगित रखा गया, वह भी शहर और पालिका हित के लिए महत्वपूर्ण है। इनमें प्रस्ताव संख्या 611 के तहत शहर में लगी 15927 स्ट्रीट लाइटों को आधुनिक सेंसर तकनीक से जोड़ने का प्लान है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चेयरपर्सन ने 2 हजार लाइटों पर सेंसर लगवाने की तैयारी की है। इस पर 10.19 लाख रुपये खर्च करने का प्लान है। यह खर्च भी पालिका बोर्ड फण्ड से करने की योजना है, इसके लिए प्रभारी स्ट्रीट लाइट जेई जलकल का कहना है कि वर्तमान में स्ट्रीट लाइट खोलने और बंद करने के लिए कर्मचारियों को लगाया है, ऐसे में दिन में भी कई बार लाइटें खुली रह जाती है, जिससे विद्युत का अनावश्यक उपयोग होता है। सेंसर लगने के बाद उजाला होने पर लाइटें स्वतः बंद होंगी और अंधेरा होने पर चालू।

प्रस्ताव संख्या 647 को भी स्थगित किया गया। इस प्रस्ताव के सहारे शहर से निकलने वाले ड्रेनेज को शोधित करने का प्लान है। यह प्रस्ताव एनजीजीट के दिशा निर्देशों पर लगाया गया है, पूर्व में पालिका के 7 अंटेप्ड नालों पर दूषित ड्रेनेज नदी तक पहुंचाने के लिए एनजीटी के द्वारा पालिका प्रशासन पर 8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसी के तहत अब इन नालों पर बायो कम फाइटो रेमिडियेशन विधि से नालों के जल को शोधित करने हेतु प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गयी है। इस कार्य पर 15वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त टाइड ग्रांट से कार्य होना है। इसके लिए 77822 रुपये प्रतिदिन का खर्च का अनुमान लगाया गया है। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल का कहना है कि विकासशील सोच रखने वाले सदस्यों, अफसरों और कर्मचारियों के सहारे हम अपने शहर के विकास के विजन को आगे बढ़ाने के लिए सफल हो पाये है। इस विजन के लिए हमें मंत्री संजीव बालियान और मंत्री कपिल देव अग्रवाल का भी साथ मिला, इसके हम सौभाग्यशाली हैं। दोनों मंत्रियों ने हमारे काम को सराहा है। यह बोर्ड उनका आभार जताता है। अब हम 13 जुलाई की बोर्ड बैठक में कांवड से पहले कई महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं।

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