undefined

रोहाना शुगर मिल को बड़ा झटका, डिस्टलरी प्लांट पर मंडराया संकट!

डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार सदर को तत्काल ही उक्त विवादित भूमि पर अपना कब्जा प्राप्त करने के आदेश जारी किये हैं।

रोहाना शुगर मिल को बड़ा झटका, डिस्टलरी प्लांट पर मंडराया संकट!
X

मुजफ्फरनगर। रोहाना शुगर मिल को अपनी नई डिस्टलरी प्लांट के लिए बड़ा झटका लगा है। डीएम के एक आदेश ने इस शुगर मिल के प्रोजेक्ट की करीब 30 बीघा जमीन छीन ली है। इसका मिल के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों ने डीएम कोर्ट के बाहर ही जमकर जश्न मनाया। डीएम ने अपने आदेश में तहसीलदार सदर को विवादित भूमि पर सरकारी कब्जा प्राप्त करने के निर्देश दिये हैं।

इन दिनों इंडियान पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के अधीन रोहाना शुगर मिल द्वारा श्मशान की भूमि के रूप में दर्ज खसरा नम्बर 635 के 10 पट्टों को मिलाकर भूमि पर डिस्टलरी प्लांट लगवाया जा रहा है। ऐसे में श्मशान की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत करते हुए भाजपा नेता विपुल कुमार त्यागी बहेडी ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर शुगर मिल रोहाना को पार्टी बनाते हुए लड़ाई शुरू की। इसके लिए ग्रामीणों ने लगातार भूमि पर धरना भी दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई और शुगर मिल द्वारा भूमि को अपनी बताते हुए वहां पर डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए अन्य विभागों से एनओसी भी प्राप्त कर ली गयी थी। इस करीब 30 बीघा भूमि पर मिल द्वारा डिस्टलरी प्लांट लगाने की कार्यवाही तेजी से चल रही है।


विपुल त्यागी ने बताया कि वर्ष 1975 में खसरा नम्बर 635 के अन्तर्गत इस सरकारी भूमि पर नियम विरुद्ध पट्टे काट दिये गये थे। इस भूमि में दस लोगों को 3-3 बीघा भूमि के पट्टे दिये गये थे। यह पट्टे साल 1989 तक चले, लेकिन उन दिनों राज्य चीनी निगम के अन्तर्गत रोहाना शुगर मिल की ओर से इस भूमि का सरकारी गजट कराते हुए खसरा नम्बर 635 की भूमि पर कब्जा कर लिया गया था। विपुल त्यागी के अनुसार खसरा नम्बर 635 की यह भूमि गांव के श्मशान के रूप में दर्ज चली आ रही थी। साल 2010 में राज्य चीनी निगम की इस मिल को आईपीएल ने खरीद लिया और इसके साथ ही खसरा नम्बर 635 की भूमि को भी मिल प्रबंध तंत्र ने अवैध रूप से अपने कब्जे में ले लिया। विपुल त्यागी ने बताया कि वह अन्य ग्रामीणों के साथ इस भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए साल 2016 से लड़ाई लड़ रहे हैं।


उन्होंने बताया कि इसके लिए सुदेश कुमार शुक्ला पुत्र जगदीश कुमार शुक्ला व अन्य ग्रामीणों की ओर से जिलाधिकारी के न्यायालय में 20 मई 2019 को वाद दायर किया गया। इसमें जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। इसमें शुगर मिल के द्वारा खसरा नम्बर 635 के 10 पट्टों की भूमि पर किये गये कब्जे को अवैध मानते हुए इन पट्टों की स्वीकृति को भी निरस्त करने का आदेश जारी किया है। इसमें डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार सदर को तत्काल ही उक्त विवादित भूमि पर अपना कब्जा प्राप्त करने के आदेश जारी किये हैं। विपुल त्यागी ने बताया कि इस खसरा नम्बर के तहत करीब 30 बीघा भूमि है। कोर्ट के आदेश के बाद विपुल त्यागी व अन्य ग्रामीणों ने डीएम कोर्ट के बाहर आकर जश्न मनाया और इसे सच्चाई की जीत करार दिया है।

Next Story