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मुजफ्फरनगर.....कायम रहेगा कारगिल शहीद बचन सिंह का सम्मान

23वीं पुण्यतिथि पर डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कराया सड़क नामकरण को लेकर बने विवाद का पटाक्षेप। सिख समुदाय के लोगों से सड़क के नामकरण का शिलापट्ट हटाने के निर्देश, कहा-बदला नहीं जायेगा मार्ग का नामकरण

मुजफ्फरनगर.....कायम रहेगा कारगिल शहीद बचन सिंह का सम्मान
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मुजफ्फरनगर। कारगिल की जंग में अपने प्राणों की आहुति देकर देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले लांस नायक बचन सिंह की शहादत को आखिरकार जिला प्रशासन ने भी सलामी पेश कर ही दी। इस मामले में दो माह पूर्व उनके नाम पर किये गये मार्ग का नामकरण नये सिरे से करने के बाद पैदा हुए विवाद का पटाक्षेप जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के हस्तक्षेप के बाद कर दिया गया। इसमें जिला प्रशासन ने शहीद का सम्मान बरकरार रखा और सिख समुदाय के लोगों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया कि पचेण्डा रोड का नामकरण शहीद बचन के नाम पर ही कायम रहेगा, इसको बदला नहीं जायेगा। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों के द्वारा इस मामले में शांति मार्च निकालने की घोषणा को भी वापस ले लिया और प्रशासन का आभार जताया। वहीं आज शहीद बचन सिंह की 23वीं पुण्यतिथि पर उनके बलिदान को याद करने के लिए स्मारक पर हवन किया गया और लोगों ने फूल अर्पित किये।

बता दें कि गांव पचैण्डा कलां निवासी महावीर सिंह के पुत्र बचन सिंह सेना में लांस नायक के रूप में तैनात थे। वर्ष 1999 में कारगिल यु( के दौरान 12 अप्रैल 1999 की रात्रि में तोलोलिंग और टाइगर हिल की पहाड़ी पर भारत मां की रक्षा करते हुए लांस नायक बचन सिंह शहीद हो गये। हर साल 13 अपै्रल को उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। शहर में सोल्जर बोर्ड के सामने उनका स्मारक स्थापित किया गया था। परिजनों इसी साल इसका भव्य रूप से निर्माण कराकर पुनः स्थापित किया है। शहीद बचन सिंह के नाम पर 2000 में पालिका के बोर्ड प्रस्ताव के अन्तर्गत पचैण्डा रोड का नामकरण किया गया।

12 अपै्रल 2022 को श्री गुरू सिंह सभा के पदाधिकारियों की मांग पर राज्य सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और सदर विधायक कपिल देव अग्रवाल ने गांधी कालौनी में इसी मार्ग का पुनः नामकरण किया और इसको गुरू नानकदेव मार्ग नाम देकर शिलापट्ट का अनावरण किया था। यहीं से बड़ा विवाद पैदा हो गया। शहीद बचन सिंह के परिजनों ने इसके लिए आवाज उठाई और इसको शहीद का अपमान बताते हुए वापस कराने की मांग की। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के आह्नान पर पूर्व सैनिकों ने भी मोर्चा खोल दिया। हालांकि मंत्री कपिल देव ने विवाद पैदा होने के बाद स्पष्ट किया था कि उनको पता नहीं था और अनजाने में उनसे यह कार्य हुआ है। इसके बाद सिख समुदाय ने भी मार्ग का नाम वापस नहीं कराने की जिद पकड़ ली। विवाद दो महीने से लगातार चलता रहा। गत दिनों पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया कि 13 जून को शहीद बचन सिंह की 23वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सम्मान वापसी के लिए शहर में शांति मार्च निकाला जायेगा।

सोमवार को सवेरे भारी संख्या में पूर्व सैनिक शहीद स्मारक पर एकत्र हुए और यहां परिवार के द्वारा हवन में शामिल होकर आहुति दी। इसके बाद सोल्जर बोर्ड परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। यहां पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल सुरेश चन्द्र त्यागी ने बताया कि डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इस मामले में वार्ता के लिए दोनों पक्षों को आमंत्रित किया है। यहां से पूर्व सैनिक और शहीद के परिजन वार्ता के लिए कलैक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर श्री गुरू सिंह सभा के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया था। दोनों पक्षों की वार्ता सुनने के बाद डीएम ने शहीद का सम्मान कायम रखने की बात कही। सुरेश चन्द्र ने बताया कि डीएम ने 11-11 लोगों को वार्ता के लिए बुलाया था। हमारे साथ सैंकड़ों पूर्व सैनिक और ग्रामीण कलैक्ट्रेट पहुंचे थे। हमने अपना पक्ष रखा और शहीद की पत्नी कामेश बाला ने भी डीएम को परिवार की पीड़ा से अवगत कराया। सिख समाज के लोग कोई भी ठोस कारण नहीं बता पाये। दोनों पक्षों को सुनने के बाद डीएम ने निर्देश दिये कि सिख समुदाय के लोग पचेण्डा मार्ग पर जहां भी नाम परिवर्तन के बोर्ड या शिलापट्ट लगाये गये हैं, उनको हटाने का काम करेंगे। इसके लिए उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार को मौके पर भेजा। उनके साथ संस्था के सचिव कर्नल राजीव कुमार और सिख समुदाय के लोग भी गये। निरीक्षण के बाद उन्होंने रिपोर्ट डीएम को दी। सुरेश चन्द ने कहा कि हम और शहीद का परिवार डीएम द्वारा दिये गये आश्वासन से संतुष्ट हैं। सिख समुदाय को दो दिनों में बोर्ड और शिलापट्ट हटाने को कहा गया है।

इस दौरान शहीद बचन सिंह की पत्नी कामेश बाला, पुत्र हेमन्त कुमार, कर्नल ओमप्रकाश, प्रमेन्द्र राठी, अशोक कुमार, राजेन्द्र राठी, ब्रजभूषण शर्मा के साथ ही श्री गुरू सिंह सभा के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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