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मुजफ्फरनगर...सिपाहियों को पीटकर वांछित आरोपी थाने से फरार

ककरौली थाने में सुबह हुई घटना से मचा पुलिस में हड़कम्प, अफसर हुए खामोश। ककरौली में आपसी झगड़े के दौरान पुलिस पर हमले के आरोपी को किया गया था गिरफ्तार, 24 आरोपियों के खिलाफ दरोगा ने दर्ज कराई थी एफआईआर, जिला पंचायत सदस्य समेत 9 आरोपी जा चुके हैं जेल।

मुजफ्फरनगर...सिपाहियों को पीटकर वांछित आरोपी थाने से फरार
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मुजफ्फरनगर। ककरौली थाना पुलिस आज फिर से चर्चाओं में आ गई है। दस दिन पूर्व खोर के साथ ही चारपाई बिछाने के विवाद में दो गुटों के संघर्ष के दौरान ककरौली में जिला पंचायत सदस्य सहित अन्य लोगों के द्वारा पुलिस पर जानलेवा हमले करने के प्रकरण में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये एक आरोपी को जब थाना में लॉकअप में बंद करने के लिए सिपाही उसको ले जा रहे थे, तो थाना परिसर में ही आरोपी ने सिपाहियों के साथ मारपीट शुरू कर दी और हाथापाई करते हुए चकमा देकर थाने से फरार हो गया।

जनपद के ककरौली थाना परिसर से ही पुलिस पर जानलेवा हमला करने के मुकदमे में वांछित आरोपी युवक के दो सिपाहिायें की आंख में धूल झौंककर फरार हो जाने की घटना से पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया। इस मामले में आरोपी की थाने से फरारी के मामले में कोई भी पुलिस अफसर कुछ बोलने को तैयार नजर नहीं आया। हालांकि आरोपी की तलाश के लिए पुलिस टीमों का लगा दिया गया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था। जानलेवा हमला करने के आरोपी की फरारी को लेकर ककरौली पुलिस की बड़ी फजीहत हो रही है। इसमें पहले ही पुलिस पर मुकदमे के नामजद 15 आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव बना हुआ है।

दरअसल, ककरौली थाना क्षेत्र के गांव ककरौली में दो पक्षों के बीच 17 मई की शाम को खोर और चारपाई बिछाने को लेकर आपसी विवाद हो गया था। दोनों ही पक्षों की तरफ से लाठी-डंडे और फायरिंग के साथ ही पत्थरबाजी भी हुई थी। इस मामले में 18 मई की सुबह हल्का चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक जोगेन्द्र सिंह ढिल्लो के द्वारा ककरौली थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 17 मई को शाम ककरौली में झगड़ा होने की सूचना पर वह अपने हमराह सिपाहियों सलमान और दिनेश तथा महिला कांस्टेबल प्रीति के साथ मौके पर पहुंचे थे। वहां पर आपस में झगड़ा कर रहे 30-35 लोग एक दूसरे पर पत्थरबाजी और फायरिंग कर रहे थे। उनको समझाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने उनको घेर लिया और गाली गलौच करते हुए पथराव कर दिया। इसके साथ ही जान से मारने की नीयत से पुलिस वालों पर फायरिंग भी की गयी।

9 आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार

इस मामले में उप निरीक्षक ने शहजाद पुत्र हाशिल, मूसा पुत्र खलील, अनस पुत्र सलीम, पप्पू उर्फ नईम अख्तर पुत्र रशीद, याकूब पुत्र इमामुदीन, शहजार पुत्र सगीर, उमरदराज पुत्र याकूब, जिला पंचायत सदस्य शाहनवाज कुरैशी पुत्र नसीम उर्फ सोमदत्त, कामिल पुत्र इब्राहिम, शावेज पुत्र साबिर, शाद पुत्र याकूब, जीशान पुत्र मौहम्मद अली, वसीम पुत्र कालू, वकार पुत्र अब्दुल कासिम, अरशद पुत्र मुमत्याज, इरफान पुत्र इमरान, लियाकत पुत्र सगीर अहमद, फैजान पुत्र अखलाक, तहसीन पुत्र अखलाक, साजिद पुत्र अखलाक, जावेद पुत्र यासीन, नौशाद पुत्र इरशाद, शादाब पुत्र इरशाद निवासीगण गांव ककरौली और शाहिद पुत्र नूर इलाही निवासी गांव कवाल थाना जानसठ को नामजद किया गया था। इस मामले में 17 मई की रात को ही 9 आरोपियों जिला पंचायत सदस्य शाहनवाज कुरैशी, शहजाद, मूसा, अनस, पप्पू उर्फ नईम अख्तर, याकूब, शहजाद पुत्र सगीर, कामिल और शाहिद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फरार 15 आरोपियों की तलाश की जा रही थी।

10वें आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस को पड़ी भारी

सूत्रों के अनुसार एक आरोपी शादाब पुत्र इरशाद को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया था। शादाब को पुलिस थाने लेकर गयी और उसको जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। कार्यालय में उसकी आमद दर्ज कराने के बाद दो सिपाही उसको थाने के लॉकअप में बंद करने के लिए ले जा रहे थे। इसी बीच शादाब ने सिपाहियों के साथ हाथापाई शुरू कर दी और उनको चकमा देकर थाना परिसर से ही फरार हो गया। पुलिसकर्मियों ने दूर तक उसका पीछा ीाी किया, लेकिन वह हाथ नहीं लग पाया है। गिरफ्तार मुजरिम शादाब के पुलिस हिरासत से फरार होने से हड़कम्प मच गया। घटना के बाद पुलिस मामले को रफादफा करने और जानकारी छिपाने में लगी हुई है। पूरी जानकारी देनेे बच रही है।

एसपी देहात बाहर, सीओ का बजता रहा फोन, थाना प्रभारी गाजियाबाद और एसएसआई भी थाने में नहीं!

इस मामले में जब थाना प्रभारी अभिषेक सिरोही के सीयूजी नम्बर पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह थाने पर नहीं है और ऑपरेशन कराने के लिए गाजियाबाद आये हुए हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि थाने पर कुछ हुआ है, इसकी सही जानकारी दरोगा जी ही दे पायेंगे। वहीं थाने पर इंचार्ज हैं। थाना प्रभारी के इस जवाब को लेकर सवाल उठता है कि जब वह थाने पर नहीं हैं और ऑपरेशन कराने गाजियाबाद गये हैं तो सीयूजी फोन क्यों साथ लेकर गये, इसका जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद इस प्रकरण में एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह जिले से बाहर हैं और घटना के बारे में उनको जानकारी नहीं है। वह जानकारी करा रहे हैं। उन्होंने सीओ से बात करने का सुझाव दिया। वहीं सीओ को कई बार फोन मिलाया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन ही रिसीव नहीं किया गया। ककरौली थाने के एसएसआई उप निरीक्षक महेन्द्र त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने भी थाने से बाहर होने की बात बताकर घटना को छिपाया और कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया गया। जबकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में पुलिस की टीमों को थाने से फरार हुए मुजरिम शादाब की तलाश में तुरंत ही लगा दिया गया था। दोनों सिपाहियों से भी घटना को लेकर कड़ी पूछताछ की गयी।

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