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अस्थायी कवाल जेल में अब कोरोना एंटीजन टेस्ट नहीं!

कवाल अस्थायी जेल के बंदियों को लेकर पुलिसिया सिफारिश से परेशान हुआ स्वास्थ्य विभाग, अब केवल आरटीपीसीआर टेस्ट ही कराने का बनाया मन। एक बंदी के लिए पुलिस की गलत सिफारिश करने पर लिया बड़ा फैसला, एसएसपी से भी की गई शिकायत।

अस्थायी कवाल जेल में अब कोरोना एंटीजन टेस्ट नहीं!
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मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में कोरोना एक्टिव केस की संख्या में सबसे बड़ा योगदान देने वाली अस्थायी कवाल जेल को लेकर स्वास्थ्य विभाग का टेंशन बढ़ रहा है। इस अस्थायी जेल में बंद बंदियों को लेकर पुलिस कर्मचारियों की ओर से आ रही सिफारिशों ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज में परेशानी खड़ी कर दी है। यहां पर पाजिटिव आने वाले बंदियों के लिए पुलिस विभाग की ओर से नियमों के विपरीत सिफारिशों के मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी माथा पकड़े बैठे हैं।

इसी को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने अस्थायी कवाल जेल में कोरोना एंटीजन टेस्ट कराने की व्यवस्था बन्द करने का निर्णय लिया है। अस्थायी जेल के बंदियों के केवल आरटीपीसीआर टेस्ट कराये जायेंगी और इसकी रिपोर्ट की मान्य होगी। इस आशय का आदेश जारी करते हुए एसएसपी और जेल अधीक्षक को भी पत्र भेज दिया है। अभी तक अस्थायी जेल कवाल में निरु( बंदियों के एंटीजन कोविड टेस्ट कराये जा रहे थे। इसमें पाजिटिव आने वाले बंदियों को क्वाइरंटाइन कराया जा रहा है। अब इस जेल में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनको लेकर स्वास्थ्य विभाग का सिरदर्द बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की ओर से एक चिट्ठी मिली है, जिसमें पाजिटिव आये एक बंदी को लेकर सिफारिश की गयी है। सूत्रों के अनुसार एक बार पाजिटिव आने के बाद कम से कम दस दिन क्वारंटाइन किये जाने का नियम है, लेकिन इस बंदी को इससे पहले ही फिर से एंटीजन टेस्ट करा लिया गया और इसमें उसके निगेटिव आ जाने के बाद इस बंदी को क्वारंटाइन से मुक्त करने की सिफारिश पुलिस द्वारा की गयी है। इसमें विभागीय अधिकारियों ने नियमों के विपरीत कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया गया है।

कोरोना नोडल अधिकारी डा. एसके अग्रवाल के सामने भी यह मामला पहुंचा तो उनके द्वारा पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की गयी। उन्होंने बार बार पेश आ रही इस परेशानी को रोकने के लिए अस्थायी कवाल जेल में कोरोना के एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था बंद करने के निर्देश जारी करने के साथ ही एसएसपी और जेल अधीक्षक को भी इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने अस्थायी जेल कवाल में एंटीजन कोविड टेस्ट में लगे कर्मचारी अशोक को भी मौखिक आदेश देते हुए मंगलवार से वहां पर एंटीजन टेस्ट किट से किसी भी बंदी का कोविड टेस्ट नहीं करने के निर्देश दिये हैं। सूत्रों ने बताया कि इस आदेश पर तुरंत ही अमल किया गया है। अब अस्थायी कवाल जेल में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए बंदियों के केवल आरटीपीसीआर कोविड-19 टेस्ट के लिए ही सैम्पलिंग होगी और यही रिपोर्ट मान्य की जायेगी। बता दें कि अस्थायी कवाल जेल से ही पूर्व में प्रतिदिन भारी संख्या में कोरोना एक्टिव केस सामने आते रहे हैं। यहां एक दिन में 50 या इससे अधिक कोरोना पाजिटिव आने की बात भी सामने आती रही है। हालांकि इस मामले में सीएमओ डा. प्रवीण चौपडा का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई आदेश नहीं है।

जनपद में अब 375 एक्टिव केस, कोविड अस्पताल में 38 ही भर्ती

मुजफ्फरनगर। देश के साथ ही जनपद मुजफ्फरनगर में भी कोरोना संक्रमण का असर लगातार घट रहा है। यहां पर रिकवरी रेट भी अच्छा होने के कारण जिला प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली है। वर्तमान में जनपद में 375 कोरोना एक्टिव केस हैं। इनमें से केवल 38 कोरोना पाजिटिव ही सरकारी कोविड-19 एल1 अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जनपद में मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज बेगराजपुर कोविड अस्पताल में 34 और जानसठ रोड द्वारिकापुरी कोविड अस्पताल में 4 कोरोना पाजिटिव मरीज ही भर्ती हैं। इसके अलावा 30 कोरोना पाजिटिव मरीज मेरठ, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद आदि जिलों में निजी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। शेष कोरोना पाजिटिव लोगों को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की निगरानी में होम आइसोलेट किया गया है।

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