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मुजफ्फरनगर में बार संघ ने कचहरी में लागू किया ड्रेस कोड

जूनियर एडवोकेट्स और मुंशियों पर लागू होगा नया नियम, दोनों की ड्रेस का हुआ निर्धारण, अब वकील बताकर घूमने वालों पर होगी सख्ती, 10 अपै्रल के बाद शुरू होगी चेकिंग

मुजफ्फरनगर में बार संघ ने कचहरी में लागू किया ड्रेस कोड
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मुजफ्फरनगर। कचहरी में वकीलों की वेशभूषा में घूमकर लोगों को गुमराह करने के मामले में अंकुश लगाने और वकीलों की सुरक्षा तथा सम्मान की खातिर अब जिला बार संघ ने नया नियम लागू कर दिया है। कचहरी में अब वकील, जूनियर और मुंशियों की ड्रेस अलग होंगी। वकील अपनी निर्धारित ड्रेस में ही नजर आयेंगे, जबकि जूनियर एडवोकेट (लॉ स्टूडेंट) और वकीलों के मुंशियों को जिला बार संघ के द्वारा लागू किये गये ड्रेस कोड का पालन करना होगा। इसके लिए बार संघ ने बेहद सख्ती के साथ यह नियम लागू करने की तैयारी की है। कचहरी में 10 अपै्रल के बाद चेकिंग अभियान छेड़ा जायेगा और जो भी बार के इस ड्रेस कोड का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

बता दें कि जिला कचहरी में वकील न होने पर भी मुंशी और जूनियर एडवोकेट ;लॉ स्टूडेंटद्ध अदालतों में वकील बनकर घूमते हैं, उनके द्वारा लोगों को वकील बताकर गुमराह भी किया जाता है। कुछ मुंशी और स्टूडेंट तो वकीलों की ड्रेस पहनकर भी अदालतों में जाते हैं। इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी पैदा हुई और कई शिकायतें भी बार के पास पहुंची थी, लेकिन अब ऐसे मामलों को रोकने के लिए जिला बार संघ ने सख्त कदम उठाया है। जिला बार संघ की कार्यकारिणी की मीटिंग में जूनियर एडवोकेट (लॉ स्टूडेंट) और मंुशियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है, ताकि ड्रेस से ही कचहरी में वादकारियों, अन्य लोगों और अदालत में कार्यरत कर्मचारियों व न्यायिक अधिकारियों के द्वारा उनकी पहचान कर ली जाये।


जिला बार संघ के अध्यक्ष वसी अंसारी एडवोकेट ने बताया कि कचहरी में लॉ स्टूडेंट जोकि प्रथम और द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत रहते हुए किसी वरिष्ठ अधिवक्ता के जूनियर स्टाफ के रूप में प्रेक्टिस सीखने के लिए आते हैं, उनके द्वारा वकीलों की ड्रेस पहनकर ही कचहरी में और अदालतों में कार्य किया जाता है। इसके साथ ही कुछ मुंशियों के द्वारा भी खुद को वकील बताकर परिचय दिया जाता है और वह भी वकीलों की ड्रेस पहनकर कार्य करते हैं। वह अपने अनुभव के आधार पर कई बार वादकारियों से मुकदमे भी ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कचहरी में अधिवक्ताओं के सम्मान को भी ठेस पहुंचती है। वकीलों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते हैं। इसी को लेकर बार कार्यकारिणी में आये प्रस्ताव पर विचार विमर्श करते हुए सर्वसम्मति से लॉ स्टूडेंट और मंुशियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है।

उन्होंने बताया कि मीटिंग में हुए निर्णय के अनुसार जूनियर एडवोकेट जिनका बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो उनके लिए निर्धारित ड्रेस कोड में काले रंग की पेंट और लाइट ब्लू रंग की शर्ट तय की गयी है। इसके साथ ही कचहरी में कार्य कर रहे मुंशियों के लिए सफेद शर्ट पहनकर कार्य करने पर रोक लगा दी गयी है। मुंशियों के लिए लाइन वाली शर्ट का प्रयोग करने के साथ ही कुर्ता पायजामा को मंजूरी दी गयी है। इस ड्रेस के अलावा इन लोगों के द्वारा कचहरी में कार्य दिवस पर दूसरे वस्त्र पहनने पर पाबंदी लगाई गयी है। उन्होंने कहा कि इस ड्रेस कोड के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। 10 अपै्रल के बाद कचहरी में बार संघ के पदाधिकारियों के द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जायेगा। इसमें यदि कोई भी सम्बंधित ड्रेस कोड के बिना पाया जायेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। जिला बार संघ के इस निर्णय के चलते कचहरी में हलचल मची हुई है।

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